भंवरी देवी (बवरी देवी) के नाम से भी जानी जाती हैं. भंवरी देवी राजस्थान के भटेरी गांव की निवासी और एक दलित सामाजिक कार्यकर्ता हैं. उन्होंने 1992 में बाल विवाह पर रोक लगाने की कोशिश की थी लेकिन कुछ उच्च वर्ग के लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया.
ये भँवरी देवी की ऐतिहासिक लड़ाई का नतीजा था, जो कार्यरत महिलाओं के यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ विशाखा दिशानिर्देश (Vishakha Guidelines) के रूप में एक क्रांतिकारी क़दम बना.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि अभी भी भँवरी देवी डटी हुई हैं, आज भी साथिन का काम करते हुए दूसरों के अधिकार के लिए संघर्षरत हैं? भंवरी देवी ने तीस्ता सीतलवाड़ से की खास बातचीत, सुनिए..
ये भँवरी देवी की ऐतिहासिक लड़ाई का नतीजा था, जो कार्यरत महिलाओं के यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ विशाखा दिशानिर्देश (Vishakha Guidelines) के रूप में एक क्रांतिकारी क़दम बना.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि अभी भी भँवरी देवी डटी हुई हैं, आज भी साथिन का काम करते हुए दूसरों के अधिकार के लिए संघर्षरत हैं? भंवरी देवी ने तीस्ता सीतलवाड़ से की खास बातचीत, सुनिए..