सीएए-एनपीआर के खिलाफ किए गए एक स्कूली प्ले पर दर्ज कथित राजद्रोह के मामले में कर्नाटक के बीदर की सेशन कोर्ट ने मंगलवार को शाहीन प्राथमिक और उच्च विद्यालय के प्रबंधक अब्दुल कादिर को अग्रिम जमानत दे दी। अब्दुल कादिर अल्लामा इकबाल एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष और शाहीन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के संस्थापक भी हैं।
सत्र न्यायाधीश मनगोली प्रेमवथी ने कादिर की तरफ से दायर अर्जी को स्वीकार करते हुए दो लाख रुपये के निजी मुचलके व इतनी ही राशि के तीन जमानती पेश करने की शर्त पर अग्रिम ज़मानत का आदेश दिया।
अभियोजन पक्ष द्वारा आरोपी के खिलाफ राजद्रोह के आरोप में रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री पर टिप्पणी करते हुए अदालत ने कहा कि
''रिकॉर्ड से ऐसा कुछ पता नहीं चलता है कि प्ले किए जाने के दौरान या जिस समय नाटक चल रहा था, उस समय अभियुक्त/याचिकाकर्ता वहां पर उपस्थित था। नाटक से समाज में किसी भी तरह की वैमनस्य पैदा नहीं हुआ है। सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मेरी राय है कि आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह) के तहत आने वाली सामग्री की इस मामले में प्रथम दृष्टया कमी है।''
भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के तहत राजद्रोह के अपराध का मामला एक शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था, जिसमें कहा गया था कि नाटक में एक छात्रा ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक संवादों का इस्तेमाल किया था।
सत्र न्यायाधीश मनगोली प्रेमवथी ने कादिर की तरफ से दायर अर्जी को स्वीकार करते हुए दो लाख रुपये के निजी मुचलके व इतनी ही राशि के तीन जमानती पेश करने की शर्त पर अग्रिम ज़मानत का आदेश दिया।
अभियोजन पक्ष द्वारा आरोपी के खिलाफ राजद्रोह के आरोप में रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री पर टिप्पणी करते हुए अदालत ने कहा कि
''रिकॉर्ड से ऐसा कुछ पता नहीं चलता है कि प्ले किए जाने के दौरान या जिस समय नाटक चल रहा था, उस समय अभियुक्त/याचिकाकर्ता वहां पर उपस्थित था। नाटक से समाज में किसी भी तरह की वैमनस्य पैदा नहीं हुआ है। सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मेरी राय है कि आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह) के तहत आने वाली सामग्री की इस मामले में प्रथम दृष्टया कमी है।''
भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के तहत राजद्रोह के अपराध का मामला एक शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था, जिसमें कहा गया था कि नाटक में एक छात्रा ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक संवादों का इस्तेमाल किया था।