देश के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन (आईआईएमसी) में पूर्व छात्रों द्वारा हर साल किया जाने वाला भव्य कार्यक्रम एलुमनाई मीट रविवार को आयोजित किया गया था। लेकिन सोमवार को संस्थान ने ऐसे 12 छात्रों को निलंबित कर दिया जो संस्थान की फीस बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे थे।
निलंबित किए गए छात्र शिक्षा में महंगाई के खिलाफ थे। इतना ही नहीं इन छात्रों के साथ ही बाकी छात्रों को ‘सबक सिखाने’ की नीयत से संस्थान ने एक सर्कुलर जारी कर 10 दिन के अंदर बढ़ी हुई फीस जमा करने का निर्देश दिया है।
आईआईएमसी के नोटिस में कहा गया है कि छात्रों ने संस्थान के अधिकारियों और प्रशासन द्वारा समझाने के बावजूद जानबूझकर परिसर में “अनुशासनहीनता” की है।
ध्यान रहे कि जेएनयू में फीस बढ़ोत्तरी के मुद्दे पर दिसंबर माह में काफी बवाल हुआ था और उस दौरान आईआईएमस के छात्रों ने भी परिसर में ट्यूशन फीस के साथ ही हॉस्टल और मेस की फीस बढ़ाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। आईआईएमसी ने जिन छात्रों को निलंबित किया है उनमें वे छात्र हैं जिन्होंने बढ़ते शिक्षा खर्च और फीस में बढ़ोत्तरी का विरोध किया था।
इसके अलावा छात्रों का यह भी आरोप है कि कुछ छात्रों ने फीस बढ़ोत्तरी के बारे में एलुमनाई मीट के दौरान आवाज उठाने की कोशिश की गई थी लेकिन उन्हें सफल नहीं होने दिया गया। फीस बढ़ोत्तरी का विरोध कर रहे छात्र इस कार्यक्रम के दौरान एक कोने में प्रदर्शन करते नजर आए थे।
निलंबित किए गए छात्र शिक्षा में महंगाई के खिलाफ थे। इतना ही नहीं इन छात्रों के साथ ही बाकी छात्रों को ‘सबक सिखाने’ की नीयत से संस्थान ने एक सर्कुलर जारी कर 10 दिन के अंदर बढ़ी हुई फीस जमा करने का निर्देश दिया है।
आईआईएमसी के नोटिस में कहा गया है कि छात्रों ने संस्थान के अधिकारियों और प्रशासन द्वारा समझाने के बावजूद जानबूझकर परिसर में “अनुशासनहीनता” की है।
ध्यान रहे कि जेएनयू में फीस बढ़ोत्तरी के मुद्दे पर दिसंबर माह में काफी बवाल हुआ था और उस दौरान आईआईएमस के छात्रों ने भी परिसर में ट्यूशन फीस के साथ ही हॉस्टल और मेस की फीस बढ़ाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। आईआईएमसी ने जिन छात्रों को निलंबित किया है उनमें वे छात्र हैं जिन्होंने बढ़ते शिक्षा खर्च और फीस में बढ़ोत्तरी का विरोध किया था।
इसके अलावा छात्रों का यह भी आरोप है कि कुछ छात्रों ने फीस बढ़ोत्तरी के बारे में एलुमनाई मीट के दौरान आवाज उठाने की कोशिश की गई थी लेकिन उन्हें सफल नहीं होने दिया गया। फीस बढ़ोत्तरी का विरोध कर रहे छात्र इस कार्यक्रम के दौरान एक कोने में प्रदर्शन करते नजर आए थे।