बंगाल राजभवन में गवर्नर के परिजन/रिश्तेदारों की भरमार, मोइत्रा ने लिस्ट जारी कर किया कटाक्ष

Written by Sabrangindia Staff | Published on: June 7, 2021
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में कानून व्‍यवस्‍था सहित अन्‍य मुद्दों को लेकर गवर्नर जगदीप धनखड़ और मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के बीच तनातनी जारी है। इस बीच, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने राज्‍यपाल पर तंज कसा है। उन्‍होंने धनखड़ पर राजभवन में ओएसडी पदों पर अपने परिवार के लोगों और परिचितों को नियुक्त करने का आरोप लगाया है। उन्‍होंने कहा कि ‘अंकल जी’ अपने पूरे गांव और खानदान को राजभवन में ले आए हैं।



महुआ मित्रा ने रविवार को दावा किया कि गवर्नर के परिवार के सदस्यों और अन्य परिचितों को राजभवन में विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) नियुक्त किया गया है। मोइत्रा ने एक सूची ट्विटर पर साझा की, जिसमें राज्यपाल के ओएसडी अभ्युदय शेखावत, ओएसडी-समन्वय अखिल चौधरी, ओएसडी-प्रशासन रुचि दुबे, ओएसडी-प्रोटोकॉल प्रसांत दीक्षित, ओएसडी-आईटी कौस्तव एस वलिकर और नव-नियुक्त ओएसडी किशन धनखड़ का नाम है। तृणमूल कांग्रेस सांसद ने साथ ही कहा कि शेखावत धनखड़ के बहनोई के बेटे, रुचि दुबे उनके पूर्व एडीसी मेजर गोरांग दीक्षित की पत्नी और प्रसंत दीक्षित भाई हैं। वलिकर, धनखड़ के मौजूदा एडीसी जनार्दन राव के बहनोई हैं जबकि किशन धनखड़ राज्यपाल के एक और करीबी रिश्तेदार हैं।



मोइत्रा ने पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था को लेकर चिंता जताने से संबंधित धनखड़ के ट्वीट पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्‍होंने ट्विटर पर लिखा, 'अंकलजी पश्चिम बंगाल की 'चिंताजनक स्थिति' सुधर जाएगी अगर आप क्षमा-याचना करके वापस दिल्ली चले जाएं और कोई अन्य नौकरी तलाश लें। 

मोइत्रा ने ये सुझाव दिए हैं: 
1. विपक्ष को कितना बेहतर तरीके से ठोंको, इसको लेकर मुख्यमंत्री अजय बिष्ट योगी के सलाहकार बन जाइए। 2. महामारी के दौरान कैसे बेहतर तरीके से छुपा जाए, इसके लिए गृह मंत्री के सलाहकार बन जाइए। और हां, जब आप वापस जाएं तो पश्चिम बंगाल के राजभवन में बसे अपने भरे-पूरे परिवार को साथ ले जाएं।'

गवर्नर ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
मोइत्रा के इस ट्वीट पर गवर्नर ने सफाई दी है। गवर्नर जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर कहा कि महुआ मोइत्रा द्वारा छह ओएसडी की नियुक्ति को लेकर जो ट्वीट किया गया है वह गलत है। उन्होंने कहा कि ओएसडी तीन राज्यों से हैं और चार अलग-अलग जातियों के हैं। उनमें से कोई भी मेरे करीबी परिवार का हिस्सा नहीं है। उनमें से चार मेरी जाति या राज्य से नहीं हैं।


   

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