रांची। आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और केरल सरकार के बाद अब झारखंड का नाम भी उसी सूची में जुड़ गया है जिसमें केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य में जांच करने से पहले उसकी अनुमति लेनी होगी। झारखंड की सोरेन सरकार ने गुरूवार को एक आदेश जारी कर सीबीआई को राज्य में शक्तियों और न्यायक्षेत्र के इस्तेमाल के लिए दी गई सहमति को वापस ले लिाया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में जारी आदेश के बाद केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को अब झारखण्ड में शक्तियों और न्यायक्षेत्र के इस्तेमाल के लिए आम सहमति नहीं होगी, जो झारखण्ड सरकार (तत्कालीन बिहार) द्वारा 19 फरवरी 1996 को जारी एक आदेश के तहत दी गई थी।
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नये आदेश के अनुसार अब सीबीआई को किसी भी मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। ऐसा आदेश पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश सरकार पहले ही जारी कर चुकी हैं।
इस आदेश का सीधे यह मायने होगा कि अब किसी भी मामले की जांच के लिए सीबीआई को राज्य में मुख्यमंत्री की अनुमति लेनी होगी अथवा सीबीआई उच्च न्यायालय अथवा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से ही ऐसा कर सकेगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में जारी आदेश के बाद केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को अब झारखण्ड में शक्तियों और न्यायक्षेत्र के इस्तेमाल के लिए आम सहमति नहीं होगी, जो झारखण्ड सरकार (तत्कालीन बिहार) द्वारा 19 फरवरी 1996 को जारी एक आदेश के तहत दी गई थी।
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नये आदेश के अनुसार अब सीबीआई को किसी भी मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी। ऐसा आदेश पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश सरकार पहले ही जारी कर चुकी हैं।
इस आदेश का सीधे यह मायने होगा कि अब किसी भी मामले की जांच के लिए सीबीआई को राज्य में मुख्यमंत्री की अनुमति लेनी होगी अथवा सीबीआई उच्च न्यायालय अथवा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से ही ऐसा कर सकेगी।