4 जून को आए चुनावी नतीजों के बाद ही नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया था। लेकिन इसके बाद उनके पिछले कार्यकाल में हुए विकास कार्यों में अनियमितता की पोल पहली बारिश ने ही खोल दी।
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को फिर से एनडीए गठबंधन की तरफ से प्रधानमंत्री बनाया गया है। यानि मोदी की तीसरी बार सत्ता में वापसी हुई है। लेकिन चुनाव संपन्न होने के साथ ही उनके दो कार्यकालों के कथित विकास व सुशासन की पोल खुलनी शुरू हो गई है। चुनावी प्रक्रिया खत्म होते ही नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) में पेपर लीक की खबरें सामने आईं इसे लेकर छात्र आंदोलनरत भी हैं और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। विपक्ष संसद में आवाज उठा रहा है तो वहां शीर्ष नेताओं के माइक ऑफ करने की खबरें आ रही हैं।
इसके बाद UGC-NET का पेपर लीक होने की खबरें सामने आईं। UGC-NET परीक्षा में कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए छात्रों ने शिक्षा मंत्री का इस्तीफ़ा मांगा। बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के सहयोग से वार्षिक नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) 18 जून, 2024 को करवाया गया था। हालांकि, परीक्षा के 24 घंटे के भीतर ही शिक्षा मंत्रालय ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर परीक्षा रद्द करने की घोषणा की, जिसमें कहा गया कि परीक्षा में गड़बड़ी होने का शक है। इसके बाद छात्रों का गुस्सा भड़क उठा और वे प्रदर्शन करने लगे। हालांकि विपक्ष संसद में भी परीक्षाओं में गड़बड़ी के मुद्दे पर सरकार को घेर रही है लेकिन कांग्रेस ने आज आरोप लगाया है कि कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन में देश में पेपर लीक से पीड़ित छात्रों की आवाज उठाई लेकिन उनका 'माइक ऑफ' कर दिया गया। कांग्रेस ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट कर यह आरोप लगाया है।
पेपर लीक को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने फरवरी 2024 में ‘सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024’ पास किया था। इसके साथ ही चुनाव में 'मोदी की गारंटी' में भी इस कानून का जिक्र था। लेकिन जिस तरह से परीक्षाओं में धड़ाधड़ धांधली की खबरें आ रही हैं वह निश्चित तौर पर परेशान करने वाली हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों में पेपर लीक के कारण 15 राज्यों में 41 भर्ती परीक्षाएं रद्द हुईं, जिससे 1.4 करोड़ आवेदकों को गहरा झटका लगा। यह रिपोर्ट सरकार की कथनी और करनी में अंतर को साफ बताती है।
विकास में लीकेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आने से पहले बहुप्रचारित तौर पर गुजरात के विकास मॉडल का सपना दिखाया था। इसके साथ दो कार्यकालों में धड़ाधड़ विकास कार्य कराए गए ताकि तीसरे कार्यकाल में जनता को उसके बारे में बता सकें लेकिन लंबे सूखे के बाद पहली बारिश होते ही यह तथाकथित विकास पानी में डूबा नजर आया तो कहीं छत से रिसता नजर आया।
अयोध्या में पहली बारिश के बाद कई जगह धंस गया 'रामपथ'
अयोध्या में राम मंदिर के भव्य उद्घाटन को महज छह महीने ही बीते थे कि 22 जून को हुई पहली ही बारिश में इनके निर्माण कार्य पर सवाल उठने लगे। एक तरफ जहां शहर में पानी भर गया तो वहीं दूसरी तरफ मंदिर को जल्दबाजी में बनाए जाने को लेकर भी सवाल उठने लगे। राम मंदिर की तरफ जाने वाली हाल ही में बनाई गई राम पथ सड़क बारिश के बाद से कई बार धंस गई। 14 किलोमीटर के दायरे में गड्ढे नजर आ रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि भक्तों को किसी भी असुविधा से बचाने के लिए सड़क की मरम्मत तुरंत करा दी गई है। वहीं योगी सरकार ने निर्माण कार्य में घोर लापरवाही के लिए छह अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।
दिल्ली में पहली बारिश से 11 लोगों की जान गई
दिल्ली के वसंत विहार इलाके में एक निर्माण स्थल पर ढही दीवार के मलबे से शनिवार को तीन मजदूरों के शव निकाले गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इसी के साथ दिल्ली में वर्षा से जुड़े हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) को निर्माणधीन दीवार ढहने की सूचना शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे मिली थी।
दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 की छत गिरी
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार, 28 जून की सुबह, भारी बारिश के बाद दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 की छत गिर गई। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि घटना में 1 शख्स की मौत हो गई है, कई लोगों के घायल होने की खबर भी आ रही है। इतना ही नहीं, दिल्ली में प्रगति मैदान इलाके में रिकॉर्ड समय में बने 1.3 किलोमीटर लंबे अंडरपास में जलभराव हो गया। G20 सम्मेलन से पहले इसे तैयार किया गया था। प्रोजेक्ट की लागत 777 करोड़ रुपये थी. देश की राजधानी में खस्ताहाल इंफ्रास्ट्रक्चर ने सरकार की पोल खोल कर रख दी है।
गुजरात के राजकोट हवाई अड्डे की छत गिरी
एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक, राजकोट हवाई अड्डे की कैनोपी गिरने की घटना सामने आई है। राजकोट के हीरासर में बने अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की कैनोपी का एक बड़ा हिस्सा बारिश में गिर गया। राजकोट एयरपोर्ट की घटना में गनीमत यह रही कि जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। हवाई अड्डे के निदेशक दिंगत बहोरा के अनुसार बारिश के कारण हवाई अड्डे के आगे की छत में जलभराव हो गया था। इसके चलते यह हादसा हुआ। हीरासर में बने राजकोट के नए एयरपोर्ट का उद्घाटन पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
लखनऊ एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 की छत लीक
लखनऊ में पहली बारिश ने ही चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 के लिए परेशानी खड़ी कर दी। मात्र तीन महीने पहले चालू हुए इस नए नवेले टर्मिनल 3 की छत से उस वक्त पानी लीक होने लगा जब लखनऊ में 29 जून को पहली बारिश हुई। टर्मिनल 3 के वेटिंग लाउंज की छत से बारिश का पानी टपकने से एयरपोर्ट पर लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लखनऊ का यह नया टर्मिनल 3 महीने पहले ही शुरू हुआ था। 10 मार्च को इस टर्मिनल 3 की शुरुआत हुई थी। जब इस टर्मिनल की शुरुआत हो रही थी तब इसकी देश दुनिया के तमाम लोगों ने तारीफ की थी। इसी टर्मिनल से 10 दिनों पहले ही इंटरनेशनल उड़ानों की शुरुआत भी हुई थी।
मुंबई के अटल सेतु में दरारें
जिस अटल सेतु पुल का उद्घाटन सिर्फ तीन महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, उसमें दरार आ गई है। बड़ी संख्या में दरारें आने से यात्रियों में दहशत का माहौल है।बिहार में नवनिर्मित पुल के गिरने की घटना तो ताज़ा है, लेकिन मुंबई में भी यह दिल दहला देने वाली घटना सामने आने से सरकार के कामकाज पर कई सवाल उठ रहे हैं।
बिहार में 11 दिन में पांच पुल ढहे
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ सालों में बिहार में पुलों के टूटने की कई घटनाएं हुई हैं, जिससे सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के मानक पर संदेह पैदा हुआ है। हाल ही में केवल 11 दिनों के भीतर पांच पुलों के ढहने की घटना ने लोगों का ध्यान खींचा है और लोगों में गंभीर चिंता पैदा की है। बिहार में जदयू भाजपा की गठबंधन की सरकार है। लेकिन मानसून की शुरूआत में पुलों के ढहने की घटनाओं ने विकास के नाम पर किये जा रहे भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है।
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इस साल हुए लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को फिर से एनडीए गठबंधन की तरफ से प्रधानमंत्री बनाया गया है। यानि मोदी की तीसरी बार सत्ता में वापसी हुई है। लेकिन चुनाव संपन्न होने के साथ ही उनके दो कार्यकालों के कथित विकास व सुशासन की पोल खुलनी शुरू हो गई है। चुनावी प्रक्रिया खत्म होते ही नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) में पेपर लीक की खबरें सामने आईं इसे लेकर छात्र आंदोलनरत भी हैं और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। विपक्ष संसद में आवाज उठा रहा है तो वहां शीर्ष नेताओं के माइक ऑफ करने की खबरें आ रही हैं।
इसके बाद UGC-NET का पेपर लीक होने की खबरें सामने आईं। UGC-NET परीक्षा में कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए छात्रों ने शिक्षा मंत्री का इस्तीफ़ा मांगा। बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के सहयोग से वार्षिक नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) 18 जून, 2024 को करवाया गया था। हालांकि, परीक्षा के 24 घंटे के भीतर ही शिक्षा मंत्रालय ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर परीक्षा रद्द करने की घोषणा की, जिसमें कहा गया कि परीक्षा में गड़बड़ी होने का शक है। इसके बाद छात्रों का गुस्सा भड़क उठा और वे प्रदर्शन करने लगे। हालांकि विपक्ष संसद में भी परीक्षाओं में गड़बड़ी के मुद्दे पर सरकार को घेर रही है लेकिन कांग्रेस ने आज आरोप लगाया है कि कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन में देश में पेपर लीक से पीड़ित छात्रों की आवाज उठाई लेकिन उनका 'माइक ऑफ' कर दिया गया। कांग्रेस ने एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट कर यह आरोप लगाया है।
पेपर लीक को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने फरवरी 2024 में ‘सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024’ पास किया था। इसके साथ ही चुनाव में 'मोदी की गारंटी' में भी इस कानून का जिक्र था। लेकिन जिस तरह से परीक्षाओं में धड़ाधड़ धांधली की खबरें आ रही हैं वह निश्चित तौर पर परेशान करने वाली हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों में पेपर लीक के कारण 15 राज्यों में 41 भर्ती परीक्षाएं रद्द हुईं, जिससे 1.4 करोड़ आवेदकों को गहरा झटका लगा। यह रिपोर्ट सरकार की कथनी और करनी में अंतर को साफ बताती है।
विकास में लीकेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता में आने से पहले बहुप्रचारित तौर पर गुजरात के विकास मॉडल का सपना दिखाया था। इसके साथ दो कार्यकालों में धड़ाधड़ विकास कार्य कराए गए ताकि तीसरे कार्यकाल में जनता को उसके बारे में बता सकें लेकिन लंबे सूखे के बाद पहली बारिश होते ही यह तथाकथित विकास पानी में डूबा नजर आया तो कहीं छत से रिसता नजर आया।
अयोध्या में पहली बारिश के बाद कई जगह धंस गया 'रामपथ'
अयोध्या में राम मंदिर के भव्य उद्घाटन को महज छह महीने ही बीते थे कि 22 जून को हुई पहली ही बारिश में इनके निर्माण कार्य पर सवाल उठने लगे। एक तरफ जहां शहर में पानी भर गया तो वहीं दूसरी तरफ मंदिर को जल्दबाजी में बनाए जाने को लेकर भी सवाल उठने लगे। राम मंदिर की तरफ जाने वाली हाल ही में बनाई गई राम पथ सड़क बारिश के बाद से कई बार धंस गई। 14 किलोमीटर के दायरे में गड्ढे नजर आ रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि भक्तों को किसी भी असुविधा से बचाने के लिए सड़क की मरम्मत तुरंत करा दी गई है। वहीं योगी सरकार ने निर्माण कार्य में घोर लापरवाही के लिए छह अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।
दिल्ली में पहली बारिश से 11 लोगों की जान गई
दिल्ली के वसंत विहार इलाके में एक निर्माण स्थल पर ढही दीवार के मलबे से शनिवार को तीन मजदूरों के शव निकाले गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इसी के साथ दिल्ली में वर्षा से जुड़े हादसों में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) को निर्माणधीन दीवार ढहने की सूचना शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे मिली थी।
दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 की छत गिरी
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार, 28 जून की सुबह, भारी बारिश के बाद दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 की छत गिर गई। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि घटना में 1 शख्स की मौत हो गई है, कई लोगों के घायल होने की खबर भी आ रही है। इतना ही नहीं, दिल्ली में प्रगति मैदान इलाके में रिकॉर्ड समय में बने 1.3 किलोमीटर लंबे अंडरपास में जलभराव हो गया। G20 सम्मेलन से पहले इसे तैयार किया गया था। प्रोजेक्ट की लागत 777 करोड़ रुपये थी. देश की राजधानी में खस्ताहाल इंफ्रास्ट्रक्चर ने सरकार की पोल खोल कर रख दी है।
गुजरात के राजकोट हवाई अड्डे की छत गिरी
एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक, राजकोट हवाई अड्डे की कैनोपी गिरने की घटना सामने आई है। राजकोट के हीरासर में बने अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की कैनोपी का एक बड़ा हिस्सा बारिश में गिर गया। राजकोट एयरपोर्ट की घटना में गनीमत यह रही कि जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। हवाई अड्डे के निदेशक दिंगत बहोरा के अनुसार बारिश के कारण हवाई अड्डे के आगे की छत में जलभराव हो गया था। इसके चलते यह हादसा हुआ। हीरासर में बने राजकोट के नए एयरपोर्ट का उद्घाटन पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
लखनऊ एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 की छत लीक
लखनऊ में पहली बारिश ने ही चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 के लिए परेशानी खड़ी कर दी। मात्र तीन महीने पहले चालू हुए इस नए नवेले टर्मिनल 3 की छत से उस वक्त पानी लीक होने लगा जब लखनऊ में 29 जून को पहली बारिश हुई। टर्मिनल 3 के वेटिंग लाउंज की छत से बारिश का पानी टपकने से एयरपोर्ट पर लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लखनऊ का यह नया टर्मिनल 3 महीने पहले ही शुरू हुआ था। 10 मार्च को इस टर्मिनल 3 की शुरुआत हुई थी। जब इस टर्मिनल की शुरुआत हो रही थी तब इसकी देश दुनिया के तमाम लोगों ने तारीफ की थी। इसी टर्मिनल से 10 दिनों पहले ही इंटरनेशनल उड़ानों की शुरुआत भी हुई थी।
मुंबई के अटल सेतु में दरारें
जिस अटल सेतु पुल का उद्घाटन सिर्फ तीन महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, उसमें दरार आ गई है। बड़ी संख्या में दरारें आने से यात्रियों में दहशत का माहौल है।बिहार में नवनिर्मित पुल के गिरने की घटना तो ताज़ा है, लेकिन मुंबई में भी यह दिल दहला देने वाली घटना सामने आने से सरकार के कामकाज पर कई सवाल उठ रहे हैं।
बिहार में 11 दिन में पांच पुल ढहे
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ सालों में बिहार में पुलों के टूटने की कई घटनाएं हुई हैं, जिससे सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के मानक पर संदेह पैदा हुआ है। हाल ही में केवल 11 दिनों के भीतर पांच पुलों के ढहने की घटना ने लोगों का ध्यान खींचा है और लोगों में गंभीर चिंता पैदा की है। बिहार में जदयू भाजपा की गठबंधन की सरकार है। लेकिन मानसून की शुरूआत में पुलों के ढहने की घटनाओं ने विकास के नाम पर किये जा रहे भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है।
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