नई दिल्ली। दो वैज्ञानिकों द्वारा जालंधर स्थित इंडियन साइंस कांग्रेस (आईएससी) में किए गए तर्कहीन दावों की कई भारतीय संस्थानों के प्रख्यात वैज्ञानिकों और खोजकर्ताओं ने आलोचना की है। इस मामले पर रविवार को भी कुछ वैज्ञानिक और खोजकर्ताओं ने बंगलूरू में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के बाहर प्रदर्शन किया। हालांकि प्रदर्शन का तरीका बेहद शांत था।
इस मामले पर ब्रेकथ्रो साइंस सोसाइटी (बीएसएस) कर्नाटक की सेक्रेटरी रजनी केएस का कहना है, "2015 में हुए मुंबई सेशन के बाद हमने आईएससी असोसिएशन के अध्यक्ष से मुलाकात की थी और अपनी चिंताओं पर आधारित एक याचिका सौंपी थी। लेकिन फिर भी वही चीज होती गई। लोगों को आयोजकों से पूछना चाहिए कि वह कैसे इजाजत दे सकते हैं।"
बीएसएस अब सोमवार को भारत के कई शहरों में प्रदर्शन करेगा। आंध्रा विश्विद्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया जाएगा क्योंकि वहां के वीसी जी नागेश्वर राव ने कहा था कि कौरवों का जन्म स्टेम सेल तकनीक के जरिए हुआ और रावण के पास 24 तरह के हवाई जहाज थे।
रजनी ने कहा, "हम 10 से भी अधिक शहरों में प्रदर्शन करेंगे। यह जरूरी है कि हम लोगों को बताएं कि ऐसे दावों की आईसीएस जैसे कार्यक्रमों में कोई जगह नहीं है।" ऑल इंडिया कमिटि और बीएसएस की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "यह पूरी तरह से परेशान करने वाला है कि ऐसे दावे आईएससी के चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस सेशन में किए गए। जहां दर्शकों में बड़ी संख्या में अध्यापक और छात्र शामिल थे।"
कई भारतीय वैज्ञानिकों ने कांग्रेस जैसे प्रख्यात मंच पर प्राचीन समय के आविष्कारों पर किए इन दावों की निंदा की है। एयरोस्पेस वैज्ञानिक रोड्डम नरसिम्हा ने कहा है कि कई अन्य सेशनों में भी इसी तरह के दावे करने की बात सामने आई थी।
प्रख्यात वैज्ञानिक सीएनआर राव का कहना है, "मैं कांग्रेस के सेशन में जाने से परहेज करता हूं। अगर मैं गया, तो ऐसा प्रतीत होगा कि मैं उन बयानों और दावों की पुष्टि पर रहा हूं।" इसी दौरान रविवार को जालंधर के चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस के जनरल प्रेसिडेंट मनोज कुमार ने सेशल में शामिल लोगों से कहा कि जो भी दावे शुक्रवार को दो वैज्ञानिकों ने किए थे, उन्हें भूल जाएं।
इस मामले पर ब्रेकथ्रो साइंस सोसाइटी (बीएसएस) कर्नाटक की सेक्रेटरी रजनी केएस का कहना है, "2015 में हुए मुंबई सेशन के बाद हमने आईएससी असोसिएशन के अध्यक्ष से मुलाकात की थी और अपनी चिंताओं पर आधारित एक याचिका सौंपी थी। लेकिन फिर भी वही चीज होती गई। लोगों को आयोजकों से पूछना चाहिए कि वह कैसे इजाजत दे सकते हैं।"
बीएसएस अब सोमवार को भारत के कई शहरों में प्रदर्शन करेगा। आंध्रा विश्विद्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया जाएगा क्योंकि वहां के वीसी जी नागेश्वर राव ने कहा था कि कौरवों का जन्म स्टेम सेल तकनीक के जरिए हुआ और रावण के पास 24 तरह के हवाई जहाज थे।
रजनी ने कहा, "हम 10 से भी अधिक शहरों में प्रदर्शन करेंगे। यह जरूरी है कि हम लोगों को बताएं कि ऐसे दावों की आईसीएस जैसे कार्यक्रमों में कोई जगह नहीं है।" ऑल इंडिया कमिटि और बीएसएस की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "यह पूरी तरह से परेशान करने वाला है कि ऐसे दावे आईएससी के चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस सेशन में किए गए। जहां दर्शकों में बड़ी संख्या में अध्यापक और छात्र शामिल थे।"
कई भारतीय वैज्ञानिकों ने कांग्रेस जैसे प्रख्यात मंच पर प्राचीन समय के आविष्कारों पर किए इन दावों की निंदा की है। एयरोस्पेस वैज्ञानिक रोड्डम नरसिम्हा ने कहा है कि कई अन्य सेशनों में भी इसी तरह के दावे करने की बात सामने आई थी।
प्रख्यात वैज्ञानिक सीएनआर राव का कहना है, "मैं कांग्रेस के सेशन में जाने से परहेज करता हूं। अगर मैं गया, तो ऐसा प्रतीत होगा कि मैं उन बयानों और दावों की पुष्टि पर रहा हूं।" इसी दौरान रविवार को जालंधर के चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस के जनरल प्रेसिडेंट मनोज कुमार ने सेशल में शामिल लोगों से कहा कि जो भी दावे शुक्रवार को दो वैज्ञानिकों ने किए थे, उन्हें भूल जाएं।