जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति रद्द करना सही, अनुच्छेद 370 अस्थायी प्रावधान: SC

Written by sabrang india | Published on: December 11, 2023


सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर को संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू और कश्मीर (J&K) की विशेष स्थिति रद्द करने के केंद्र सरकार के 2019 के फैसले की वैधता बरकरार रखी। अदालत ने माना कि जम्मू-कश्मीर राज्य की कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं थी और भारतीय संविधान को जम्मू-कश्मीर राज्य में लागू करने के लिए राज्य सरकार की सहमति की आवश्यकता नहीं थी। यह माना गया कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था। 

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने केंद्र को जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का निर्देश दिया, लेकिन जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में पुनर्गठित करने के मुद्दे को खुला छोड़ दिया। इसके अलावा, यूटी के रूप में लद्दाख के पुनर्गठन बरकरार रखा गया।
 
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली और जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सोलह दिनों की लंबी सुनवाई के बाद 5 सितंबर 2023 को फैसला सुरक्षित रख लिया था। उल्लेखनीय है कि मामले में याचिकाकर्ताओं ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को भी चुनौती दी थी, जिसने राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।

इस मामले में तीन फैसले आए- सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने लिए और दूसरा जस्टिस गवई और जस्टिस सूर्यकांत के लिए। दूसरी, जस्टिस एसके कौल द्वारा लिखित सहमतिपूर्ण राय। जस्टिस संजीव खन्ना दोनों फैसलों से सहमत दिखे।

न्यायालय द्वारा तय किए गए मुद्दे 

1. क्या अनुच्छेद 370 के प्रावधान अस्थायी प्रकृति के हैं, या क्या उन्हें स्थायित्व का दर्जा प्राप्त था? 

2. क्या अनुच्छेद 367 में संशोधन अनुच्छेद 370(1)(डी) के तहत शक्ति का प्रयोग है, जिससे 'राज्य के रूप में विधान सभा' द्वारा 'संविधान सभा' के संदर्भ को प्रतिस्थापित किया जा सके?

3. क्या अनुच्छेद 370(1) के तहत भारत का पूरा संविधान जम्मू-कश्मीर पर लागू किया जा सकता है?

4. क्या खंड (3) के परंतुक के अनुसार जम्मू-कश्मीर संविधान सभा की अनुशंसा के अभाव में राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करना अमान्य है?

5. क्या राज्य की विधानसभा को भंग करने की राज्यपाल की घोषणा संवैधानिक रूप से वैध है?

6. क्या दिसंबर 2018 में लगाए गए राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा और उसके बाद के विस्तार वैध हैं?

7. क्या राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने वाला जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 संवैधानिक रूप से वैध है?

8. क्या अनुच्छेद 356 के तहत उद्घोषणा के कार्यकाल के दौरान और जब राज्य की विधानसभा भंग हो जाती है तो जम्मू-कश्मीर की स्थिति और यूटी में इसका परिवर्तन शक्ति का वैध अभ्यास है?

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