मशहूर सितार एवं सुरबहार वादक उस्ताद इमरत खान ने पद्मश्री पुरस्कार ठुकरा दिया क्योंकि यह ‘‘बहुत देर’ से दिया जा रहा है और उनके ‘‘विश्वव्यापी शोहरत और योगदान’ के अनुरूप नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुरस्कार देरी से मिलने पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार ने 82 साल की उम्र में मेरी जिंदगी के आखिरी लम्हों में मुझे पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना है।
जहां, मैं इस कदम के पीछे की अच्छी मंशा स्वीकार करता हूं, बिना किसी पूर्वग्रह पाले मेरे इसपर मिश्रित विचार हैं। यह शायद कई दशक बाद आया है। मेरे जूनियर पद्मभूषण पा चुके हैं।’’
उन्होंने कहा कि उनके जूनियर्स को पहले ही पद्म भूषण सम्मान से नवाजा जा चुका है। लिहाजा पद्मश्री दिए जाने के फैसले से उन्हें मिश्रित भावनाओं की अनुभूति हो रही है।
Courtesy: Janta Ka Reporter

जहां, मैं इस कदम के पीछे की अच्छी मंशा स्वीकार करता हूं, बिना किसी पूर्वग्रह पाले मेरे इसपर मिश्रित विचार हैं। यह शायद कई दशक बाद आया है। मेरे जूनियर पद्मभूषण पा चुके हैं।’’
उन्होंने कहा कि उनके जूनियर्स को पहले ही पद्म भूषण सम्मान से नवाजा जा चुका है। लिहाजा पद्मश्री दिए जाने के फैसले से उन्हें मिश्रित भावनाओं की अनुभूति हो रही है।
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