गुजरात के कानून मंत्री चूडासमा की जीत रद

Written by Sabrangindia Staff | Published on: May 12, 2020
गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को बीजेपी सरकार को बड़ा झटका देते हुए राज्य के कानून मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडासमा के साल 2017 के निर्वाचन को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय ने कांग्रेस नेता की याचिका पर सुनवाई करते हुए चूडासमा के चुनाव को कदाचार और हेरफेर के आधार पर खारिज किया।



गुजरात में बीजेपी की विजय रूपाणी सरकार में शिक्षा, कानून एवं न्याय, विधायिका और संसदीय मामलों के मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडासमा की धोलका विधानसभा सीट से जीत को चुनौती देते हुए कांग्रेस उम्मीदवार अश्विन राठौड़ ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। साल 2017 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में चूडासमा ने धोलका सीट से 327 वोट के मामूली अंतर से जीत हासिल की थी।

अपनी याचिका में अश्विन राठौड़ ने आरोप लगाया है कि चूडासमा ने निर्वाचन प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में जमकर धांधली की। खासकर वोटों की गिनती के समय चूडासमा ने भ्रष्ट आचरण अपनाया और नियमों का खुला उल्लंघन किया। इस मामले की सुनवाई के दौरान सामने आए मतगणना के सीसीटीवी फुटेज में चूडासमा के निजी सचिव को मतगणना केंद्र के अंदर लगातार मोबाइल पर बात करते हुए देखा गया था।

इस मामले में हाईकोर्ट ने निर्वाचन अधिकारी धवल जॉनी को भी अदालत ने फटकार लगाई थी और दोनों पक्षों के गवाहों के बयान के बाद उनके तबादले का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने 429 पोस्टल बैलेट रद्द करने के फैसले को असंवैधानिक बताया था। राठौड़ का आरोप था कि पोस्टल बैलेट में मिले मतों में से 429 मत रद्द होने से चूडासमा महज 327 वोट से विजेता घोषित किये गए थे।

गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस के नेता भरत सोलंकी ने कहा कि साल 2017 के धोलका विधानसभा चुनाव पर गुजरात हाईकोर्ट के निर्णय का स्वागत करता हूं। सत्य की जीत हुई है। वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने भी प्रतिक्रिया देते हुए एक ट्वीट में लिखा, “सत्यमेव जयते”। इसके बाद एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा कि “गुजरात के कानून मंत्री ने गलत तरीके से चुनाव जीता। गुजरात हाईकोर्ट द्वारा उनके चुनाव को रद्द कर दिया गया है।”

वहीं इस फैसले पर कानून मंत्री चूड़ासमा अब हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इस संबंध में उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बताया कि इस मामले में कानूनी तौर पर अपील की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पहले प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय नेताओं से चर्चा की जाएगी।

 

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