नई दिल्ली। देश में एक ऐसे समय में जब राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन जारी है। हर कोई कोरोना वायरस के डर से अस्पताल जाने से बच रहा है। मरीजों को अस्पतालों में ब्लड की जरुरत को पूरा करने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। वहीं उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले का एक उदाहरण लोगों को उम्मीद का संदेश दे रहा है। दरअसल एक मुस्लिम महिला ने अपना रोजा तोड़ा और हिंदू युवक को रक्तदान कर उसकी जान बचा दी।
उत्तर प्रदेश के पिहानी कस्बे के मिश्राना समुदाय के रहने वाले विजय कुमार रस्तोगी की तबीयत अचानक खराब हो गई थी। जब उसे जिला अस्पताल लाया गया, तो कहा गया कि उसे खून की सख्त जरूरत है। हालांकि जिस ब्लड ग्रुप की उसे जरूरत थी उसे ढूंढना मुश्किल साबित हुआ और यहां तक कि ब्लड बैंक भी इसे मुहैया नहीं करा सका।
एक ब्लडबैंक कर्मी ने कथित रुप से एक वॉलिटिंयर लखीमपुर खीरी जिले के हिदायत नगर का निवासी अलीशा खान से संपर्क करने को कहा। जिनका ब्लड ओ-पॉजिटिव है। इसके बाद उन्होने जैसे ही अलीशा खान को मदद के लिए कहा तो वह तुरंत तैयार हो गईं। अलीशा ने अपने उपवास को तोड़ते हुए विजय कुमार रस्तोगी अपना रक्त दान कर दिया जिसके बाद उसका स्वास्थ्य बेहतर हो गया।
वहीं अब अलीशा खान की नि:स्वार्थ मदद के लिए सोशल मीडिया पर खूब प्रशंसा की जा रही है और लोग इसे 'भारत का असली चेहरा' बता रहे हैं। पत्रकार रवीश रंजन शुक्ला ने ट्वीट कर लिखा, 'लखीमपुर खीरी में विजय रस्तोगी के लिए रोज़ा तोड़कर अलीशा ने दिया O positive खून। धर्म के नाम पर जहालत नहीं भाईचारा फैलाएं क्योंकि यही बातें देश को आगे बढ़ाएगा और यही है असली देशभक्ति। जयहिंद।'
एक दूसरे ट्वटीर यूजर फकरूद्दीन ट्वीट कर लिखा, 'हमारी इस मुसलमान बहन ने हिंदू भाइयों के लिए अपना खून देकर दोस्ती की मिसाल कायम की है इस फोटो को अंधभक्त देखें जो मुसलमानों से इतनी नफरत करते हैं आज वही मुसलमान अपने रोजे को तोड़कर अपने हिंदू भाइयों को बचाने में लगे हुए।
उत्तर प्रदेश के पिहानी कस्बे के मिश्राना समुदाय के रहने वाले विजय कुमार रस्तोगी की तबीयत अचानक खराब हो गई थी। जब उसे जिला अस्पताल लाया गया, तो कहा गया कि उसे खून की सख्त जरूरत है। हालांकि जिस ब्लड ग्रुप की उसे जरूरत थी उसे ढूंढना मुश्किल साबित हुआ और यहां तक कि ब्लड बैंक भी इसे मुहैया नहीं करा सका।
एक ब्लडबैंक कर्मी ने कथित रुप से एक वॉलिटिंयर लखीमपुर खीरी जिले के हिदायत नगर का निवासी अलीशा खान से संपर्क करने को कहा। जिनका ब्लड ओ-पॉजिटिव है। इसके बाद उन्होने जैसे ही अलीशा खान को मदद के लिए कहा तो वह तुरंत तैयार हो गईं। अलीशा ने अपने उपवास को तोड़ते हुए विजय कुमार रस्तोगी अपना रक्त दान कर दिया जिसके बाद उसका स्वास्थ्य बेहतर हो गया।
वहीं अब अलीशा खान की नि:स्वार्थ मदद के लिए सोशल मीडिया पर खूब प्रशंसा की जा रही है और लोग इसे 'भारत का असली चेहरा' बता रहे हैं। पत्रकार रवीश रंजन शुक्ला ने ट्वीट कर लिखा, 'लखीमपुर खीरी में विजय रस्तोगी के लिए रोज़ा तोड़कर अलीशा ने दिया O positive खून। धर्म के नाम पर जहालत नहीं भाईचारा फैलाएं क्योंकि यही बातें देश को आगे बढ़ाएगा और यही है असली देशभक्ति। जयहिंद।'
एक दूसरे ट्वटीर यूजर फकरूद्दीन ट्वीट कर लिखा, 'हमारी इस मुसलमान बहन ने हिंदू भाइयों के लिए अपना खून देकर दोस्ती की मिसाल कायम की है इस फोटो को अंधभक्त देखें जो मुसलमानों से इतनी नफरत करते हैं आज वही मुसलमान अपने रोजे को तोड़कर अपने हिंदू भाइयों को बचाने में लगे हुए।