पिछले पांच साल में 200 बड़ी रेल दुर्घटनाओं में 351 लोगों की मौत हुई: रिपोर्ट

Written by sabrang india | Published on: October 4, 2024
पिछले साल जून में ओडिशा के बालासोर में एक बड़ी रेल दुर्घटना हुई थी, जिसमें अन्य 10 सबसे बड़ी रेल दुर्घटनाओं के साथ मिलाकर 297 लोगों की मौत और 637 लोग घायल हुए थे।


साभार : पीटीआई (फाइल फोटो)

भारतीय रेलवे द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच सालों में देश में दो सौ बड़ी रेल दुर्घटनाओं में 351 लोगों की मौत हुई और 970 लोग घायल हुए।

यह जानकारी अंग्रेजी अखबार द हिंदू ने भारतीय रेलवे के हवाले से 17 रेलवे जोन से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर दी है। ज्ञात हो कि यह डेटा आरटीआई कार्यकर्ता विवेक पांडे द्वारा दायर सूचना के अधिकार के अनुरूप सामने आया है।

पिछले साल जून में ओडिशा के बालासोर में एक बड़ी रेल दुर्घटना हुई थी, जिसमें अन्य 10 सबसे बड़ी रेल दुर्घटनाओं के साथ मिलाकर 297 लोगों की मौत और 637 लोग घायल हुए थे। इसके बाद, ईस्ट कोस्ट रेलवे जोन में 15 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 20 मौतें हुईं और 79 लोग घायल हुए। हाल ही में कंचनजंगा एक्सप्रेस में हुई बड़ी दुर्घटना में 10 लोगों की जान गई।

मध्य रेलवे जोन में 22 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें एक की मौत और दो लोग घायल हुए। पूर्वी रेलवे में 12 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें एक व्यक्ति की मौत और नौ लोग घायल हुए, जबकि पूर्व मध्य क्षेत्र में 18 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें आठ लोगों की मौत और 33 लोग घायल हुए।

उत्तर मध्य क्षेत्र में 21 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें दो लोगों की मौत और 49 लोग घायल हुए, जबकि उत्तर रेलवे में 25 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें पांच लोगों की मौत और पांच घायल हुए।

दक्षिण मध्य रेलवे ने 12 दुर्घटनाओं की जानकारी दी, जिनमें एक व्यक्ति की मौत और 26 लोग घायल हुए, जबकि दक्षिण पूर्व मध्य क्षेत्र ने नौ दुर्घटनाओं की सूचना दी, जिनमें तीन लोगों की मौत और छह घायल हुए।

नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे में नौ दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें नौ लोगों की मौत हुई और 45 लोग घायल हुए। उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में दस दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 70 लोग घायल हुए। पश्चिम मध्य क्षेत्र में एक व्यक्ति की मौत हुई और नौ लोग जख्मी हो गए। पश्चिमी क्षेत्र में 12 रेल दुर्घटनाओं में तीन लोगों की मौत हुई।

रेल मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में केवल दो दुर्घटनाएं हुईं, जो कि सुरक्षित जोन में आती हैं। कोंकण रेलवे में तीन दुर्घटनाएं हुईं, जबकि दक्षिण-पश्चिमी और दक्षिणी रेलवे जोन में क्रमशः नौ और चार दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें कोई हताहत नहीं हुआ।

रिपोर्ट के अनुसार, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार (2 अक्टूबर) को कोलकाता स्थित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ब्रेथवेट एंड कंपनी का निरीक्षण करते हुए कहा कि 10 साल पहले प्रति वर्ष 171 दुर्घटनाएं होती थीं, जो अब घटकर 40 रह गई हैं।

बताया गया है कि रेलवे ने पिछले पांच वर्षों (2019-20 से 2023-24) के दौरान मुआवजे में 32 करोड़ रुपये दिए हैं, जिसमें से 26.83 करोड़ रुपये ट्रेन दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों को और 7 करोड़ रुपये घायल लोगों को दिए गए हैं।

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