विश्व भारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में कहा, दो अक्तूबर को गांधी जयंती पर राजघाट में प्रवेश करना मुश्किल होता है। देश के सबसे बड़े चोर इस दिन वहां टोपी लगाए नजर आते हैं और पूरे साल ये लोग वही करते हैं जिसका गांधी जी ने विरोध किया था।
द टलीग्राफ ने इससे संबंधित खबर का शीर्षक लगाया है, कुलपति ने सबसे बड़े चोरों को टोपी लगाए देखा। प्रधानमंत्री जी आप उन्हें देखने से कैसे चूक गए। इसके साथ अखबार ने राजघाट पर नरेन्द्र मोदी की तस्वीर छापी है जिसका कैप्शन है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2 अक्तूबर 2019 को राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धंजलि देते हुए। यह प्रेम सिंह की पुरानी फोटो है।
अखबार ने इस खबर में बताया है, बाद में चक्रवर्ती और उनके कार्यवाहक जनसंपर्क अधिकारी अनिर्बन सरकार को एक लिखित संदेश भेजकर पूछा गया कि वीसी के दिमाग में कोई खास नेता तो नहीं हैं क्योंकि दो अक्तूबर को आमतौर पर प्रधानमंत्री समेत कई नेता राजघाट पर जाते हैं। इस अखबार ने दिल्ली पुलिस से भी पूछा कि क्या उन्हें वहां कभी कोई चोर मिला है। आप जानते हैं कि दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृहमंत्रालय को रिपोर्ट करती है जिसके मुखिया अब अमित शाह हैं। राजघाट पर कानून व्यवस्था संभालने का काम डिप्टी कमिश्नर (मध्य दिल्ली) के तहत आता है। शुक्रवार की रात तक पुलिस प्रवक्ता का कोई जवाब नहीं आया।
विश्व भारती के कार्यवाहक जनसंपर्क अधिकारी ने शाम में कहा, राजघाट पर चोरों की चर्चा करते हुए कुलपति का मतलब किसी राजनीतिक नेता से नहीं था। उन्होंने विस्वविद्यालय की मौजूदा स्थिति बताने के लिए एक उदाहरण भर दिया था। उनका मतलब था कि विश्वभारती में स्थिति वैसी ही है जहां लोगों का एक वर्ग जो संस्था के भाग हैं, विश्वविद्यालय की छवि खराब कर रहे हैं। वीसी विश्व भारती की खोई प्रतिष्ठा स्थापित करना चाहता है।
कुछ भी बोल देने वाले नेताओं अधिकारियों से इसी तरह पूछा जाना चाहिए कि वे क्या बोल रहे हैं, किसकी बात कर रहे हैं। गांधी के आदर्शों के खिलाफ कौन है?
द टलीग्राफ ने इससे संबंधित खबर का शीर्षक लगाया है, कुलपति ने सबसे बड़े चोरों को टोपी लगाए देखा। प्रधानमंत्री जी आप उन्हें देखने से कैसे चूक गए। इसके साथ अखबार ने राजघाट पर नरेन्द्र मोदी की तस्वीर छापी है जिसका कैप्शन है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2 अक्तूबर 2019 को राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धंजलि देते हुए। यह प्रेम सिंह की पुरानी फोटो है।
अखबार ने इस खबर में बताया है, बाद में चक्रवर्ती और उनके कार्यवाहक जनसंपर्क अधिकारी अनिर्बन सरकार को एक लिखित संदेश भेजकर पूछा गया कि वीसी के दिमाग में कोई खास नेता तो नहीं हैं क्योंकि दो अक्तूबर को आमतौर पर प्रधानमंत्री समेत कई नेता राजघाट पर जाते हैं। इस अखबार ने दिल्ली पुलिस से भी पूछा कि क्या उन्हें वहां कभी कोई चोर मिला है। आप जानते हैं कि दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृहमंत्रालय को रिपोर्ट करती है जिसके मुखिया अब अमित शाह हैं। राजघाट पर कानून व्यवस्था संभालने का काम डिप्टी कमिश्नर (मध्य दिल्ली) के तहत आता है। शुक्रवार की रात तक पुलिस प्रवक्ता का कोई जवाब नहीं आया।
विश्व भारती के कार्यवाहक जनसंपर्क अधिकारी ने शाम में कहा, राजघाट पर चोरों की चर्चा करते हुए कुलपति का मतलब किसी राजनीतिक नेता से नहीं था। उन्होंने विस्वविद्यालय की मौजूदा स्थिति बताने के लिए एक उदाहरण भर दिया था। उनका मतलब था कि विश्वभारती में स्थिति वैसी ही है जहां लोगों का एक वर्ग जो संस्था के भाग हैं, विश्वविद्यालय की छवि खराब कर रहे हैं। वीसी विश्व भारती की खोई प्रतिष्ठा स्थापित करना चाहता है।
कुछ भी बोल देने वाले नेताओं अधिकारियों से इसी तरह पूछा जाना चाहिए कि वे क्या बोल रहे हैं, किसकी बात कर रहे हैं। गांधी के आदर्शों के खिलाफ कौन है?