नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को सिविल सर्विसेज के जम्मू-कश्मीर कैडर को खत्म करते हुए उसका विलय एजीएमयूटी कैडर में कर दिया है। सरकार ने गुरुवार को इसके लिए जम्मू-कश्मीर रिऑर्गेनाइजेशन एक्ट-2019 में संशोधन के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी, जिस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने हस्ताक्षर कर दिए हैं।
सरकार के इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर कैडर के आईएएस, आईपीएस और आईएफस अधिकारी अब एजीएमयूटी कैडर यानि अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और यूनियन टेरेटरीज कैडर का हिस्सा होंगे। और इसी के साथ अब राज्य के सिविल सेवा अधिकारियों को इस कैडर के राज्यों में ट्रांसफर और पोस्टिंग हो सकेगा।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर कैडर के अधिकारियों की नियुक्ति दूसरे राज्यों में नहीं होती थी। लेकिन अब नए आदेश के बाद से यहां के अधिकारियों को अन्य राज्य में नियुक्त किया जा सकेगा। राजधानी दिल्ली भी एजीएमयूटी कैडर में ही आती है। आने वाले समय में दिल्ली के अधिकारियों की नियुक्ति भी जम्मू-कश्मीर में हो सकेगी। वहीं जम्मू-कश्मीर कैडर के अधिकारियों की नियुक्ति दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश, गोवा और मिजोरम में की जा सकेगी।
केंद्र सरकार का कहना है कि इस फैसले से जम्मू-कश्मीर कैडर के अधिकारियों को बड़ा फायदा होगा। क्योंकि उनकी नियुक्ति अब दूसरे राज्यों में हो सकेगी। इससे पहले तक जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों की दूसरे राज्यों में नियुक्ति नहीं होने से बहुत सारी समस्या आती थी।
बता दें कि मोदी सरकार ने साल 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 हटाते हुए जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में विभाजित करने का कदम उठाया था। अब इसके करीब डेढ़ साल बाद सरकार ने एक बार फिर राज्य को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर कैडर को खत्म करने का फैसला लिया है।
सरकार के इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर कैडर के आईएएस, आईपीएस और आईएफस अधिकारी अब एजीएमयूटी कैडर यानि अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और यूनियन टेरेटरीज कैडर का हिस्सा होंगे। और इसी के साथ अब राज्य के सिविल सेवा अधिकारियों को इस कैडर के राज्यों में ट्रांसफर और पोस्टिंग हो सकेगा।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर कैडर के अधिकारियों की नियुक्ति दूसरे राज्यों में नहीं होती थी। लेकिन अब नए आदेश के बाद से यहां के अधिकारियों को अन्य राज्य में नियुक्त किया जा सकेगा। राजधानी दिल्ली भी एजीएमयूटी कैडर में ही आती है। आने वाले समय में दिल्ली के अधिकारियों की नियुक्ति भी जम्मू-कश्मीर में हो सकेगी। वहीं जम्मू-कश्मीर कैडर के अधिकारियों की नियुक्ति दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश, गोवा और मिजोरम में की जा सकेगी।
केंद्र सरकार का कहना है कि इस फैसले से जम्मू-कश्मीर कैडर के अधिकारियों को बड़ा फायदा होगा। क्योंकि उनकी नियुक्ति अब दूसरे राज्यों में हो सकेगी। इससे पहले तक जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों की दूसरे राज्यों में नियुक्ति नहीं होने से बहुत सारी समस्या आती थी।
बता दें कि मोदी सरकार ने साल 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 हटाते हुए जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में विभाजित करने का कदम उठाया था। अब इसके करीब डेढ़ साल बाद सरकार ने एक बार फिर राज्य को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर कैडर को खत्म करने का फैसला लिया है।