नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विवादास्पद सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति में नामित किया गया है। 21 सदस्यीय संसदीय सलाहकार समिति की अध्यक्षता केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं।
मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी रही भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ने इस साल के शुरू में लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को हराया था। 21 सदस्यीय संसदीय सलाहकार समिति में विपक्षी नेताओं फारूक अब्दुल्ला और शरद पवार की पसंद भी शामिल हैं।
इस बीच, कांग्रेस पार्टी ने इस विकास पर आपत्ति जताई और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि भाजपा के शब्दों और कार्यों में अंतर है। उन्होंने कहा, मोदी जी ने कहा था कि जब वह विवादास्पद बयान देंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। उनके खिलाफ कई आरोप हैं। उन्हें इतनी महत्वपूर्ण समिति का हिस्सा बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, एक तरफ पीएम मोदी महात्मा गांधी के बारे में बात करते हैं, लेकिन फिर वह ऐसा करते हैं। साध्वी को डिफेंस पैनल में शामिल करना सरकार के रवैये को दिखाता है।
कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘यह देश का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि आतंक फैलाने का आरोप झेल रही सांसद को रक्षा संबंधी समिति का सदस्य बना दिया।’ बता दें कि साध्वी मालेगांव धमाकों के आरोपी है और ऐसे में उन्हें रक्षा मामले की संसदीय समिति में सियासत गरमा गई है।
सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘मोदी जी इन्हें ‘मन से माफ नहीं कर पाए।’ लेकिन देश की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जिम्मेदारी दे दी। इसीलिए तो मोदी है तो मुमकिन है।’ गौरतलब है कि भोपाल से भाजपा की लोकसभा सदस्य प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा मामले की संसद की परामर्श समिति के लिए नामित किया गया है।
वहीं इस पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी तंज कसते हुए ट्वीट किया और कहा, ‘मन से आपने ये कैसी माफी दी ये तो देश से आपने नाइंसाफी की।’
साध्वी प्रज्ञा ने अपनी टिप्पणियों के साथ एक विवाद को फिर से जन्म दिया है। वह एक बड़े विवाद में आ गई थी जब उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को देशभक्त बुलाया था। भाजपा ने टिप्पणी को लेकर साध्वी प्रज्ञा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
इस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था, गांधी या गोडसे के बारे में जो भी कहा गया है, इस तरह के बयान बहुत बुरे और अवमानना के हैं। एक संस्कारी समाज में, इस प्रकार की भाषा अनुमेय नहीं है। हालांकि उन्होंने माफी मांगी है, लेकिन मैं उसे अपने दिल से क्षमा नहीं कर पाऊंगा।
मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी रही भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ने इस साल के शुरू में लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को हराया था। 21 सदस्यीय संसदीय सलाहकार समिति में विपक्षी नेताओं फारूक अब्दुल्ला और शरद पवार की पसंद भी शामिल हैं।
इस बीच, कांग्रेस पार्टी ने इस विकास पर आपत्ति जताई और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि भाजपा के शब्दों और कार्यों में अंतर है। उन्होंने कहा, मोदी जी ने कहा था कि जब वह विवादास्पद बयान देंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। उनके खिलाफ कई आरोप हैं। उन्हें इतनी महत्वपूर्ण समिति का हिस्सा बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, एक तरफ पीएम मोदी महात्मा गांधी के बारे में बात करते हैं, लेकिन फिर वह ऐसा करते हैं। साध्वी को डिफेंस पैनल में शामिल करना सरकार के रवैये को दिखाता है।
कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘यह देश का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि आतंक फैलाने का आरोप झेल रही सांसद को रक्षा संबंधी समिति का सदस्य बना दिया।’ बता दें कि साध्वी मालेगांव धमाकों के आरोपी है और ऐसे में उन्हें रक्षा मामले की संसदीय समिति में सियासत गरमा गई है।
सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘मोदी जी इन्हें ‘मन से माफ नहीं कर पाए।’ लेकिन देश की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जिम्मेदारी दे दी। इसीलिए तो मोदी है तो मुमकिन है।’ गौरतलब है कि भोपाल से भाजपा की लोकसभा सदस्य प्रज्ञा सिंह ठाकुर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा मामले की संसद की परामर्श समिति के लिए नामित किया गया है।
वहीं इस पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी तंज कसते हुए ट्वीट किया और कहा, ‘मन से आपने ये कैसी माफी दी ये तो देश से आपने नाइंसाफी की।’
साध्वी प्रज्ञा ने अपनी टिप्पणियों के साथ एक विवाद को फिर से जन्म दिया है। वह एक बड़े विवाद में आ गई थी जब उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को देशभक्त बुलाया था। भाजपा ने टिप्पणी को लेकर साध्वी प्रज्ञा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
इस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था, गांधी या गोडसे के बारे में जो भी कहा गया है, इस तरह के बयान बहुत बुरे और अवमानना के हैं। एक संस्कारी समाज में, इस प्रकार की भाषा अनुमेय नहीं है। हालांकि उन्होंने माफी मांगी है, लेकिन मैं उसे अपने दिल से क्षमा नहीं कर पाऊंगा।