नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर खराब खाने की शिकायत करने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान तेजबहादुर के रिश्तेदार विजय यादव द्वारा दिल्ली हाइकोर्ट में दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई के लिए दिल्ली हाईकोर्ट तैयार हो गया है। परिजनों की याचिका पर कोर्ट ने बीएसएफ महानिदेशक केके शर्मा को नोटिस जारी किया है। तेजबहादुर यादव की पत्नी शर्मिला ने बीएसएफ द्वारा उसको बंदी बनाने का अंदेशा जाहिर की है।
दायर की गई याचिका में तेजबहादुर को पेश करने की गुजारिश की गई है। याचिका में परिवार वालों ने कहा है कि उन्हें पता ही नहीं है कि तेज बहादुर कहां हैं। विजय का कहना है कि तेज बहादुर की अपनी पत्नी से आखिरी बार सात फरवरी को उनकी बात हुई थी। हम उनके मोबाइल पर कॉल कर रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा। जब हमने उनके कार्यालय के नंबर पर संपर्क किया तो किसी ने हमें नहीं बताया कि वह कहां हैं या तो कोई जवाब ही नहीं दे रहे।
विजय ने कहा कि परिवार वालों ने बीएसएफ के महानिदेशक को दो चिट्ठियां भी भेजी हैं, लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं मिला है। परिवार वालों ने इससे पहले आरोप लगाया था कि तेज बहादुर को धमकाया जा रहा है और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है।
गौरतलब है कि बीएसएफ जवान तेजबहादुर ने जनवरी में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल करके हलचल पैदा कर दी थी। तेजबहादुर ने अपने वीडियो में बीएसएफ जवानों को दिए जाने वाले खाने को दिखाया था। तेजबहादुर के वीडियो वायरल होने के बाद उसे बार्डर से मंडी स्थित हेडक्वार्टर में बुला लिया गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बाद में 10 जनवरी को उसका मोबाईल भी जब्त कर लिया गया। तेजबहादुर को 31 जनवरी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी जानी थी, लेकिन जांच का हवाला देकर उसकी सेवानिवृत्ति को भी रद कर दिया गया। इसके बाद से ही परिवार के लोगों की उससे ठीक से बातचीत भी नहीं हो पा रही है।
Courtesy: Janta Ka Reporter
विजय ने कहा कि परिवार वालों ने बीएसएफ के महानिदेशक को दो चिट्ठियां भी भेजी हैं, लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं मिला है। परिवार वालों ने इससे पहले आरोप लगाया था कि तेज बहादुर को धमकाया जा रहा है और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है।
गौरतलब है कि बीएसएफ जवान तेजबहादुर ने जनवरी में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल करके हलचल पैदा कर दी थी। तेजबहादुर ने अपने वीडियो में बीएसएफ जवानों को दिए जाने वाले खाने को दिखाया था। तेजबहादुर के वीडियो वायरल होने के बाद उसे बार्डर से मंडी स्थित हेडक्वार्टर में बुला लिया गया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बाद में 10 जनवरी को उसका मोबाईल भी जब्त कर लिया गया। तेजबहादुर को 31 जनवरी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी जानी थी, लेकिन जांच का हवाला देकर उसकी सेवानिवृत्ति को भी रद कर दिया गया। इसके बाद से ही परिवार के लोगों की उससे ठीक से बातचीत भी नहीं हो पा रही है।
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