'कोरोना वायरस को लेकर WHO की भूमिका संदिग्ध'

Written by Girish Malviya | Published on: July 24, 2020
अमेरिकी विदेश मंत्री कह रहे हैं कि WHO के हेड टेड्रोस एडहैनम घेब्रियेसुस को चीन ने खरीद लिया है। मंगलवार को ब्रिटेन के सांसदों के साथ हुई मीटिंग में माइक पोम्पियो ने कहा कि एक इंटेलिजेंस फर्म है, जो कि दिखाती है कि WHO के डायरेक्टर जनरल की नौकरी टेड्रोस को चीन के साथ हुई डील के बाद मिली।'



अब यह साफ हो चुका है कि 2017 में चीन की लॉबी के प्रभाव के कारण ही इस संगठन के मुखिया टेड्रॉस एधेनॉम गैब्रियेसस चुने गये। दरसअल WHO की भूमिका कोरोना को लेकर शुरू से ही संदिग्ध बनी हुई है। 

9 जनवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा गया कि, ‘नए कोरोना वायरस आम तौर पर नियमित रूप से सामने आते रहे हैं। हमने ऐसा पहले भी होते हुए देखा है। कोरोना वायरस परिवार के कई वायरस इस समय भी जानवरों में सक्रिय हैं और इनका इंसानों पर कोई असर देखने को नहीं मिला है।’

11 जनवरी को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक ट्रैवल एडवाइज़री जारी की, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन वुहान आने और जाने वालों के लिए सुरक्षा के किसी विशेष स्वास्थ्य क़दम का सुझाव नहीं दिया गया।यानी कि वुहान से आ रहे लोगों की जांच को भी विश्व स्वास्थ्य संगठन जनवरी के मध्य तक गैरज़रूरी बता रहा था।

14 जनवरी को डब्ल्यूएचओ का एक ट्वीट आया। इस ट्वीट में डब्लूएचओ ने दावा किया कि चीन में मौजूद कोरोना वायरस एक इंसान से दूसरे इंसानों में नहीं फैलता है।

21 जनवरी को आखिरकार विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक टीम ने वुहान शहर का दौरा किया। 3 फरवरी को, टेड्रोस ने यू।एस। और अन्य देशों को फटकार लगाई थी जिन्होंने अपनी सीमाओं को बंद कर दिया था जबकि 22 जनवरी को उसने मानव संचरण की पुष्टि कर दी थी।

WHO ने बहुत बाद में 11 मार्च 2020 को जाकर नए कोरोना वायरस को वैश्विक महामारी घोषित किया, तब तक कोविड-19 वायरस, चीन के वुहान से निकल कर 114 देशों में संक्रमण फैला चुका था।

साफ तौर पर यहाँ दिख रहा है कि WHO ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नही निभाई, WHO पर यह भी आरोप है कि उसने इंटरनेशनल हेल्थ रेगुलेशंस 2005 के नियमों के तहत महामारी को रोकने के लिए पर्याप्त मैकेनिज्म तैयार नहीं किए। न ही उसपर अमल किया।

इसके अलावा भी WHO कोरोना को लेकर बार बार अपने बयान बदलता रहा है लेकिन उसे विज्ञान के आवरण में छुपा दिया जाता है , ओर हमारे फेसबुक के विशेषज्ञ उसके बचाव में लग जाते हैं।

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