सरकार की आलोचना करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर नागरिकों का उत्पीड़न नहीं कर सकते- सुप्रीम कोर्ट

Written by sabrang india | Published on: October 30, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सोशल मीडिया को लेकर राज्य सरकारों द्वारा की जा रही कार्रवाई पर चिंता जाहिर की। कोर्ट ने राज्य सरकारों को सख्त लहजे में हिदायत देते हुए कहा कि सरकार की आलोचना करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हम देश के किसी दूसरे हिस्से में रह रहे नागरिकों को परेशान नहीं कर सकते हैं।  



दरअसल पश्चिम बंगाल पुलिस ने दिल्ली में रहने वाले एक नागरिक को समन जारी किया था। इस नागरिक ने लॉकडाउन के दौरान कोरोना नियमों को ठीक से लागू न करने को लेकर बंगाल की राज्य सरकार की आलोचना की थी।

सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और इंदिरा बनर्जी की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए आर्टिकल 19(1)(a) के तहत नागरिकों की बोलने की आजादी की हर कीमत पर रक्षा करने की बात कही। बेंच ने कहा- आपको सीमा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। भारत को एक आजाद देश की तरह बर्ताव करना चाहिए। हम बतौर सुप्रीम कोर्ट बोलने की आजादी की रक्षा करते हैं। संविधान के तहत सुप्रीम कोर्ट के गठन के पीछे यही कल्पना थी कि ये आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा और ये सुनिश्चित करेगा कि राज्य उसे परेशान न करें।

29 साल की महिला रोशनी बिश्वास ने वकील महेश जेठमलानी की मदद से पश्चिम बंगाल पुलिस के समन और कोलकाता हाईकोर्ट के पुलिस के सामने पेश होने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। फेसबुक पोस्ट में राजा बाजार इलाके में लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन को लेकर सरकार की आलोचना की गई थी।

इसके बाद पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए आरोप लगाया कि इस पोस्ट के जरिए समुदाय विशेष के प्रति नफरत फैलाने की कोशिश की गई। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि पुलिस महिला को ईमेल के जरिए सवाल भेज सकती थी या फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूछताछ कर सकती थी।

पश्चिम बंगाल के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि महिला से सिर्फ पूछताछ की जाएगी उनको गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।

बेंच ने सख्त लहजे में कहा- दिल्ली में रह रहे व्यक्ति को कोलकता में समन करना हैरेसमेंट है। कल को मुंबई, मणिपुर या फिर चेन्नई की पुलिस इस तरह करेगी। आप बोलने की आजादी चाहते हैं या नहीं। हम आपको सबक सिखाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने बीच का रास्ता अख्तियार करते हुए कहा कि कोलकाता से जांच अधिकारी को दिल्ली आना चाहिए और यहां आकर पूछताछ करनी चाहिए। महिला को कहा गया है कि वो पूछताछ में सहयोग करें। बता दें कि कुछ दिन पहले एक विवादित ट्विटर पोस्ट को लेकर दिल्ली के पत्रकार प्रशांत कनौजिया को भी उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और दो महीने तक प्रशांत को जेल में रहना पड़ा था।

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