मेरठ: कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए यूपी के किसान भी दिल्ली कूच कर गए हैं। शुक्रवार रात व शनिवार सुबह हजारों की संख्या में किसानों का जत्था दिल्ली कूच कर गया है। मेरठ में एकत्र हुए किसान भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में काफिले के रूप में दिल्ली रवाना हुए हैं। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को किसानों की दिक्कत की समझनी होगी।
कृषि कानूनों के विरोध को लेकर भाकियू ने यूपी समेत देश भर में आंदोलन का ऐलान किया हुआ है। उधर पंजाब हरियाणा के किसान पहले ही बवाल के बाद दिल्ली में प्रवेश कर चुके हैं। इसके बाद अब यूपी से भी बड़ी संख्या में किसानों के दल दिल्ली पहुंच रहे हैं।
किसान नेताओं का कहना है कि सरकार को एकतरफा फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है। सरकार को किसानों की बात सुनकर कृषि कानूनों में बदलाव करना चाहिए।
शनिवार सुबह किसानों का दल दिल्ली के लिए रवाना हुआ। शनिवार करीब 11 बजे किसानों के इस काफिले ने सिवाया टोल प्लाजा से कूच किया। इसमें मेरठ, मुजफ्फरनगर के किसान शामिल हैं। शिवाया टोल प्लाजा के पास जिस निजी कालेज में किसान रुके थे वहां सुबह 10 बजे से दिल्ली कूच की तैयारियां शुरू हो गई थीं। करीब 11 बजे राकेश टिकैत ट्रैक्टर पर सवार होकर किसानों के साथ सिवाया टोल प्लाजा से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। रास्ते में जगह-जगह किसानों का जत्था दिल्ली कूच में शामिल होता चला जा रहा है।
भाकियू ने आह्वान किया है कि बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ दिल्ली कूच के इस आंदोलन में शामिल हो। कंकरखेड़ा, बागपत रोड, परतापुर बाईपास, परतापुर तिराहा, मोहिद्दीनपुर में किसान खड़े हैं। जैसे-जैसे किसानों का जत्था वहां से गुजरेगा, उसमें वह शामिल होते चले जाएंगे।
राकेश टिकैत ने कहा है कि अब आर-पार की लड़ाई का समय आ गया है। कृषि विधेयक को सरकार को वापस लेना होगा।
सहारनपुर से भी किसान भाकियू के मंडल महामंत्री जगपाल सिंह व युवा जिलाध्यक्ष अजय काम्बोज के नेतृत्व में मेरठ से दिल्ली कूच में शामिल हुए। अजय कहते है कि कई किलोमीटर लंबा काफिला है, जिसमें सहारनपुर के भी सैकड़ों किसान शामिल हैं।
अजय कांबोज ने कहा कि देश के अन्नदाता पर बर्बरतापूर्ण कार्यवाही से सरकार अपनी तानाशाही का प्रमाण दे रही है किंतु देश का किसान अब जागरूक हो गया है। वह अब किसी भी दमनकारी नीति को सहन नही करेगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार देश में कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए किसानों को मजदूर बनाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को किसान विरोधी कानून वापस लेने ही होंगे। वहीं एमएसपी से कम पर फसल की बिक्री को अपराध बनाना होगा।
खास बात यह भी कि जो किसान संगठन दिल्ली कूच में शामिल नहीं हैं, वो ज़िला स्तर पर धरने प्रदर्शन व ज्ञापन दे रहे हैं। सहारनपुर में भाकियू तोमर व भाकियू बेदी गुट के किसानों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया जबकि किसान हित सेवा समिति ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध जताया।
कृषि कानूनों के विरोध को लेकर भाकियू ने यूपी समेत देश भर में आंदोलन का ऐलान किया हुआ है। उधर पंजाब हरियाणा के किसान पहले ही बवाल के बाद दिल्ली में प्रवेश कर चुके हैं। इसके बाद अब यूपी से भी बड़ी संख्या में किसानों के दल दिल्ली पहुंच रहे हैं।
किसान नेताओं का कहना है कि सरकार को एकतरफा फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है। सरकार को किसानों की बात सुनकर कृषि कानूनों में बदलाव करना चाहिए।
शनिवार सुबह किसानों का दल दिल्ली के लिए रवाना हुआ। शनिवार करीब 11 बजे किसानों के इस काफिले ने सिवाया टोल प्लाजा से कूच किया। इसमें मेरठ, मुजफ्फरनगर के किसान शामिल हैं। शिवाया टोल प्लाजा के पास जिस निजी कालेज में किसान रुके थे वहां सुबह 10 बजे से दिल्ली कूच की तैयारियां शुरू हो गई थीं। करीब 11 बजे राकेश टिकैत ट्रैक्टर पर सवार होकर किसानों के साथ सिवाया टोल प्लाजा से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। रास्ते में जगह-जगह किसानों का जत्था दिल्ली कूच में शामिल होता चला जा रहा है।
भाकियू ने आह्वान किया है कि बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ दिल्ली कूच के इस आंदोलन में शामिल हो। कंकरखेड़ा, बागपत रोड, परतापुर बाईपास, परतापुर तिराहा, मोहिद्दीनपुर में किसान खड़े हैं। जैसे-जैसे किसानों का जत्था वहां से गुजरेगा, उसमें वह शामिल होते चले जाएंगे।
राकेश टिकैत ने कहा है कि अब आर-पार की लड़ाई का समय आ गया है। कृषि विधेयक को सरकार को वापस लेना होगा।
सहारनपुर से भी किसान भाकियू के मंडल महामंत्री जगपाल सिंह व युवा जिलाध्यक्ष अजय काम्बोज के नेतृत्व में मेरठ से दिल्ली कूच में शामिल हुए। अजय कहते है कि कई किलोमीटर लंबा काफिला है, जिसमें सहारनपुर के भी सैकड़ों किसान शामिल हैं।
अजय कांबोज ने कहा कि देश के अन्नदाता पर बर्बरतापूर्ण कार्यवाही से सरकार अपनी तानाशाही का प्रमाण दे रही है किंतु देश का किसान अब जागरूक हो गया है। वह अब किसी भी दमनकारी नीति को सहन नही करेगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार देश में कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए किसानों को मजदूर बनाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को किसान विरोधी कानून वापस लेने ही होंगे। वहीं एमएसपी से कम पर फसल की बिक्री को अपराध बनाना होगा।
खास बात यह भी कि जो किसान संगठन दिल्ली कूच में शामिल नहीं हैं, वो ज़िला स्तर पर धरने प्रदर्शन व ज्ञापन दे रहे हैं। सहारनपुर में भाकियू तोमर व भाकियू बेदी गुट के किसानों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया जबकि किसान हित सेवा समिति ने कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर विरोध जताया।