भाजपा सरकार की बहुप्रचारित अटल आवास योजना पूरी तरह से फेल होती दिख रही है। छत्तीसगढ़ के कोरबा में तो अटल आवास योजना के 3500 से भी ज्यादा मकान खंडहर होने के कगार पर हैं।
नईदुनिया की खबर के अनुसार, इनमें से 1300 आवासों में लोग अनधिकृत कब्जा कर चुके हैं। करीब 600 आवास इस तरह से खंडहर बन गए हैं कि उनमें रहना जान को खतरे में डालना है।
इन मकानों में सुविधाओं की कमी इस कदर है कि इनको स्लम बस्ती कहना उचित लगता है।
जब लोगों को मूलभूत सुविधाएं ही नहीं मिल रही हैं तो हितग्राही आवास का बकाया भी नहीं कर रहे हैं।
औद्योगिक जिला होने के कारण शहर में तेजी से विस्तार हो रहा है जिसके कारण, गृह निर्माण मंडल और नगर निगम लोगों को आवास उपलब्ध कराने की कवायद कर रहे हैं लेकिनअटल आवास के नाम पर जिन क्षेत्रों में भवनों का निर्माण किया गया है, उनकी स्थिति दयनीय है। कचरों का अंबार, पानी की कमी और बिजली की समस्या, छत से सिपेज अटल आवास की पहचान बन चुकी है।
इंडस्ट्रियल क्षेत्र खरमोरा से लगे अटल आवास परिसर में बिजली तक का इंतजाम नहीं है और लोग मजबूरी में अवैध तरीके से बिजली ले रहे हैं। यही हाल, परिसर में बने सुलभ शौचालय का है।
महराणा प्रताप नगर अटल आवास में सबसे बड़ी दिक्कत पानी की कमी की है। सुविधाएं नहीं होने के कारण रिहायशी क्षेत्र में रह चुके जिन लोगों ने अपने नाम से आवास आवंटित करा भी लिया है वे अब यहां रहने की बजाय आवास को किराए पर दे रहे हैं।
निगम अपने रिकॉर्ड के अनुसार सारे मकान आवंटित कर चुका है, लेकिन जो मकान खंडहर हो चुके हैं, उनमें रहने को कोई तैयार नहीं है।
नईदुनिया की खबर के अनुसार, इनमें से 1300 आवासों में लोग अनधिकृत कब्जा कर चुके हैं। करीब 600 आवास इस तरह से खंडहर बन गए हैं कि उनमें रहना जान को खतरे में डालना है।
इन मकानों में सुविधाओं की कमी इस कदर है कि इनको स्लम बस्ती कहना उचित लगता है।
जब लोगों को मूलभूत सुविधाएं ही नहीं मिल रही हैं तो हितग्राही आवास का बकाया भी नहीं कर रहे हैं।
औद्योगिक जिला होने के कारण शहर में तेजी से विस्तार हो रहा है जिसके कारण, गृह निर्माण मंडल और नगर निगम लोगों को आवास उपलब्ध कराने की कवायद कर रहे हैं लेकिनअटल आवास के नाम पर जिन क्षेत्रों में भवनों का निर्माण किया गया है, उनकी स्थिति दयनीय है। कचरों का अंबार, पानी की कमी और बिजली की समस्या, छत से सिपेज अटल आवास की पहचान बन चुकी है।
इंडस्ट्रियल क्षेत्र खरमोरा से लगे अटल आवास परिसर में बिजली तक का इंतजाम नहीं है और लोग मजबूरी में अवैध तरीके से बिजली ले रहे हैं। यही हाल, परिसर में बने सुलभ शौचालय का है।
महराणा प्रताप नगर अटल आवास में सबसे बड़ी दिक्कत पानी की कमी की है। सुविधाएं नहीं होने के कारण रिहायशी क्षेत्र में रह चुके जिन लोगों ने अपने नाम से आवास आवंटित करा भी लिया है वे अब यहां रहने की बजाय आवास को किराए पर दे रहे हैं।
निगम अपने रिकॉर्ड के अनुसार सारे मकान आवंटित कर चुका है, लेकिन जो मकान खंडहर हो चुके हैं, उनमें रहने को कोई तैयार नहीं है।