HNLU हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनवर्सिटी के छात्र छात्राओं ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। वाइस चांसलर के ख़िलाफ़ एक सप्ताह से छात्र आंदोलन कर रहे थे। हमें चाहिए आज़ादी का नारा लगा रहे थे। क़ानून के इन छात्रों ने अपना फ़र्ज़ निभाया। आज कुलपति सुखपाल सिंह ने इस्तीफ़ा दे दिया। मणिपुर यूनिवर्सिटी के बाद छात्रों की यह दूसरी बड़ी कामयाबी है।
छात्रों के कई आरोप थे। रिसर्च के लिए फ़ंड नहीं देना। कई तरह के भ्रष्टाचार। वाइंस चांसलर से यौन शोषण की शिकायत करने पर भी कोई एक्शन नहीं लेना। लड़कियों के ड्रेस में कुछ शिक्षकों की कमेंटबाजी। छात्रों का यह आंदोलन दूसरे चरण में बड़ी सफलता लेकर आया है। पहले चरण में लाइब्रेरी को देर रात तक खुला रखने की माँग थी। अंत में यूनिवर्सिटी को यह माँग मान लेनी पड़ी। यौन शोषण के मामलों में जाँच और कार्रवाई का भरोसा भी हासिल किया। यहाँ की पूर्व और मौजूदा छात्राओं ने अस्सी से ज़्यादा पन्ने भर दिए अपने भयानक अनुभवों से। उसे यूनिवर्सिटी के सामने एक दस्तावेज के रूप में रख दिया।
यह अपने आप में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की घटना थी मगर किसी वजह से हिन्दू-मुस्लिम मीडिया ने भी इसे अनदेखा कर दिया। सत्ता के आँगन में गोदी मीडिया को हिन्दू-मुस्लिम मीडिया कह कर पुकारा जाता होगा। पर छात्रों ने बिना दिल्ली के मीडिया के यह लड़ाई जीती है। हमारे सहयोगी अनुराग द्वारा और सोमेश पटेल ने इसे कवर किया था। हमने तो एक ही बार दिखाया लेकिन छात्रों ने हर दिन लड़ाई लड़ी। इसलिए उनका हौसला और इरादा सम्मान के लायक है।
HNLU के छात्र और छात्राओं को बधाई। इन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों में से कल कोई बड़ा वकील बनेगा। जज बनेगा। आज अगर वे अपने साथ हुई नाइंसाफ़ी पर चुप रह जाते तो कल किसके इंसाफ़ के लिए लड़ते। यह लड़ाई और लड़ाई के बाद मिली जीत इनमें से बहुतों को नाइंसाफ़ी के प्रति ईमानदार योद्धा में बदल देगी। उम्र में बड़ा हूँ इस नाते सबको ख़ूब सारा प्यार। मगर मुद्दों की समझ और हक़ की आवाज़ के हमसफ़र और हमख़्याल होने के नाते मेरी सलामी उन तक ज़रूर पहुँचे। तो दिल से सलाम दोस्तों।
छात्रों के कई आरोप थे। रिसर्च के लिए फ़ंड नहीं देना। कई तरह के भ्रष्टाचार। वाइंस चांसलर से यौन शोषण की शिकायत करने पर भी कोई एक्शन नहीं लेना। लड़कियों के ड्रेस में कुछ शिक्षकों की कमेंटबाजी। छात्रों का यह आंदोलन दूसरे चरण में बड़ी सफलता लेकर आया है। पहले चरण में लाइब्रेरी को देर रात तक खुला रखने की माँग थी। अंत में यूनिवर्सिटी को यह माँग मान लेनी पड़ी। यौन शोषण के मामलों में जाँच और कार्रवाई का भरोसा भी हासिल किया। यहाँ की पूर्व और मौजूदा छात्राओं ने अस्सी से ज़्यादा पन्ने भर दिए अपने भयानक अनुभवों से। उसे यूनिवर्सिटी के सामने एक दस्तावेज के रूप में रख दिया।
यह अपने आप में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की घटना थी मगर किसी वजह से हिन्दू-मुस्लिम मीडिया ने भी इसे अनदेखा कर दिया। सत्ता के आँगन में गोदी मीडिया को हिन्दू-मुस्लिम मीडिया कह कर पुकारा जाता होगा। पर छात्रों ने बिना दिल्ली के मीडिया के यह लड़ाई जीती है। हमारे सहयोगी अनुराग द्वारा और सोमेश पटेल ने इसे कवर किया था। हमने तो एक ही बार दिखाया लेकिन छात्रों ने हर दिन लड़ाई लड़ी। इसलिए उनका हौसला और इरादा सम्मान के लायक है।
HNLU के छात्र और छात्राओं को बधाई। इन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों में से कल कोई बड़ा वकील बनेगा। जज बनेगा। आज अगर वे अपने साथ हुई नाइंसाफ़ी पर चुप रह जाते तो कल किसके इंसाफ़ के लिए लड़ते। यह लड़ाई और लड़ाई के बाद मिली जीत इनमें से बहुतों को नाइंसाफ़ी के प्रति ईमानदार योद्धा में बदल देगी। उम्र में बड़ा हूँ इस नाते सबको ख़ूब सारा प्यार। मगर मुद्दों की समझ और हक़ की आवाज़ के हमसफ़र और हमख़्याल होने के नाते मेरी सलामी उन तक ज़रूर पहुँचे। तो दिल से सलाम दोस्तों।