मोदी सरकारर 2 का शुक्रवार को केंद्रीय बजट लोकसभा में पेश किया गया। इस पर कांग्रेस ने भी निशाना साधा है। कांग्रेस ने इस बजट को 'नई बोतल में पुरानी शराब' करार दिया। कांग्रेस ने दावा किया कि इसमें कुछ भी नया नहीं है और सिर्फ पुराने वादों को दोहराया गया है। लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, 'इसमें कुछ भी नया नहीं है। पुरानी बातों को ही दोहराया गया है। यह नई बोतल में पुरानी शराब है।'
उन्होंने कहा, ‘वे न्यू इंडिया की बात कर रहे हैं, जबकि कोई नई पहल नहीं की गई है। पेट्रोल और डीजल पर उप कर लगा दिया गया। वे एक ऐसे भारत को पेश कर रहे हैं जो सबके लिए हसीन ख्वाब जैसा है, लेकिन हकीकत में कृषि और अर्थव्यवस्था तथा दूसरे क्षेत्रों को लेकर जो पहले वादे किए गए थे उसमें कुछ नया नहीं किया गया।'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा ने कहा कि इस बजट में आम आदमी के लिए कुछ नहीं है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'गांव-गरीब व किसान' हाशिये पर। क्या थोथे शब्दों से कृषि संकट हल होगा? न किसान की आय दुगनी करने का रास्ता, न न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का वादा, अकाल-सूखे से लड़ने का कोई उपाय, न ग्रामीण अर्थव्यवस्था में संकट का सुधार। केवल डीज़ल पर दो रुपये का अतिरिक्त भार।'
गौरतलब है कि ‘‘गांव, गरीब और किसान'' तथा प्रत्येक नागरिक के जीवन को 'अधिक सरल' बनाने के लक्ष्य के साथ पेश किए गये नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले आम बजट में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मीडिया, विमानन, बीमा और एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों को उदार करने का प्रस्ताव किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘वे न्यू इंडिया की बात कर रहे हैं, जबकि कोई नई पहल नहीं की गई है। पेट्रोल और डीजल पर उप कर लगा दिया गया। वे एक ऐसे भारत को पेश कर रहे हैं जो सबके लिए हसीन ख्वाब जैसा है, लेकिन हकीकत में कृषि और अर्थव्यवस्था तथा दूसरे क्षेत्रों को लेकर जो पहले वादे किए गए थे उसमें कुछ नया नहीं किया गया।'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा ने कहा कि इस बजट में आम आदमी के लिए कुछ नहीं है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'गांव-गरीब व किसान' हाशिये पर। क्या थोथे शब्दों से कृषि संकट हल होगा? न किसान की आय दुगनी करने का रास्ता, न न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का वादा, अकाल-सूखे से लड़ने का कोई उपाय, न ग्रामीण अर्थव्यवस्था में संकट का सुधार। केवल डीज़ल पर दो रुपये का अतिरिक्त भार।'
गौरतलब है कि ‘‘गांव, गरीब और किसान'' तथा प्रत्येक नागरिक के जीवन को 'अधिक सरल' बनाने के लक्ष्य के साथ पेश किए गये नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले आम बजट में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मीडिया, विमानन, बीमा और एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों को उदार करने का प्रस्ताव किया गया है।