दोनों विरोध स्थलों पर वॉलंटियर्स ने आग पर तेजी से काबू पा लिया, आग में एयर कूलर, बांस के पोल और किसानों का अन्य सामान नष्ट हो गया।
15 अप्रैल 2021 को सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर आग लगा दी गई। इसमें किसानों के टेंट और मीडिया उपकरण जल गए, जबकि कोई घायल नहीं हुआ। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने दावा किया कि उन्होंने चार लोगों को देखा जिन्होंने कथित तौर पर आग लगाई थी।
गाजीपुर समिति के सदस्य बलजिंदर सिंह मान के अनुसार, सिंघू सीमा पर आग लगने की रिपोर्टों के बाद किसान वॉलंटियर ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए तैयार थे। इसी प्रकार, जब गाजीपुर मंच के पीछे मीडिया हाउस में आग लगी, तो लोग तुरंत आग की लपटों को बुझाने में सक्षम थे।
मान ने सबरंगइंडिया को बताया, सुबह की घटना के बाद हम सतर्क थे कि कहीं अन्य विरोध स्थल पर भी ऐसी घटना घट सकती है। हमने चार लोगों को देखा, जिनपर हमें शक था, उन्होंने आग लगा दी और हमने उन्हें पकड़ने की कोशिश की लेकिन वे भाग गए। अन्यथा, यहां आकस्मिक आग लगाने के लिए कोई वायरिंग नहीं है।
मान ने यह भी उल्लेख किया कि आग बुझाने में मदद के लिए स्थानीय फायर ब्रिगेड सुबह 7:30 बजे के आसपास घटनास्थल पर पहुंची। एक मीडिया हाउस होने के चलते कोई भी व्यक्ति इस स्ट्रकचर के अंदर नहीं था। यहां किसानों के टेंट के लिए उपयोग किए जाने वाले पोल रखे जाते थे। ये बांस के पोल पूरी तरह से जल गए।
इससे पहले गुरुवार दोपहर, सिंघू बॉर्डर पर असामाजिक तत्वों द्वारा आग लगा दी गई थी। इस दौरान अस्थायी स्ट्रक्चर के अंदर रखे सामान, एयर कूलर, फर्नीचर और पास में खड़ी कार के साथ तीन से चार टेंटों में आग लग गई।
हालांकि, किसी के भी घायल होने की सूचना नहीं है, एफआईआर दर्ज कराने के लिए किसान नेताओं ने कुंडली पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया।
किसान नेता दर्शन पाल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "इस तरह के प्रयासों से भय का माहौल पैदा हो रहा है, लेकिन किसान इन हरकतों से डरने वाले नहीं हैं।"
15 अप्रैल 2021 को सिंघू और गाजीपुर बॉर्डर पर आग लगा दी गई। इसमें किसानों के टेंट और मीडिया उपकरण जल गए, जबकि कोई घायल नहीं हुआ। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने दावा किया कि उन्होंने चार लोगों को देखा जिन्होंने कथित तौर पर आग लगाई थी।
गाजीपुर समिति के सदस्य बलजिंदर सिंह मान के अनुसार, सिंघू सीमा पर आग लगने की रिपोर्टों के बाद किसान वॉलंटियर ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए तैयार थे। इसी प्रकार, जब गाजीपुर मंच के पीछे मीडिया हाउस में आग लगी, तो लोग तुरंत आग की लपटों को बुझाने में सक्षम थे।
मान ने सबरंगइंडिया को बताया, सुबह की घटना के बाद हम सतर्क थे कि कहीं अन्य विरोध स्थल पर भी ऐसी घटना घट सकती है। हमने चार लोगों को देखा, जिनपर हमें शक था, उन्होंने आग लगा दी और हमने उन्हें पकड़ने की कोशिश की लेकिन वे भाग गए। अन्यथा, यहां आकस्मिक आग लगाने के लिए कोई वायरिंग नहीं है।
मान ने यह भी उल्लेख किया कि आग बुझाने में मदद के लिए स्थानीय फायर ब्रिगेड सुबह 7:30 बजे के आसपास घटनास्थल पर पहुंची। एक मीडिया हाउस होने के चलते कोई भी व्यक्ति इस स्ट्रकचर के अंदर नहीं था। यहां किसानों के टेंट के लिए उपयोग किए जाने वाले पोल रखे जाते थे। ये बांस के पोल पूरी तरह से जल गए।
इससे पहले गुरुवार दोपहर, सिंघू बॉर्डर पर असामाजिक तत्वों द्वारा आग लगा दी गई थी। इस दौरान अस्थायी स्ट्रक्चर के अंदर रखे सामान, एयर कूलर, फर्नीचर और पास में खड़ी कार के साथ तीन से चार टेंटों में आग लग गई।
हालांकि, किसी के भी घायल होने की सूचना नहीं है, एफआईआर दर्ज कराने के लिए किसान नेताओं ने कुंडली पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया।
किसान नेता दर्शन पाल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "इस तरह के प्रयासों से भय का माहौल पैदा हो रहा है, लेकिन किसान इन हरकतों से डरने वाले नहीं हैं।"