ज्ञानेश जी, हमने चोरी पकड़ी तब आपको ताला लगाना याद आया... अब चोरों को भी पकड़ेंगे। बताइए, सीआईडी को सबूत कब दे रहे हैं आप?

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा कर्नाटक के आलंद और महाराष्ट्र के राजुरा में मतदाता सूची में नामों को गलत तरीके से जोड़ने और हटाने के आरोप लगाने के कुछ दिन बाद ही चुनाव आयोग ने अपने ECINet पोर्टल और ऐप पर ‘ई-साइन’ की नई सुविधा शुरू की है। इस सुविधा के तहत अब नाम जोड़ने या हटाने के लिए आवेदकों को आधार से जुड़े मोबाइल नंबर के माध्यम से सत्यापन कराना अनिवार्य होगा।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग के पोर्टल पर ‘ई-साइन’ सुविधा पहली बार 23 सितंबर को उपलब्ध कराई गई। अब फॉर्म-6 (नए मतदाता पंजीकरण) और फॉर्म-7 (नाम हटाने या आपत्ति दर्ज कराने) के लिए ई-साइन को अनिवार्य कर दिया गया है।
अब आवेदकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके वोटर कार्ड पर दर्ज नाम और आधार कार्ड पर दर्ज नाम एक जैसे हों, साथ ही उपयोग किया जा रहा मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना चाहिए।
फॉर्म भरने के बाद आवेदक को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सी-डैक (C-DAC) के पोर्टल पर रीडायरेक्ट किया जाता है, जहां उन्हें अपना आधार नंबर दर्ज कर ओटीपी जेनरेट करना होगा। यह ओटीपी उस मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा जो आधार से लिंक है।
उल्लेखनीय है कि यह नई सुविधा राहुल गांधी की 18 सितंबर की प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद शुरू की गई। मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया था कि कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट पर लगभग 6,018 वोटों को हटा दिया गया। उनके अनुसार, बाहरी राज्यों के मोबाइल नंबरों का उपयोग करके मतदाताओं की नकल की गई और सॉफ़्टवेयर के माध्यम से उन बूथों से नाम हटाए गए जहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत थी।
राहुल गांधी ने कहा था, ‘एक ऑटोमेटेड प्रोग्राम के माध्यम से हर बूथ पर सीरियल नंबर-1 वाले मतदाता को डिलीशन का आवेदक बनाया गया। उन्हीं नामों से बाहरी राज्यों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करते हुए आवेदन दाखिल किए गए। हमें पूरा विश्वास है कि यह कार्रवाई किसी स्थानीय कार्यकर्ता द्वारा नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर और केंद्रीकृत तरीके से की गई है। यह प्रक्रिया कॉल सेंटर स्तर पर संचालित की गई है।’
द वायर ने लिखा कि इन आरोपों को चुनाव आयोग ने एक दिन बाद ही ‘गलत और निराधार’ बताया था। हालांकि, आयोग ने यह भी स्वीकार किया कि आलंद और राजुरा दोनों जगह नाम हटाने और जोड़ने के आवेदनों की प्रामाणिकता पर संदेह के चलते एफआईआर दर्ज की गई है।
चुनाव आयोग के इस नए कदम पर राहुल गांधी ने टिप्पणी करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर तंज कसा: ‘ज्ञानेश जी, हमने चोरी पकड़ी तब आपको ताला लगाना याद आया... अब चोरों को भी पकड़ेंगे। बताइए, सीआईडी को सबूत कब दे रहे हैं आप?’
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इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग के पोर्टल पर ‘ई-साइन’ सुविधा पहली बार 23 सितंबर को उपलब्ध कराई गई। अब फॉर्म-6 (नए मतदाता पंजीकरण) और फॉर्म-7 (नाम हटाने या आपत्ति दर्ज कराने) के लिए ई-साइन को अनिवार्य कर दिया गया है।
अब आवेदकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके वोटर कार्ड पर दर्ज नाम और आधार कार्ड पर दर्ज नाम एक जैसे हों, साथ ही उपयोग किया जा रहा मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना चाहिए।
फॉर्म भरने के बाद आवेदक को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सी-डैक (C-DAC) के पोर्टल पर रीडायरेक्ट किया जाता है, जहां उन्हें अपना आधार नंबर दर्ज कर ओटीपी जेनरेट करना होगा। यह ओटीपी उस मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा जो आधार से लिंक है।
उल्लेखनीय है कि यह नई सुविधा राहुल गांधी की 18 सितंबर की प्रेस कॉन्फ्रेंस के तुरंत बाद शुरू की गई। मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया था कि कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट पर लगभग 6,018 वोटों को हटा दिया गया। उनके अनुसार, बाहरी राज्यों के मोबाइल नंबरों का उपयोग करके मतदाताओं की नकल की गई और सॉफ़्टवेयर के माध्यम से उन बूथों से नाम हटाए गए जहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत थी।
राहुल गांधी ने कहा था, ‘एक ऑटोमेटेड प्रोग्राम के माध्यम से हर बूथ पर सीरियल नंबर-1 वाले मतदाता को डिलीशन का आवेदक बनाया गया। उन्हीं नामों से बाहरी राज्यों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करते हुए आवेदन दाखिल किए गए। हमें पूरा विश्वास है कि यह कार्रवाई किसी स्थानीय कार्यकर्ता द्वारा नहीं, बल्कि बड़े पैमाने पर और केंद्रीकृत तरीके से की गई है। यह प्रक्रिया कॉल सेंटर स्तर पर संचालित की गई है।’
द वायर ने लिखा कि इन आरोपों को चुनाव आयोग ने एक दिन बाद ही ‘गलत और निराधार’ बताया था। हालांकि, आयोग ने यह भी स्वीकार किया कि आलंद और राजुरा दोनों जगह नाम हटाने और जोड़ने के आवेदनों की प्रामाणिकता पर संदेह के चलते एफआईआर दर्ज की गई है।
चुनाव आयोग के इस नए कदम पर राहुल गांधी ने टिप्पणी करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर तंज कसा: ‘ज्ञानेश जी, हमने चोरी पकड़ी तब आपको ताला लगाना याद आया... अब चोरों को भी पकड़ेंगे। बताइए, सीआईडी को सबूत कब दे रहे हैं आप?’
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