संस्कृति

August 25, 2016
Written by Dilip Mandal पंडे-पुरोहित चला रहे हैं देश. हम गोमूत्र पीने के ही काबिल देश हैं. सरकार पिला कर मानेगी और हम पी कर रहेंगे! हम सब अपने चारों ओर विज्ञान और टेक्नोलॉजी से घिरे हुए हैं. जीवन के हर क्षेत्र में इनका असर है. ऐसे समय में केंद्र सरकार स्पेक्ट्रम की नीलामी को श्राद्ध यानी पितृ पक्ष खत्म होने तक टालने का मन बना रही है. 1अक्तूबर से नवरात्र शुरू है. टेलीकॉम...
August 17, 2016
Anhad Baat Cheet and Oxford Bookstore invite you to  A talk by Sohail Hashmi On  'Medieval Architecture: Centuries of Assimilation, Adaption, Appropriation and Absorption' Friday, 19 August, 2016 6 pm Historian, activist, academician and film-maker Sohail Hashmi was about fourteen when he discovered his love for the city's heritage as he ran away from...
August 14, 2016
Three very revealing statements by the then president of the Bharatiya Janata Party (BJP) imply all too clearly that the BJP is an admittedly “Hindu party”; rejects “secular policies”; and has as its main objective the establishment of a Hindu Raj so that “Hindu interests” would prevail (“rule India”). This, of course, is not Indian ...
August 13, 2016
  दो-तीन दिन से जारी बेचैनी से निजात पाने के लिए बोलना ज़रूरी था, पर अक़्ल के घोड़े रोके हुए थे। बार-बार कह रहे थे कि पानी में रहकर कब तक मगर से बैर लेते रहोगे ? लेकिन रेडियो मिर्ची पर अभी-अभी सआदत हसन मंटो की कहानी ‘ सन1919 की एक बात’ सुनने के बाद इन घोड़ों की लगाम कसने की ताक़त हासिल हो गई। पुराने दोस्त दारेन शाहिदी की पुरक़शिश आवाज़ में एक जिस्म बेचने वाली औरत के बदन से...
August 10, 2016
शुक्रिया बीबीसी, नवभारत टाइम्स, एनडीटीवी, प्रभात खबर, नई दुनिया..... आप दीपा कर्मकार को अब उसके सही नाम का हक दे रहे हैं. शुक्रिया Mahendra Yadav आपके इस अभियान के लिए. आपकी मुहिम के बाद कई जगह सुधार दिख रहा है. करमाकर नहीं कर्मकार! दीपा कर्मकार. त्रिपुरा के बंगाली परिवार में जन्मी भारत की बेटी दीपा कर्मकार.   हिंदी चैनलों और अखबारों के ब्राह्मणवाद का यह आलम है कि...
August 5, 2016
Dear All, Various social organisations have initiated a Gandhi-Edhi Campaign to promote peace and harmony.   As you are aware, Abdul Sattar Edhi was an internationally renowned philanthropist from Pakistan.  He passed away recently.  It was he who took care of Geeta the Indian deaf and dumb girl.  His work is compared with that of Mother Teresa. The campaign...
August 5, 2016
Photo Credit: netiap.com शोक के वक़्त कोई खटराग शोभा नहीं देता। ख़ामोशी ही सबसे उचित लहज़ा होती है। लेकिन, जब जीवन के उत्सव और उनके जिए मूल्यों में भी कुछ लोग आडम्बर का चोला ओढ़ाने लगें तो कोफ़्त ज़ाहिर करना चाहिए और महाश्वेता दी की जनपक्षधरता का, दोहराव का ख़तरा मोल लेकर भी, बारंबार उल्लेख किया जाना चाहिए। यह उल्लेख, सच्चे लोकतंत्र और राजनीति की अपनी परंपरा और विरासत की दावेदारी...
August 4, 2016
भारत की पहली गोरक्षिणी सभा की परिकल्पना गुजरात में हुई. 1881 में. दयानंद ने यह स्थापना दी कि गाय को बचाना है. इसके लिए उन्होंने एक किताब लिखी - गौकरुणानिधि. कुल चार किताबें लिखीं थीं दयानंद ने. यह उनमें एक है. दस लाख से अधिक बिकी है. हर असली आर्यसमाजी के पास मिल जाएगी.   गाय क्यों बचानी है, इसके तर्क अद्भुत हैं. बंदर मांस नहीं खाता तो इंसान को भी मांस नहीं खाना चाहिए. सबसे अद्भुत...
August 3, 2016
गोमांस का धंधा ब्राह्मण कर रहा है, पिटाई दलित की हो रही है. अमेरिका में रहने वाले या वहां रहकर आए लोग जानते हैं कि वहां की सबसे पॉपुलर गोमांस कंपनी मेटाडोर है. मेटाडोर के प्रोडक्ट पेप्सिको बेचती है. पेप्सिको अमेरिका को सबसे ज्यादा गोमांस खिलाती है. Photo Credit: Economic Times, Indira Nooyi with Narendra Modi अमेरिका में बीफ मतलब भैंसा नहीं, गाय ही है. पेप्सिको की ग्लोबल सीईओ...
July 31, 2016
आज मुंशी प्रेमचंद की सालगिरह है और यह पोस्ट खासकर उस युवा पीढ़ी के लिए है जिसे शायद ही उनकी रचनाओं को पढने का मौका मिले और यह जरूरी है कि किसी भी हाल में उस परंपरा को जिन्दा रखना जरूरी है जो प्रेमचंद ने शुरू की थी प्रेमचंद के बारे में कुछ ऐसे तथ्य जो ज्यादा लोगों को पता नहीं है- हिंदी के इस मशहूर लेखक ने अपनी पढाई एक मदरसे से शुरू की थी . • शुरूआती दौर में यह उर्दू लेखक थे और...