हिंदुत्व वर्चस्ववादी समूह खुले तौर पर शत्रुतापूर्ण इरादों की घोषणा कर रहे हैं, ये संगठन विरोध करने वाली महिलाओं को जेहादी बताते हुए एक अलग ही तरह की लेबलिंग करने पर उतर आए हैं।
![](/sites/default/files/shahin_bagh_3.jpg?297)
1 फरवरी को, एक सशस्त्र युवा ने शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। कपिल के रूप में पहचाने गए व्यक्ति ने कहा, "सिर्फ हिंदुओं का राज चलेगा," (केवल हिंदू ही शासन करेंगे)। हालांकि उसे अधिकारियों द्वारा पकड़ लिया गया था, लेकिन जो चित्र उभर रहा है उसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है। शाहीन बाग से पहले एक अन्य युवा द्वारा जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (JMIU) के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला किया गया, जो चिल्लाया था, "किसे चाहिहए आज़ादी, ये लो आज़ादी,"? उसने ये बातें कहते हुए प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की। इस हमले में एक छात्र घायल हो गया। लेकिन कुछ ही समय बाद हिंदू महासभा ने हमलावर को न केवल सम्मानित करने का फैसला किया, बल्कि उसके कानूनी खर्चों को भी वहन करने का ऐलान किया।
हाल ही में, हिंदू सेना नाम के एक संगठन ने यह प्रेस विज्ञप्ति जारी की कि वे ’जेहादियों’ से शाहीन बाग की सड़कों को छुटकारा दिलाएंगे। अत्यंत भड़काऊ प्रेस विज्ञप्ति में यह भी दावा किया कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी पाकिस्तानियों की भाषा बोल रहे हैं। हिंदू सेना की प्रेस विज्ञप्ति यहां पढ़ी जा सकती है:
![](/sites/default/files/untitled_3.jpg?823)
यह ध्यान रखना दिलचस्प है, कि शाहीन बाग में अधिकांश प्रदर्शनकारी महिलाएँ हैं, जिन्हें अक्सर अपनी बाहों में बच्चों के साथ देखा जाता है। ये माताएं, दादी, बेटियां और बहनें, गृहणी और पेशेवर महिलाएं शांति से विरोध करने के लिए एकजुट हुई हैं सिर्फ इसी वजह से ये संगठन उन्हें निशाना बनाए जाने की बातें कर रहे हैं।
इस बीच, जामिया समन्वय समिति ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को सशस्त्र गुंडों से बचाने के लिए प्रशासन से अपील की है। पत्र में प्रदर्शनकारियों के जीवन के लिए खतरे की चेतावनी दी है कि कैसे विभिन्न दक्षिणपंथी समूहों ने या तो सीधे धमकी दी है या फिर उनके खिलाफ हिंसा भड़काई है। पत्र यहां पढ़ा जा सकता है:
![](/sites/default/files/2_68.jpg?547)
दिल्ली में 8 फरवरी को चुनाव होने हैं और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने अपनी जन-हितैषी नीतियों के साथ एक मजबूत आधार बनाया है। ऐसे में ये संगठन लोकतांत्रिक तरीकों को कुचलने का भरपूर प्रयास करने में जुटे हैं।
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1 फरवरी को, एक सशस्त्र युवा ने शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। कपिल के रूप में पहचाने गए व्यक्ति ने कहा, "सिर्फ हिंदुओं का राज चलेगा," (केवल हिंदू ही शासन करेंगे)। हालांकि उसे अधिकारियों द्वारा पकड़ लिया गया था, लेकिन जो चित्र उभर रहा है उसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है। शाहीन बाग से पहले एक अन्य युवा द्वारा जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (JMIU) के बाहर प्रदर्शनकारियों पर हमला किया गया, जो चिल्लाया था, "किसे चाहिहए आज़ादी, ये लो आज़ादी,"? उसने ये बातें कहते हुए प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की। इस हमले में एक छात्र घायल हो गया। लेकिन कुछ ही समय बाद हिंदू महासभा ने हमलावर को न केवल सम्मानित करने का फैसला किया, बल्कि उसके कानूनी खर्चों को भी वहन करने का ऐलान किया।
हाल ही में, हिंदू सेना नाम के एक संगठन ने यह प्रेस विज्ञप्ति जारी की कि वे ’जेहादियों’ से शाहीन बाग की सड़कों को छुटकारा दिलाएंगे। अत्यंत भड़काऊ प्रेस विज्ञप्ति में यह भी दावा किया कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी पाकिस्तानियों की भाषा बोल रहे हैं। हिंदू सेना की प्रेस विज्ञप्ति यहां पढ़ी जा सकती है:
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यह ध्यान रखना दिलचस्प है, कि शाहीन बाग में अधिकांश प्रदर्शनकारी महिलाएँ हैं, जिन्हें अक्सर अपनी बाहों में बच्चों के साथ देखा जाता है। ये माताएं, दादी, बेटियां और बहनें, गृहणी और पेशेवर महिलाएं शांति से विरोध करने के लिए एकजुट हुई हैं सिर्फ इसी वजह से ये संगठन उन्हें निशाना बनाए जाने की बातें कर रहे हैं।
इस बीच, जामिया समन्वय समिति ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को सशस्त्र गुंडों से बचाने के लिए प्रशासन से अपील की है। पत्र में प्रदर्शनकारियों के जीवन के लिए खतरे की चेतावनी दी है कि कैसे विभिन्न दक्षिणपंथी समूहों ने या तो सीधे धमकी दी है या फिर उनके खिलाफ हिंसा भड़काई है। पत्र यहां पढ़ा जा सकता है:
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दिल्ली में 8 फरवरी को चुनाव होने हैं और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने अपनी जन-हितैषी नीतियों के साथ एक मजबूत आधार बनाया है। ऐसे में ये संगठन लोकतांत्रिक तरीकों को कुचलने का भरपूर प्रयास करने में जुटे हैं।