"हमारा देश धार्मिक राष्ट्रवाद पर नहीं बना है!": तीस्ता सेतलवाड़

Published on: March 29, 2018
आज़मगढ़ के शिबली नेशनल कॉलेज में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सेतलवाड़ के संस्मरण 'संविधान की सिपाही' का विमोचन हुआ. विमोचन के बाद, उन्होंने वहां के शिक्षकों और छात्रों को संबोधित किया. उन्होंने अपनी बात की शुरुआत अपनी करीबी दोस्त, मरहूम गौरी लंकेश की पंक्तियों से की . उन्होंने देश में फ़ैल रही धार्मिक राष्ट्रवाद का ज़हर और संविधान पर पड़ रहे उसके प्रभाव के बारे में छात्रों को बताया. बातचीत के दौरान, उन्होंने 1990 के दशक से शुरू होने वाले पत्रकारिता पर कॉर्पोरेट प्रभाव के बारे में बताया. साथ ही, उन्होंने बताया की भीम आर्मी जैसे संगठन, जिसके जुझारू नेता, चंद्रशेखर आज़ाद रावण पर रासुका लगा दी गयी है, का देश की राजनीति में उभरकर आना कितना महत्त्वपूर्ण है. उनके अनुसार देश भर के युवाओं का एक जुट होकर सवाल करना और सामाजिक बराबरी के लिए आवाज़ उठाना बहुत ज़रूरी बनता जा रहा है. तीस्ता सेतलवाड़ ने फ़ासीवादी ताकतों के साथ लड़ाई के दौरान किये गए अपने संघर्षों और अनुभवों को भी सबसे साझा किया. और जानने के लिए देखिये इस विडियो को:







 

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