गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में उतरे भीम आर्मी के चंद्रशेखर

Written by sabrang india | Published on: December 2, 2020
सितंबर 2020 में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान अपने आंदोलन पर डटे हुए हैं। पंजाब हरियाणा के किसान जहां सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी कड़ी में 1 दिसंबर को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद गाजीपुर बॉर्डर किसानों का समर्थन करने पहुंचे। 



यहां पहुंचने पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा, 'किसान की हक की लड़ाई में समर्थन देने आया हूं, वहीं किसान खुद को अकेला महसूस न करें, इसलिए मौजूद हूं। किसान, दलित मजदूर सब एक ही हैं। किसान के घर खेती नहीं होगी, तो मजदूर का घर कैसे चलेगा। मैं मजदूरों के सबसे बड़े वर्ग से आता हूं। मैं इस आंदोलन को कैसे छोड़ सकता हूं।' उन्होंने आगे कहा, 'मैं इस आंदोलन को लीड करने नहीं आया हूं, बस इस आंदोलन में साथ देने आया हूं। किसान खुशी से सड़कों पर नहीं आए हैं।'

'सरकार 6 दिन बाद ही क्यों बात कर रही है। सरकार दलितों की ताकत को भी जानती है। मेरे यहां आने की जरूरत नहीं पड़ती, अगर सरकार पहले दिन ही बातचीत कर लेती। सर्दियों में किसान सड़कों पर बैठे हुए हैं, आंसू गैस के गोले के छोड़े गए, पानी फेंका गया, किसान की बदौलत ही हर कोई अन्न खाता है।'

भीम आर्मी प्रमुख ने आगे कहा, 'सरकार तानाशाह है और वो किसानों के बारे में भी जानती है ये तैयार होकर आये हैं, सरकार को किसानों की बात माननी होगी।' 
टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने अपना डेरा बनाया हुआ है। दरअसल केंद्र सरकार सितंबर महीने में 3 नए कृषि विधेयक लाई थी, जिन पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद वे कानून बन चुके हैं। जिसके खिलाफ किसानों का ये आंदोलन छिड़ा हुआ है।

देश के करीब 500 अलग-अलग संगठनों ने मिलकर संयुक्त किसान मोर्चे का गठन किया है। वहीं इन सभी संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर डेरा जमा रखा है।
 

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