साल 2021 में मध्यप्रदेश के इंदौर में एक मुस्लिम चूड़ी विक्रेता तस्लीम अली को दक्षिणपंथी भीड़ ने धार्मिक गालियां दी गईं और बुरी तरह पीटा। उसका एकमात्र अपराध हिंदू इलाके में घर-घर चूड़ियां बेचना था।
साभार : मकतूब
साढ़े तीन साल बाद इंदौर कोर्ट ने तस्लीम अली को सभी आरोपों से बरी कर दिया। गिरफ़्तारी के चार महीने बाद दिसंबर 2021 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने उसे जमानत दे दी थी।
हेड डिटेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में मध्यप्रदेश के इंदौर में एक मुस्लिम चूड़ी विक्रेता तस्लीम अली को दक्षिणपंथी भीड़ ने धार्मिक गालियां दी गईं और बुरी तरह पीटा। उसका एकमात्र अपराध हिंदू इलाके में घर-घर चूड़ियां बेचना था।
वीडियो वायरल होने के बाद मुस्लिमों ने थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था।
मध्य प्रदेश की पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा था कि अगर कोई शिकायत दर्ज करता है तभी वे FIR दर्ज करेंगे। शिकायत के बाद भीड़ के खिलाफ़ FIR दर्ज की गई।
अगले दिन उसके खिलाफ एक जवाबी FIR दर्ज की गई जिसमें दावा किया गया कि उसने एक नाबालिग से छेड़छाड़ की है। उन्होंने POCSO एक्ट सहित 9 गंभीर धाराएं जोड़ीं।
मकतूब की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के हरदोई निवासी अली को 23 अगस्त 2021 को गिरफातर किया गया था। इससे एक दिन पहले उन्होंने इंदौर के बाणगंगा इलाके में लगभग छह बजरंग दल कार्यकर्ताओं के एक समूह के खिलाफ उन पर हमला करने और 10,000 रुपये लूटने की शिकायत दर्ज कराई थी। उनके खिलाफ़ शिकायत उसी दिन दर्ज की गई थी।
हिंदू भीड़ द्वारा उन्हें बेरहमी से पीटे जाने का वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में नाराजगी फैल गई थी। हालांकि इस मामले में चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन उन्हें एक महीने के भीतर ही जमानत मिल गई थी।
साभार : मकतूब
साढ़े तीन साल बाद इंदौर कोर्ट ने तस्लीम अली को सभी आरोपों से बरी कर दिया। गिरफ़्तारी के चार महीने बाद दिसंबर 2021 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने उसे जमानत दे दी थी।
हेड डिटेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में मध्यप्रदेश के इंदौर में एक मुस्लिम चूड़ी विक्रेता तस्लीम अली को दक्षिणपंथी भीड़ ने धार्मिक गालियां दी गईं और बुरी तरह पीटा। उसका एकमात्र अपराध हिंदू इलाके में घर-घर चूड़ियां बेचना था।
वीडियो वायरल होने के बाद मुस्लिमों ने थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था।
मध्य प्रदेश की पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा था कि अगर कोई शिकायत दर्ज करता है तभी वे FIR दर्ज करेंगे। शिकायत के बाद भीड़ के खिलाफ़ FIR दर्ज की गई।
अगले दिन उसके खिलाफ एक जवाबी FIR दर्ज की गई जिसमें दावा किया गया कि उसने एक नाबालिग से छेड़छाड़ की है। उन्होंने POCSO एक्ट सहित 9 गंभीर धाराएं जोड़ीं।
मकतूब की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के हरदोई निवासी अली को 23 अगस्त 2021 को गिरफातर किया गया था। इससे एक दिन पहले उन्होंने इंदौर के बाणगंगा इलाके में लगभग छह बजरंग दल कार्यकर्ताओं के एक समूह के खिलाफ उन पर हमला करने और 10,000 रुपये लूटने की शिकायत दर्ज कराई थी। उनके खिलाफ़ शिकायत उसी दिन दर्ज की गई थी।
हिंदू भीड़ द्वारा उन्हें बेरहमी से पीटे जाने का वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में नाराजगी फैल गई थी। हालांकि इस मामले में चार लोगों को गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन उन्हें एक महीने के भीतर ही जमानत मिल गई थी।