बॉम्बे HC ने आनंद ग्रोवर को लेकर ED से कहा- हमें मानवता का सम्मान करने की आवश्यकता है

Written by sabrang india | Published on: November 25, 2020
बॉम्बे हाई कोर्ट ने 24 नवंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मनी लॉन्ड्रिंग मामले के मानवाधिकार कार्यकर्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर को समन भेजने पर विचार करने के लिए कहा। अदालत ने ईडी को ग्रोवर की उम्र और कोविड -19 महामारी के मद्देनजर विचार करने के लिए कहा।



बार और बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने तर्क दिया, "वायरस फैल रहा है और आपको इस परिदृश्य को ध्यान में रखना होगा। याचिकाकर्ता की उम्र लगभग 80 वर्ष है, कोविड का परीक्षण सकारात्मक रहा। हमें मानवता का सम्मान करने की जरूरत है। ”

बॉम्बे हाईकोर्ट ने तब सहायक सॉलिसिटर जनरल से कहा कि क्या ईडी 26 नवंबर को पेशी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर को जारी किए गए समन को स्थगित कर सकता है।

जस्टिस एसएस शिंदे और जस्टिस एमएस कार्णिक की बेंच एनजीओ ‘लॉयर्स कलेक्टिव और ग्रोवर द्वारा दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इन याचिकाओं में अनुरोध किया गया है कि धनशोधन रोकथाम कानून के तहत ईडी द्वारा दायर 2019 की शिकायत को खारिज कर दिया जाए। इस मामले में विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।

अधिवक्ता राहुल कामेरकर के जरिए दायर याचिकाओं में दावा किया गया है कि ईडी द्वारा शुरू की गयी मौजूदा कार्यवाही मूल विषय से संबंधित नहीं है।

ग्रोवर ने अपनी याचिका में ईडी द्वारा उनके खिलाफ जारी किए गए समन को भी चुनौती दी है। जारी समन में उन्हें 26 नवंबर को पेश होने को कहा गया है।

ईडी ने समन के जरिए ग्रोवर को एनजीओ द्वारा प्राप्त विदेशी अभिदाय का रिकार्ड पेश करने के लिए कहा था।

मंगलवार को जब ये जब याचिकाएं सुनवाई के लिए आईं, तो अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने जवाब देने के लिए समय दिए जाने का अनुरोध किया।

वरिष्ठ वकील अमित देसाई और अस्पी चिनॉय ने कहा कि याचिकाओं की सुनवाई के लंबित रहने तक ग्रोवर को जारी समन स्थगित रखा जाना चाहिए।

इस पर, न्यायमूर्ति शिंदे ने कहा, ‘‘कोविड​​-19 के मामले हर जगह बढ़ रहे हैं। यहां तक ​​कि हमारे राज्य (महाराष्ट्र) ने भी अब यात्राओं पर कुछ प्रतिबंध लगा दिए हैं। ऐसी स्थिति में, दिल्ली में आपका प्राधिकरण (ईडी) जारी किए गए समन को टाल सकता है और उन्हें (ग्रोवर) बाद की तारीख में आने के लिए कह सकता है।"

पीठ ने कहा, "हमें मानवता का सम्मान करने की आवश्यकता है। कृपया मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखें और इस सुझाव पर विचार करें।"

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