पता नहीं इन लोगों ने पत्रकारिता कहां पढ़ी है और किससे पढ़ी है तथा पत्रकारिता की इनकी यह समझ कैसे विकसित हुई है। जनता महंगाई से परेशान तब हुई जब खुदरा मुद्रास्फीति में 7.35 प्रतिशत की वृद्धि हुई और इसे पांच साल में सबसे ज्यादा कहा गया?
मामला महंगाई की याद आने का नहीं है। महंगाई की याद तब आई जब एक पुलिस अफसर को आतंकवादियों को संरक्षण देने के आरोप में पकड़ा गया है। और इसे उल्टे ढंग से पेश किया जा रहा है। पता नहीं यह केवल मूर्खता है या साजिश। दुनिया जानती है कि लोकसभा चुनाव से पहले पुलवामा नहीं हुआ होता और मरने वाले जवानों की "तेरहवीं से पहले" बालाकोट जैसी सुझाई गई योजना को सच नहीं किया जाता और उसमें सूत्रों के हवाले से आतंकवादियों के मरने की खबर नहीं फैलाई गई होती तो चुनाव नतीजा कुछ और हो सकता है।
यह सब होने के बाद सत्ता में आई सरकार से यह नहीं पूछा गया कि पुलवामा की जांच क्यों नहीं हुई और अगर किसी ने पूछा तो सरकार को इसके लिए मजबूर नहीं किया गया कि पुलवामा का रहस्य खुले। अब संयोग से एक डीएसपी पकड़ा गया - जिसका पिछला इतिहास भी संदिग्ध है तो चैनल को शक हो रहा है कि उसके नाम पर महंगाई के मुद्दे को भटकाया जा रहा है। मुद्दा महंगाई है या आतंकवादी को संरक्षण? वह भी तब जब गुजरात मॉडल दोहराया जाता दिख रहा है।
(ये लेखक के निजी विचार हैं।)
मामला महंगाई की याद आने का नहीं है। महंगाई की याद तब आई जब एक पुलिस अफसर को आतंकवादियों को संरक्षण देने के आरोप में पकड़ा गया है। और इसे उल्टे ढंग से पेश किया जा रहा है। पता नहीं यह केवल मूर्खता है या साजिश। दुनिया जानती है कि लोकसभा चुनाव से पहले पुलवामा नहीं हुआ होता और मरने वाले जवानों की "तेरहवीं से पहले" बालाकोट जैसी सुझाई गई योजना को सच नहीं किया जाता और उसमें सूत्रों के हवाले से आतंकवादियों के मरने की खबर नहीं फैलाई गई होती तो चुनाव नतीजा कुछ और हो सकता है।
यह सब होने के बाद सत्ता में आई सरकार से यह नहीं पूछा गया कि पुलवामा की जांच क्यों नहीं हुई और अगर किसी ने पूछा तो सरकार को इसके लिए मजबूर नहीं किया गया कि पुलवामा का रहस्य खुले। अब संयोग से एक डीएसपी पकड़ा गया - जिसका पिछला इतिहास भी संदिग्ध है तो चैनल को शक हो रहा है कि उसके नाम पर महंगाई के मुद्दे को भटकाया जा रहा है। मुद्दा महंगाई है या आतंकवादी को संरक्षण? वह भी तब जब गुजरात मॉडल दोहराया जाता दिख रहा है।
(ये लेखक के निजी विचार हैं।)