अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने ट्विटर पर सुप्रीम कोर्ट और इसके न्यायाधीशों के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए अवमानना के आरोप में स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ कार्यवाही के लिए अपना पक्ष रखा। कामरा को उनके सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य के खिलाफ बोलने के लिए जाना जाता है और इस बार वह उनके लिए मुसीबत बन गए हैं।
अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा, "मुझे लगता है कि आज लोग मानते हैं कि वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय और उसके न्यायाधीशों की साहसपूर्वक निंदा कर सकते हैं और वे मानते हैं कि यह उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है।"
अटॉर्नी जनरल को आठ से अधिक पत्र मिले थे जिसमें कामरा के ख़िलाफ़ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई थी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ़ अर्नब गोस्वामी को ज़मानत पर तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था। इसके बाद कुणाल कामरा ने अपने ट्विटर एकाउंट से सुप्रीम कोर्ट पर कथित अपमानजनक ट्वीट किया था।
अटॉर्नी जनरल ने अपने पत्र में लिखा है कि यह ट्वीट न केवल बेहद भद्दा है बल्कि हास्य और न्यायालय की अवमानना के बीच सीमा रेखा को पार करता है।
उन्होंने कहा, "इमारत (सुप्रीम कोर्ट) के प्रति सम्मान काफ़ी पहले ही जा चुका है। इस देश का सर्वोच्च न्यायालय आज देश का सबसे सर्वोच्च चुटकुला बन चुका है।"
अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा, "मुझे लगता है कि आज लोग मानते हैं कि वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय और उसके न्यायाधीशों की साहसपूर्वक निंदा कर सकते हैं और वे मानते हैं कि यह उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है।"
अटॉर्नी जनरल को आठ से अधिक पत्र मिले थे जिसमें कामरा के ख़िलाफ़ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई थी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ़ अर्नब गोस्वामी को ज़मानत पर तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था। इसके बाद कुणाल कामरा ने अपने ट्विटर एकाउंट से सुप्रीम कोर्ट पर कथित अपमानजनक ट्वीट किया था।
अटॉर्नी जनरल ने अपने पत्र में लिखा है कि यह ट्वीट न केवल बेहद भद्दा है बल्कि हास्य और न्यायालय की अवमानना के बीच सीमा रेखा को पार करता है।
उन्होंने कहा, "इमारत (सुप्रीम कोर्ट) के प्रति सम्मान काफ़ी पहले ही जा चुका है। इस देश का सर्वोच्च न्यायालय आज देश का सबसे सर्वोच्च चुटकुला बन चुका है।"