केरल चुनाव: UDF का घोषणापत्र में वादा- कैंपसों में जातिगत भेदभाव रोकने के लिए लाएंगे 'रोहित एक्ट'

Written by Sabrangindia Staff | Published on: March 25, 2021
नई दिल्ली। पांच राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर सभी पार्टियां अपने घोषणापत्रों में तमाम तरह के वादे कर रही हैं, लेकिन केरल में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने राज्य में 6 अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र में दलित और आदिवासी छात्रों को कॉलेज और विश्वविद्यालय कैंपसों में होने वाले भेदभाव से लड़ने के लिए ‘रोहित एक्ट’ लागू करने का वादा किया है।



गौरतलब है कि रोहित वेमुला हैदराबाद विश्वविद्यालय में पीएचडी के छात्र थे और साल 2016 में जातिगत भेदभाव को कथित तौर पर जिम्मेदार बताते हुए उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद देशभर के कॉलेज और विश्वविद्यालय कैंपसों में जातिगत भेदभाव को लेकर बहस छिड़ गई थी और देशभर में छात्र-छात्राओं ने कैंपस में होने वाले जातीय भेदभाव के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन किए थे।

केरल में यूडीएफ के सत्ता में आने पर यह पहला ऐसा राज्य होगा जहां यह एक्ट लागू होगा। घोषणापत्र में कहा गया, ‘हमारे स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों के खिलाफ जातिगत भेदभाव, रैगिंग और पक्षपात को खत्म करने के लिए हम रोहित वेमुला एक्ट लागू करेंगे।’

20 मार्च को जारी घोषणापत्र में ‘रोहित एक्ट’ डालने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रमेश चेन्नीथला ने ट्वीट कर कहा, ‘यूडीएफ घोषणापत्र में उल्लेखित रोहित वेमुला अधिनियम यह सुनिश्चित करेगा कि परिसर में छात्रों के साथ बिना किसी भेदभाव के समान व्यवहार होगा। यह स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में पिछड़े वर्ग के छात्रों के हितों की रक्षा करेगा।’ रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद से ही कैंपसों में जातिगत भेदभाव को खत्म करने के लिए निर्भया एक्ट की तर्ज पर इस एक्ट की मांग उठने लगी थी।

वेमुला की मौत के दो दिन बाद 19 जनवरी, 2016 को कैंपस पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दोषियों पर कार्रवाई के साथ कैंपसों में ऐसे जातिगत भेदभाव को खत्म करने के लिए एक मजबूत कानून बनाने की मांग की थी।

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