कर्ज से पूरी तरह से मुक्त और फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजा देने की मांग को लेकर देश के कई राज्यों के किसानों का आंदोलन अब राजधानी दिल्ली पहुंच चुके हैं. शुक्रवार को किसान संसद मार्ग पर प्रदर्शन करेंगे. देशभर से आए किसान आज सुबह बिजवासन से 26 किलोमीटर पैदल मार्च करते हुए शाम पांच बजे तक रामलीला मैदान पहुंचें.
दिल्ली में 29 और 30 नवंबर को होने जा रहे किसान मुक्ति मार्च के लिए स्वराज इंडिया से जुड़े हजारों किसान आंदोलनकारी दिल्ली के बिजवासन इलाके में में बुधवार से ही पहुंचने लगे हैं. देशभर से आए किसान 29 नवंबर की सुबह बिजवासन से 26 किलोमीटर पैदल मार्च करते हुए शाम पांच बजे तक रामलीला मैदान पहुंचेंगे और 30 नवंबर को सुबह संसद की ओर मार्च करेंगे.
स्वराज इंडिया से जुड़े बंगाल, बिहार, ओडिसा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के किसान दिल्ली पहुंच चुके हैं. पंजाब, हरियाणा और आसपास के अन्य राज्यों के आंदोलनकारी भी इस आंदोलन में शामिल होंगे. रामलीला मैदान में गुरुवार की शाम को किसानों के लिए 'एक शाम किसानों के नाम' सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया है.
शुक्रवार को किसान संसद मार्ग पर अपनी दो मांगों- किसानों की पूर्ण कर्जा मुक्ति और फसलों की लागत का डेढ़ गुना देने की मांग को लेकर संसद मार्च करेंगे. गुरुवार को स्वराज इंडिया और जय किसान आंदोलन से जुड़े करीब पांच हजार किसान बाहरी दिल्ली के बिजवासन से सुबह आठ बजे से रामलीला मैदान के लिए पैदल मार्च करेंगे. किसानों का 26 किलोमीटर लंबा यह पैदल मार्च किसान स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष और किसान नेता योगेन्द्र यादव के नेतृत्व में होगा.
स्वराज इंडिया के मुताबिक अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति से जुड़े हजारों किसान दिल्ली के कई रास्तों से शाम पांच बजे तक रामलीला मैदान पहुंच जाएंगे. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्यवय समिति के बैनर तले 201 संगठनों ने पहली बार एकता कायम की है. ऐसा पहली बार है कि देश के किसान संगठन इतनी बड़ी संख्या में एकजुट हुए हैं. किसानों के साथ इस बार खेत मजदूर भी दिल्ली में दस्तक दे रहे हैं.
स्वराज इंडिया ने कहा है कि आंदोलन को डॉक्टरों, छात्रों, कलाकारों, पत्रकारों समेत समाज के कई तबकों से व्यापक समर्थन मिला है. जय किसान आंदोलन के संयोजक और किसान मुक्ति मार्च से जुड़े अभिक साहा ने कहा कि हमारी सिर्फ दो मांगे हैं. अगर सरकार हमारी इन दो मांगों को भी पूरा नहीं करती और हमारे आंदोलन में पुलिस रोड़ा अटकाती है तो यह किसानों के साथ भारी विश्ववासघात होगा, जिसे किसान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे.
किसान मार्च को लेकर दिल्ली पुलिस ने किसानों को रामलीला ग्राउंड तक आने की परमिशन दी है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि रामलीला ग्राउंड तक किसान जैसे चाहे वैसे आ सकते हैं. उसके आगे जाने की इजाजत के लिए पुलिस के आला अधिकारियों की बातचीत हो रही है. गुरुवार को सुबह ही दिल्ली पुलिस साफ करेगी कि किसानों को कहां तक जाने दिया जाएगा.
दिल्ली में 29 और 30 नवंबर को होने जा रहे किसान मुक्ति मार्च के लिए स्वराज इंडिया से जुड़े हजारों किसान आंदोलनकारी दिल्ली के बिजवासन इलाके में में बुधवार से ही पहुंचने लगे हैं. देशभर से आए किसान 29 नवंबर की सुबह बिजवासन से 26 किलोमीटर पैदल मार्च करते हुए शाम पांच बजे तक रामलीला मैदान पहुंचेंगे और 30 नवंबर को सुबह संसद की ओर मार्च करेंगे.
स्वराज इंडिया से जुड़े बंगाल, बिहार, ओडिसा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के किसान दिल्ली पहुंच चुके हैं. पंजाब, हरियाणा और आसपास के अन्य राज्यों के आंदोलनकारी भी इस आंदोलन में शामिल होंगे. रामलीला मैदान में गुरुवार की शाम को किसानों के लिए 'एक शाम किसानों के नाम' सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया है.
शुक्रवार को किसान संसद मार्ग पर अपनी दो मांगों- किसानों की पूर्ण कर्जा मुक्ति और फसलों की लागत का डेढ़ गुना देने की मांग को लेकर संसद मार्च करेंगे. गुरुवार को स्वराज इंडिया और जय किसान आंदोलन से जुड़े करीब पांच हजार किसान बाहरी दिल्ली के बिजवासन से सुबह आठ बजे से रामलीला मैदान के लिए पैदल मार्च करेंगे. किसानों का 26 किलोमीटर लंबा यह पैदल मार्च किसान स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष और किसान नेता योगेन्द्र यादव के नेतृत्व में होगा.
स्वराज इंडिया के मुताबिक अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति से जुड़े हजारों किसान दिल्ली के कई रास्तों से शाम पांच बजे तक रामलीला मैदान पहुंच जाएंगे. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्यवय समिति के बैनर तले 201 संगठनों ने पहली बार एकता कायम की है. ऐसा पहली बार है कि देश के किसान संगठन इतनी बड़ी संख्या में एकजुट हुए हैं. किसानों के साथ इस बार खेत मजदूर भी दिल्ली में दस्तक दे रहे हैं.
स्वराज इंडिया ने कहा है कि आंदोलन को डॉक्टरों, छात्रों, कलाकारों, पत्रकारों समेत समाज के कई तबकों से व्यापक समर्थन मिला है. जय किसान आंदोलन के संयोजक और किसान मुक्ति मार्च से जुड़े अभिक साहा ने कहा कि हमारी सिर्फ दो मांगे हैं. अगर सरकार हमारी इन दो मांगों को भी पूरा नहीं करती और हमारे आंदोलन में पुलिस रोड़ा अटकाती है तो यह किसानों के साथ भारी विश्ववासघात होगा, जिसे किसान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे.
किसान मार्च को लेकर दिल्ली पुलिस ने किसानों को रामलीला ग्राउंड तक आने की परमिशन दी है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि रामलीला ग्राउंड तक किसान जैसे चाहे वैसे आ सकते हैं. उसके आगे जाने की इजाजत के लिए पुलिस के आला अधिकारियों की बातचीत हो रही है. गुरुवार को सुबह ही दिल्ली पुलिस साफ करेगी कि किसानों को कहां तक जाने दिया जाएगा.