लोकसभा स्पीकर और बीजेपी की सांसद सुमित्रा महाजन पर केंद्र सरकार की योजनाओं का गुणगान गाना महंगा पड़ गया। IMA के समारोह पर सुमित्रा महाजन एक के बाद एक केंद्र सरकार की योजनाओं की तारीफ कर रही थीं। जैसे ही उन्होंने आयुष्मान भारत का नाम लिया तभी समारोह के दौरान उपस्थित डॉक्टर भड़क गए। एक डॉक्टर ने तो गुस्से में आकर उनका माइक ही छीन लिया।
IMA के समारोह में सुमित्रा महाजन ने कई सरकारी योजनाओं की तारीफ की। समारोह में सुमित्रा जी ने कहा कि सरकर के एक भी मंत्री पर किसी तरह का भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। यह लोकसभा चुनाव राष्ट्रवाद का चुनाव है। माहौल तब गरम हो गया जब स्वच्छ भारत योजना, उज्ज्वला योजना की बात करते करते सुमित्रा जी ने आयुष्मान भारत योजना का नाम लिया।
आयुष्मान भारत का नाम सुनते ही उपस्थित डॉक्टर भड़क गए और उनका माइक तक छीन लिया। सुमित्रा जी ने कहा कि आज कल सामान्य ऑपरेशन के लिए भी अस्पताल तीन से चार लाख रुपये ले रहे हैं। कई बार लोग मेरे पास मदद के लिए आते हैं तब मैं उनके अस्पताल के बिल देखकर चौंक जाती हूँ। इतना सुनते ही डॉक्टर बंडी ने नाराज होकर उनका माइक छीन लिया।
क्रोधित डॉ बंडी ने दावा किया कि अगर उन्हें एक भी बिल दे दिया जाए जिसमें अस्पताल ने एवरेज बिल तीन से चार लाख का दिया हो तो वो डॉक्टरी छोड़ देंगे। अपना तर्क रखते हुए डॉ बंडी ने कहा कि “वकील सिर्फ परामर्श के लिए पांच हज़ार फीस लेते हैं, क्या कोई डॉक्टर लेता है? हमारे पेशे को गिराया जा रहा है। मरीज के पास आज आयुष्मान कार्ड है। बीपीएल कार्ड होता है। डॉक्टरों के साथ यह कौन सा न्याय है। सरकार अस्पताल से काम करवा लेती है पर पैसे आने में बरसों लग जाता है। इसका कारण यह है कि सरकारी कर्मचारियों को भी कुछ चाहिए होता है। इसलिए आप ऐसा कानून लाएं कि यदि रिफंड समय पर नहीं होता तो छह प्रतिशत ब्याज सहित अस्पताल को पैसा दिया जाएगा।
IMA के समारोह में सुमित्रा महाजन ने कई सरकारी योजनाओं की तारीफ की। समारोह में सुमित्रा जी ने कहा कि सरकर के एक भी मंत्री पर किसी तरह का भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। यह लोकसभा चुनाव राष्ट्रवाद का चुनाव है। माहौल तब गरम हो गया जब स्वच्छ भारत योजना, उज्ज्वला योजना की बात करते करते सुमित्रा जी ने आयुष्मान भारत योजना का नाम लिया।
आयुष्मान भारत का नाम सुनते ही उपस्थित डॉक्टर भड़क गए और उनका माइक तक छीन लिया। सुमित्रा जी ने कहा कि आज कल सामान्य ऑपरेशन के लिए भी अस्पताल तीन से चार लाख रुपये ले रहे हैं। कई बार लोग मेरे पास मदद के लिए आते हैं तब मैं उनके अस्पताल के बिल देखकर चौंक जाती हूँ। इतना सुनते ही डॉक्टर बंडी ने नाराज होकर उनका माइक छीन लिया।
क्रोधित डॉ बंडी ने दावा किया कि अगर उन्हें एक भी बिल दे दिया जाए जिसमें अस्पताल ने एवरेज बिल तीन से चार लाख का दिया हो तो वो डॉक्टरी छोड़ देंगे। अपना तर्क रखते हुए डॉ बंडी ने कहा कि “वकील सिर्फ परामर्श के लिए पांच हज़ार फीस लेते हैं, क्या कोई डॉक्टर लेता है? हमारे पेशे को गिराया जा रहा है। मरीज के पास आज आयुष्मान कार्ड है। बीपीएल कार्ड होता है। डॉक्टरों के साथ यह कौन सा न्याय है। सरकार अस्पताल से काम करवा लेती है पर पैसे आने में बरसों लग जाता है। इसका कारण यह है कि सरकारी कर्मचारियों को भी कुछ चाहिए होता है। इसलिए आप ऐसा कानून लाएं कि यदि रिफंड समय पर नहीं होता तो छह प्रतिशत ब्याज सहित अस्पताल को पैसा दिया जाएगा।