दिल्ली के जामिया नगर के बटला हाउस इलाके में बसपा के नेता की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार की शाम हेलमेट पहनकर दो बदमाशों ने गोली मारकर बसपा नेता की हत्या कर दी. बदमाशों ने उन्हें चार गोलियां मारी. मृतक की पहचान 35 वर्षीय दिलशाद खान के रुप में हुई है. बीएसपी के टिकट के पर उन्होने मेरठ से जिला पंचायत का चुनाव भी जीता था और पेशे से बिल्डर थे. फिलहाल केस दर्ज कर लिया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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पुलिस के मुताबिक, यह वारदात सोमवार शाम बटला हाउस इलाके में सर सैयद रोड पर हुई. वारदात के 5 मिनट बाद पीसीआर को इसकी सूचना मिली. पीसीआर की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, तो पता चला कि दिलशाद को गोली मारी गई हैं. कुछ लोग उन्हें होली फैमिली हॉस्पिटल ले गए हैं. पुलिस अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टरों ने दिलशाद को मृत घोषित कर दिया.
शुरुआती जांच में पता चला कि जामिया नगर एक्सटेंशन के जोगाबाई इलाके में रहने वाले बिल्डर दिलशाद खान शाम को जब सर सैयद रोड से पैदल जा रहे थे, उसी दौरान हेलमेट पहने दो लोग उनके पास पहुंचे और उन पर फायरिंग कर दी. दिलशाद पर 4 गोलियां चलाई गईं. गोलियां उनकी छाती और पीठ में लगीं. फायरिंग करने के बाद बदमाश बटला हाउस की गलियों की तरफ चले गए. दिलशाद के परिजनों ने बताया है कि उन्हें कोई फोन आया था, जिसके बाद वह बटला हाउस गए थे. उन्हें शक है कि किसी परिचित शख्स ने पहले उन्हें फोन करके बुलाया और फिर उनकी हत्या की गई.
शुरुआती जांच में पता चला कि जामिया नगर एक्सटेंशन के जोगाबाई इलाके में रहने वाले बिल्डर दिलशाद खान शाम को जब सर सैयद रोड से पैदल जा रहे थे, उसी दौरान हेलमेट पहने दो लोग उनके पास पहुंचे और उन पर फायरिंग कर दी. दिलशाद पर 4 गोलियां चलाई गईं. गोलियां उनकी छाती और पीठ में लगीं. फायरिंग करने के बाद बदमाश बटला हाउस की गलियों की तरफ चले गए. दिलशाद के परिजनों ने बताया है कि उन्हें कोई फोन आया था, जिसके बाद वह बटला हाउस गए थे. उन्हें शक है कि किसी परिचित शख्स ने पहले उन्हें फोन करके बुलाया और फिर उनकी हत्या की गई.
दिलशाद की पत्नी के भाई मंसूर खान ने बताया कि दिलशाद ने 2016 में मेरठ के वॉर्ड नंबर 34 से बीएसपी के टिकट पर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता था. उनके पिता का निधन हो चुका है. परिवार में मां और पत्नी के अलावा एक बेटी और दो बेटे हैं. उनका सबसे छोटा बेटा 8 महीने का है. उनका कोई ऑफिस नहीं था और वह घर से ही प्रॉपर्टी का काम करते थे. वह मेरठ की स्थानीय राजनीति में भी सक्रिय थे.
पुलिस को मौके से गोलियों के खोल मिले हैं. पुलिस अब जांच कर यह पता लगा रही है कि दिलशाद किससे मिलने आए थे और किसने उन्हें बुलाया था.
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पुलिस के मुताबिक, यह वारदात सोमवार शाम बटला हाउस इलाके में सर सैयद रोड पर हुई. वारदात के 5 मिनट बाद पीसीआर को इसकी सूचना मिली. पीसीआर की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, तो पता चला कि दिलशाद को गोली मारी गई हैं. कुछ लोग उन्हें होली फैमिली हॉस्पिटल ले गए हैं. पुलिस अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टरों ने दिलशाद को मृत घोषित कर दिया.
शुरुआती जांच में पता चला कि जामिया नगर एक्सटेंशन के जोगाबाई इलाके में रहने वाले बिल्डर दिलशाद खान शाम को जब सर सैयद रोड से पैदल जा रहे थे, उसी दौरान हेलमेट पहने दो लोग उनके पास पहुंचे और उन पर फायरिंग कर दी. दिलशाद पर 4 गोलियां चलाई गईं. गोलियां उनकी छाती और पीठ में लगीं. फायरिंग करने के बाद बदमाश बटला हाउस की गलियों की तरफ चले गए. दिलशाद के परिजनों ने बताया है कि उन्हें कोई फोन आया था, जिसके बाद वह बटला हाउस गए थे. उन्हें शक है कि किसी परिचित शख्स ने पहले उन्हें फोन करके बुलाया और फिर उनकी हत्या की गई.
शुरुआती जांच में पता चला कि जामिया नगर एक्सटेंशन के जोगाबाई इलाके में रहने वाले बिल्डर दिलशाद खान शाम को जब सर सैयद रोड से पैदल जा रहे थे, उसी दौरान हेलमेट पहने दो लोग उनके पास पहुंचे और उन पर फायरिंग कर दी. दिलशाद पर 4 गोलियां चलाई गईं. गोलियां उनकी छाती और पीठ में लगीं. फायरिंग करने के बाद बदमाश बटला हाउस की गलियों की तरफ चले गए. दिलशाद के परिजनों ने बताया है कि उन्हें कोई फोन आया था, जिसके बाद वह बटला हाउस गए थे. उन्हें शक है कि किसी परिचित शख्स ने पहले उन्हें फोन करके बुलाया और फिर उनकी हत्या की गई.
दिलशाद की पत्नी के भाई मंसूर खान ने बताया कि दिलशाद ने 2016 में मेरठ के वॉर्ड नंबर 34 से बीएसपी के टिकट पर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता था. उनके पिता का निधन हो चुका है. परिवार में मां और पत्नी के अलावा एक बेटी और दो बेटे हैं. उनका सबसे छोटा बेटा 8 महीने का है. उनका कोई ऑफिस नहीं था और वह घर से ही प्रॉपर्टी का काम करते थे. वह मेरठ की स्थानीय राजनीति में भी सक्रिय थे.
पुलिस को मौके से गोलियों के खोल मिले हैं. पुलिस अब जांच कर यह पता लगा रही है कि दिलशाद किससे मिलने आए थे और किसने उन्हें बुलाया था.