उत्तर प्रदश की योगी सरकार की पुलिस के द्वारा इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बागपत जिले के सियाना गांव में पुलिस ने एक लावारिश लाश का अंतिम संस्कार टायर, कूड़ा और केरोसीन जलाकर कर दिया। जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वहीं इस मामले के बाद पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई करते हुए हेड कांस्टेबल को सस्पेंड किया है।
थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह के मुताबिक, “शव को बागपत के नजदीक सिसाना के जंगलों से 7 जनवरी को बरामद किया गया था। हमने तीन दिन तक इंतजार किया कि लावारिश शव का पता चल सके। इसके लिए जिले में पुलिस थानों में लापता लोगों के बारे में दर्ज एफआईआर से शव की शिनाख्त भी किया गया। हालांकि, हमें कोई जानकारी नहीं मिली। हमने हेड कॉन्स्टेबल जयवीर सिंह को अंतिम संस्कार करने को कहा। ऐसा लगता है कि उसने लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के बदले मिलने वाले पैसे को अपने पास रख लिया और लावारिश शव को इस तरीके से अंतिम संस्कार कर दिया।”
बागपत के एसपी शैलेश कुमार पांडेय का कहना है कि, “वीडियो में यह साफ दिख रहा है कि लावारिस शव को टायर, प्लास्टिक वेस्ट और कम लकड़ियों का इस्तेमाल करके अंतिम संस्कार किया जा रहा है। यह न केवल अनैतिक है, बल्कि ऐसे शवों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया का उल्लंघन है।” उन्होंनें आगे कहा कि मामले को गंभीरता को देखते हुए हेड कांस्टेबल जयवीर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। एसपी ने बताया कि कोतवाली प्रभारी आरके सिंह ने हेड कांस्टेबल को शव के अंतिम संस्कार के लिए साढ़े चार हजार रुपये भी दिए थे, लेकिन इसके बावजूद शव का अंतिम संस्कार टायरों से कर दिया। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वहीं, आरोपी कॉन्स्टेबल जयवीर सिंह ने बताया, ‘श्मशान से जो मैंने लकड़ियां खरीदी थीं, वो गीली थीं इसलिए मैंने चिता जलाने के लिए टायर और केरोसीन का इस्तेमाल किया। एक बार आग पकड़ने के बाद, मैंने टायर हटा लिए, लेकिन वीडियो में उस हिस्से को हटा दिया गया। मैंने श्मशान भूमि पर शव का अंतिम संस्कार न करने के लिए एसपी से लिखित में माफी मांगी है।
हालांकि हेड कांस्टेबल जयवीर सिंह ने अपनी सफाई में कहा है कि लकड़ियां गीली होने के कारण आग नहीं पकड़ रही थी। इसलिए उसने लकड़ी जलाने के लिए गाड़ी के टायर का प्रयोग किया। आग लगाने के लिए गाड़ी का टायर जलाया गया था। जब लकड़ी में आग लग गई तो टायर हटा दिया था। उसने एसपी से लिखित में गलती भी मानी है।
थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह के मुताबिक, “शव को बागपत के नजदीक सिसाना के जंगलों से 7 जनवरी को बरामद किया गया था। हमने तीन दिन तक इंतजार किया कि लावारिश शव का पता चल सके। इसके लिए जिले में पुलिस थानों में लापता लोगों के बारे में दर्ज एफआईआर से शव की शिनाख्त भी किया गया। हालांकि, हमें कोई जानकारी नहीं मिली। हमने हेड कॉन्स्टेबल जयवीर सिंह को अंतिम संस्कार करने को कहा। ऐसा लगता है कि उसने लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के बदले मिलने वाले पैसे को अपने पास रख लिया और लावारिश शव को इस तरीके से अंतिम संस्कार कर दिया।”
बागपत के एसपी शैलेश कुमार पांडेय का कहना है कि, “वीडियो में यह साफ दिख रहा है कि लावारिस शव को टायर, प्लास्टिक वेस्ट और कम लकड़ियों का इस्तेमाल करके अंतिम संस्कार किया जा रहा है। यह न केवल अनैतिक है, बल्कि ऐसे शवों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया का उल्लंघन है।” उन्होंनें आगे कहा कि मामले को गंभीरता को देखते हुए हेड कांस्टेबल जयवीर सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। एसपी ने बताया कि कोतवाली प्रभारी आरके सिंह ने हेड कांस्टेबल को शव के अंतिम संस्कार के लिए साढ़े चार हजार रुपये भी दिए थे, लेकिन इसके बावजूद शव का अंतिम संस्कार टायरों से कर दिया। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
वहीं, आरोपी कॉन्स्टेबल जयवीर सिंह ने बताया, ‘श्मशान से जो मैंने लकड़ियां खरीदी थीं, वो गीली थीं इसलिए मैंने चिता जलाने के लिए टायर और केरोसीन का इस्तेमाल किया। एक बार आग पकड़ने के बाद, मैंने टायर हटा लिए, लेकिन वीडियो में उस हिस्से को हटा दिया गया। मैंने श्मशान भूमि पर शव का अंतिम संस्कार न करने के लिए एसपी से लिखित में माफी मांगी है।
हालांकि हेड कांस्टेबल जयवीर सिंह ने अपनी सफाई में कहा है कि लकड़ियां गीली होने के कारण आग नहीं पकड़ रही थी। इसलिए उसने लकड़ी जलाने के लिए गाड़ी के टायर का प्रयोग किया। आग लगाने के लिए गाड़ी का टायर जलाया गया था। जब लकड़ी में आग लग गई तो टायर हटा दिया था। उसने एसपी से लिखित में गलती भी मानी है।