बैंकों के खस्ताहाल और बढ़ते एनपीए के लिए यूपीए सरकार को जिम्मेदार बताने वाली बीजेपी की केंद्र सरकार ने 614 खातों में कृषि लोन के नाम पर जमकर पैसा दिया है।

आरटीआई से यह बड़ा खुलासा सामने आया है कि साल 2016 में सिर्फ 615 खातों को औसतन 95 करोड़ से ज्यादा का कृषि लोन दिया गया है। इसको लेकर कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि सस्ते दर और आसान नियमों के तहत किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी कंपनियों को भारी भरकम लोन दिया जा रहा है।
दरअसल समाचार समूह 'द वायर' की ओर से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी गई जिसके जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ये जानकारी दी है। जिसके मुताबिक, साल 2016 में सरकारी बैंकों द्वारा 615 खातों को 58 हज़ार 561 करोड़ रुपये कृषि ऋण दिया गया।
'द वायर' के मुताबिक राज्यवार आंकड़ों के लिए भारतीय स्टेट बैंक के सभी जोनल शाखाओं में आरटीआई दायर किया था लेकिन मुंबई जोन को छोड़कर किसी भी अन्य शाखा ने जानकारी नहीं दी। एसबीआई मुंबई जोन ने बताया कि मुंबई सिटी ब्रांच, जो कि मुंबई के सबसे महंगे इलाकों में से है, से तीन खातों में लगभग 29.95 करोड़ का लोन दिया गया है। इस हिसाब से देखें तो प्रति खाते में लगभग 10 करोड़ का लोन दिया गया।
वहीं इसी ब्रांच से नौ खातों में लगभग 27 करोड़ से ज्यादा का लोन दिया गया है। हालांकि बैंक ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि किसके नाम पर ये सारे लोन जारी किए गए हैं।

आरटीआई से यह बड़ा खुलासा सामने आया है कि साल 2016 में सिर्फ 615 खातों को औसतन 95 करोड़ से ज्यादा का कृषि लोन दिया गया है। इसको लेकर कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि सस्ते दर और आसान नियमों के तहत किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी कंपनियों को भारी भरकम लोन दिया जा रहा है।
दरअसल समाचार समूह 'द वायर' की ओर से आरटीआई के तहत जानकारी मांगी गई जिसके जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ये जानकारी दी है। जिसके मुताबिक, साल 2016 में सरकारी बैंकों द्वारा 615 खातों को 58 हज़ार 561 करोड़ रुपये कृषि ऋण दिया गया।
'द वायर' के मुताबिक राज्यवार आंकड़ों के लिए भारतीय स्टेट बैंक के सभी जोनल शाखाओं में आरटीआई दायर किया था लेकिन मुंबई जोन को छोड़कर किसी भी अन्य शाखा ने जानकारी नहीं दी। एसबीआई मुंबई जोन ने बताया कि मुंबई सिटी ब्रांच, जो कि मुंबई के सबसे महंगे इलाकों में से है, से तीन खातों में लगभग 29.95 करोड़ का लोन दिया गया है। इस हिसाब से देखें तो प्रति खाते में लगभग 10 करोड़ का लोन दिया गया।
वहीं इसी ब्रांच से नौ खातों में लगभग 27 करोड़ से ज्यादा का लोन दिया गया है। हालांकि बैंक ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि किसके नाम पर ये सारे लोन जारी किए गए हैं।