सेंचुरी सत्याग्रह के 2 वर्ष पूरे होने पर सेंचुरी गेट, सत्राटी, (खरगोन में इंदौर मुम्बई हाईवे पर) 17 अक्टूबर 2019 दोपहर 12:00 बजे से 4:00 बजे तक विशाल 'श्रमिक मेला' आयोजित होने जा रहा है।
मेला आयोजकों की तरफ से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया है कि आज देश में एक और औद्योगिकरण से विकास का नजरिया सामने रखकर खेतिहर और मेहनतकशों को उसीसे रोजगार पाने का भरोसा दिया जा रहा है... तो दूसरी ओर उद्योगों से निर्मित रोजगार में छटनी उद्योगों की बिक्री या श्रमिक विरोधी अन्य प्रकार की मनमानी से रोजगार और श्रमिकों पर हमला जारी है।
मध्यप्रदेश में भी दूसरे देशों के उद्योगपतियों को बुलावा देने वाले शासनकर्ता, यहां सालों से चल रही मिलों, फैक्ट्रियों तथा उद्योगों को बंद करने की दिशा में बढ़ रहे हैं, श्रमिकों को बदनाम करने, उनके अधिकार छीनने की साजिश क्यों चलने दे रहे हैं? शासन का क्या कर्तव्य है, श्रमिकों के हक सुरक्षित रखने का? यह सवाल मजदूरों के मन में गूंज रहा है।
चन्द उद्योगपति अरबपति होते हुए भी लाखों-करोड़ों मजदूरों को न्यूनतम वेतन से वंचित, ठेका मजदूर के रुप में शोषित या गैर बराबरी से पीड़ित रखे हैं। आजादी के बाद श्रमिकों के संघर्ष से तथा संवैधानिक आधार पर जो कानूनी हक पाये, उन्हें भी समाप्त करने के लिए 44 श्रमकानूनों पर अब कुल्हाड़ी मारी जा रही है।
उद्योगपति, उद्योगों में प्राथमिक उत्पादन के बदले दुय्यम सेवा उद्योग या रियल इस्टेट में अधिक मुनाफा कमाने की लालच से अब देश की बुनियादी जरूरतें पूरी करने वाले रोजगार मूलक उद्योगों को ताले लगाने में लगे हैं।
इस परिप्रेक्ष्य में रोजगार का अधिकार VRS या छटनी की साजिशें, बदलते कानून एवं औद्योगीकरण और विकास की अवधारणा... आदि मुद्दों पर प्रस्तुति, वक्तव्य, चर्चा-विचार के लिए सेंचुरी के अनुशासित, एकता प्रिय श्रमिक 'श्रमिक मेला' आयोजित कर रहे हैं।
मेला 17 अक्टूबर 2019 को दोपहर 12:00 बजे से 4:00 बजे तक, सत्याग्रह स्थल, सेंचुरी गेट, सत्राटी, (इंदौर मुम्बई हाईवे पर खरगोन में) आयोजित किया जा रहा है। इस मेले में दिल्ली, मुंबई सहित कई क्षेत्रों से श्रमिक नेता व संघर्षरत श्रमिक शिकरत करेंगे।
श्रमिक मेले में उपरोक्त मुद्दों पर चर्चा विचार के बाद श्रमिकों की अवमानना करने वाले, उनके हक छीनने वाले नए कानूनी बदलाव पर निर्णय लिया जाएगा और आगे की सत्याग्रही रणनीति बनाई जाएगी।
मेला आयोजकों ने श्रमिक मेले में अपने-अपने बैनर्स, साहित्य, पर्चे, प्रदर्शनी के साथ सुबह 11:30 बजे पहुंचने का आह्वान किया है।
मेला आयोजकों की तरफ से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया है कि आज देश में एक और औद्योगिकरण से विकास का नजरिया सामने रखकर खेतिहर और मेहनतकशों को उसीसे रोजगार पाने का भरोसा दिया जा रहा है... तो दूसरी ओर उद्योगों से निर्मित रोजगार में छटनी उद्योगों की बिक्री या श्रमिक विरोधी अन्य प्रकार की मनमानी से रोजगार और श्रमिकों पर हमला जारी है।
मध्यप्रदेश में भी दूसरे देशों के उद्योगपतियों को बुलावा देने वाले शासनकर्ता, यहां सालों से चल रही मिलों, फैक्ट्रियों तथा उद्योगों को बंद करने की दिशा में बढ़ रहे हैं, श्रमिकों को बदनाम करने, उनके अधिकार छीनने की साजिश क्यों चलने दे रहे हैं? शासन का क्या कर्तव्य है, श्रमिकों के हक सुरक्षित रखने का? यह सवाल मजदूरों के मन में गूंज रहा है।
चन्द उद्योगपति अरबपति होते हुए भी लाखों-करोड़ों मजदूरों को न्यूनतम वेतन से वंचित, ठेका मजदूर के रुप में शोषित या गैर बराबरी से पीड़ित रखे हैं। आजादी के बाद श्रमिकों के संघर्ष से तथा संवैधानिक आधार पर जो कानूनी हक पाये, उन्हें भी समाप्त करने के लिए 44 श्रमकानूनों पर अब कुल्हाड़ी मारी जा रही है।
उद्योगपति, उद्योगों में प्राथमिक उत्पादन के बदले दुय्यम सेवा उद्योग या रियल इस्टेट में अधिक मुनाफा कमाने की लालच से अब देश की बुनियादी जरूरतें पूरी करने वाले रोजगार मूलक उद्योगों को ताले लगाने में लगे हैं।
इस परिप्रेक्ष्य में रोजगार का अधिकार VRS या छटनी की साजिशें, बदलते कानून एवं औद्योगीकरण और विकास की अवधारणा... आदि मुद्दों पर प्रस्तुति, वक्तव्य, चर्चा-विचार के लिए सेंचुरी के अनुशासित, एकता प्रिय श्रमिक 'श्रमिक मेला' आयोजित कर रहे हैं।
मेला 17 अक्टूबर 2019 को दोपहर 12:00 बजे से 4:00 बजे तक, सत्याग्रह स्थल, सेंचुरी गेट, सत्राटी, (इंदौर मुम्बई हाईवे पर खरगोन में) आयोजित किया जा रहा है। इस मेले में दिल्ली, मुंबई सहित कई क्षेत्रों से श्रमिक नेता व संघर्षरत श्रमिक शिकरत करेंगे।
श्रमिक मेले में उपरोक्त मुद्दों पर चर्चा विचार के बाद श्रमिकों की अवमानना करने वाले, उनके हक छीनने वाले नए कानूनी बदलाव पर निर्णय लिया जाएगा और आगे की सत्याग्रही रणनीति बनाई जाएगी।
मेला आयोजकों ने श्रमिक मेले में अपने-अपने बैनर्स, साहित्य, पर्चे, प्रदर्शनी के साथ सुबह 11:30 बजे पहुंचने का आह्वान किया है।