मध्य प्रदेश के इंदौर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) नेता हिम्मत सिंह राठौड़ की इलाज के दौरान मौत के बाद गोकुल दास अस्पताल में संघ कार्यकर्ताओं ने जमकर उत्पात मचाया। आरएसएस कार्यकर्ताओं ने हंगामा करते हुए अस्पताल में तोड़फोड़ की।
परिजनों का आरोप है कि इलाज में अस्पताल प्रशासन के लापरवाही की वजह से राठौड़ की मौत हुई। परिजनों का आरोप है कि मौत के दो घंटे बाद तक डॉक्टरों ने इसकी जानकारी नहीं दी। जिसके बाद आक्रोशित परिजन और उनके समर्थकों ने अस्पताल में तोड़फोड कर दी।
संघ कार्यकर्ताओं ने इस कदर उत्पाद मचाया कि मरीज और कर्मचारियों को जान बचाकर भागना पड़ा। हंगामा कर रहे कार्यकर्ताओं के तोड़फोड़ के दौरान अस्पताल में हर जगह कांच और टूटे सामान बिखरे रहे।
संघ कार्यकर्ताओं के उत्पात के आगे पुलिस भी बेबस नजर आई। हंगामे के करीब आधे घंटे बाद पीसीआर वैन अस्पताल पहुंची, लेकिन लोगों की संख्या ज्यादा होने की वजह से पुलिस भी मूकदर्शक बनी रही। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बाद में जब छह थानों की फोर्स पहुंची तब जाकर स्थिति पर काबू पाया गया।
क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुखलिया निवासी हिम्मत सिंह राठौर (41) को तीन दिन पहले गोकुलदास अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच के बाद डॉ. दीपक अग्रवाल ने परिजनों को बताया कि राठौर को कैंसर है और उनका ऑपरेशन करना पड़ेगा।
दो दिन बाद गुरुवार को उनका ऑपरेशन कर जर्नल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। शुक्रवार दोपहर तक राठौर की तबीयत ठीक थी। वे परिजनों से बातचीत भी कर रहे थे। लेकिन कुछ देर बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और वे घबराहट की शिकायत करने लगे।
जिसके दो घंटे बाद डॉक्टरों ने हिम्मत सिंह को मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर चलते ही परिजन और परिचित संघ कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए। धीरे-धीरे बड़ी संख्या में संघ कार्यकर्ता अस्पताल पहुंच गए और उन्होंने हंगामा मचाते हुए अस्पताल की केबिन, गेट, कुर्सियां आदि तोड़ दीं।
(देखें वीडियो)
Courtesy: Janta Ka Reporter
परिजनों का आरोप है कि इलाज में अस्पताल प्रशासन के लापरवाही की वजह से राठौड़ की मौत हुई। परिजनों का आरोप है कि मौत के दो घंटे बाद तक डॉक्टरों ने इसकी जानकारी नहीं दी। जिसके बाद आक्रोशित परिजन और उनके समर्थकों ने अस्पताल में तोड़फोड कर दी।
संघ कार्यकर्ताओं ने इस कदर उत्पाद मचाया कि मरीज और कर्मचारियों को जान बचाकर भागना पड़ा। हंगामा कर रहे कार्यकर्ताओं के तोड़फोड़ के दौरान अस्पताल में हर जगह कांच और टूटे सामान बिखरे रहे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुखलिया निवासी हिम्मत सिंह राठौर (41) को तीन दिन पहले गोकुलदास अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच के बाद डॉ. दीपक अग्रवाल ने परिजनों को बताया कि राठौर को कैंसर है और उनका ऑपरेशन करना पड़ेगा।
दो दिन बाद गुरुवार को उनका ऑपरेशन कर जर्नल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। शुक्रवार दोपहर तक राठौर की तबीयत ठीक थी। वे परिजनों से बातचीत भी कर रहे थे। लेकिन कुछ देर बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और वे घबराहट की शिकायत करने लगे।
जिसके दो घंटे बाद डॉक्टरों ने हिम्मत सिंह को मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर चलते ही परिजन और परिचित संघ कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए। धीरे-धीरे बड़ी संख्या में संघ कार्यकर्ता अस्पताल पहुंच गए और उन्होंने हंगामा मचाते हुए अस्पताल की केबिन, गेट, कुर्सियां आदि तोड़ दीं।
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