जामिया से आईं रोती चीखती लड़कियों की तस्वीरें देखकर भड़के लोग

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 11, 2020
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर जामिया और शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी पीछे हटते नहीं दिख रहे हैं। सोमवार 10 फरवरी को जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों और जामिया नगर के निवासियों ने CAA के विरोध में संसद तक पैदल मार्च निकाला। मार्च कर रहे लोगों की पुलिस से भिड़ंत हो गई। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। जामिया की छात्राओं का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ बेहद बर्बरता की वहीं दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है।



सोशल मीडिया में इस मार्च के बाद घायल छात्राओं की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों के आधार पर लोग कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। लोकतंत्र का हवाला देते हुए लोग सरकार पर भी सवाल उठा रहे हैं कि वह नागरिकों व छात्रों से असहमति जताने के हक को कुचलने पर क्यों तुली है। 

घायल छात्रों से मिलने के लिए जामिया यूनिवर्सिटी की वाईस चांसलर नजमा अख्तर अल शिफा हॉस्पिटल छात्रों पुहंचीं। जहां उनके खिलाफ छात्रों ने नारेबाजी की। जामिया के छात्रों और पूर्व छात्रों के संगठन जामिया समन्वय समिति (जेसीसी) ने मार्च का आह्वान किया था।

प्रदर्शन खत्म करने के लिए पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन की लगातार अपीलों के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने अपना आंदोलन खत्म करने से इनकार कर दिया। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को संसद की ओर मार्च करने की इजाजत नहीं थी।

यूनिवर्सिटी के आसपास सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गयी थी। प्रदर्शनकारियों ने जामिया के गेट नंबर-सात से अपना मार्च शुरू किया । प्रदर्शनकारी ‘कागज नहीं दिखाएंगे’ और ‘जब नहीं डरे हम गोरों से तो क्यों डरे हम औरों से’ जैसे नारे लगा रहे थे । प्रदर्शन में कई महिलाएं भी थीं। हाथों में कई लोग तिरंगा थामे हुए थे और ‘हल्ला बोल’ के नारे लगा रहे थे । इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मानव श्रृंखला भी बनायी ।

 

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