केंद्र की मोदी सरकार ने रेलवे के निजीकरण की दिशा में तेज कदम बढ़ा दिए हैं। सरकार रेलवे की इंजीनियरिंग कंपनी इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। यह हिस्सेदारी ऑफर फॉर सेल यानी ओएफएस के जरिए होगी। मौजूदा समय में इरकॉन इंटरनेशनल में सरकार की 89.18 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
मनी भास्कर में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि हम दिसंबर तक OFS के जरिए इरकॉन की हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, यह बिक्री बाजार के हालात पर निर्भर करेगी। अधिकारी ने बताया कि बिक्री की जाने वाली हिस्सेदारी 10 से 15 प्रतिशत की रेंज में हो सकती है। रेलवे की इंजीनियरिंग सब्सिडियरी इरकॉन इंटरनेशनल की 2018 में शेयर बाजारों में लिस्टिंग हुई थी। IPO के जरिए इरकॉन ने 467 करोड़ रुपए जुटाए थे।
शुक्रवार को बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) में इरकॉन इंटरनेशनल का शेयर 77.95 रुपए प्रति यूनिट पर बंद हुआ था। ताजा शेयर प्राइस के आधार पर इरकॉन की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री से सरकार को 540 करोड़ रुपए मिलेंगे।
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 2.10 लाख करोड़ रुपए के विनिवेश का लक्ष्य तय किया है। इसमें 1.20 लाख करोड़ रुपए सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (सीपीएसई) की हिस्सेदारी बेचकर जुटाए जाएंगे। वहीं, 90 हजार करोड़ रुपए वित्तीय संस्थानों की हिस्सेदारी बिक्री से जुटाए जाएंगे। इसमें एलआईसी की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री भी शामिल है। चालू वित्त वर्ष में सीपीएसई की हिस्सेदारी बिक्री से अब तक सरकार को 6,138 करोड़ रुपए मिले हैं।
कोविड-19 महामारी के कारण सरकार भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) जैसी बड़ी कंपनियों की हिस्सेदारी बिक्री नहीं कर पा रही है। इसके अलावा इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) और रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) की हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया भी चल रही है। इन दोनों कंपनियों की बिक्री भी OFS के जरिए की जानी है।
मनी भास्कर में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया कि हम दिसंबर तक OFS के जरिए इरकॉन की हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, यह बिक्री बाजार के हालात पर निर्भर करेगी। अधिकारी ने बताया कि बिक्री की जाने वाली हिस्सेदारी 10 से 15 प्रतिशत की रेंज में हो सकती है। रेलवे की इंजीनियरिंग सब्सिडियरी इरकॉन इंटरनेशनल की 2018 में शेयर बाजारों में लिस्टिंग हुई थी। IPO के जरिए इरकॉन ने 467 करोड़ रुपए जुटाए थे।
शुक्रवार को बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) में इरकॉन इंटरनेशनल का शेयर 77.95 रुपए प्रति यूनिट पर बंद हुआ था। ताजा शेयर प्राइस के आधार पर इरकॉन की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री से सरकार को 540 करोड़ रुपए मिलेंगे।
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 2.10 लाख करोड़ रुपए के विनिवेश का लक्ष्य तय किया है। इसमें 1.20 लाख करोड़ रुपए सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (सीपीएसई) की हिस्सेदारी बेचकर जुटाए जाएंगे। वहीं, 90 हजार करोड़ रुपए वित्तीय संस्थानों की हिस्सेदारी बिक्री से जुटाए जाएंगे। इसमें एलआईसी की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री भी शामिल है। चालू वित्त वर्ष में सीपीएसई की हिस्सेदारी बिक्री से अब तक सरकार को 6,138 करोड़ रुपए मिले हैं।
कोविड-19 महामारी के कारण सरकार भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) जैसी बड़ी कंपनियों की हिस्सेदारी बिक्री नहीं कर पा रही है। इसके अलावा इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) और रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) की हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया भी चल रही है। इन दोनों कंपनियों की बिक्री भी OFS के जरिए की जानी है।