सुप्रीम कोर्ट को बाईपास कर राम मंदिर के लिए माहौल बना रहे RSS की विशाल संकल्प यात्रा में लोगों का टोटा

Written by Sabrangindia Staff | Published on: December 1, 2018
नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने आक्रामक रुख अपना लिया है. संघ की इस रथ यात्रा का मकसद राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर के लोगों का समर्थन जुटाना है. गौरतलब है कि विश्व हिंदू परिषद और संत समाज पहले से ही इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे हैं. संघ के प्रांत संघचालक कुलभूषण आहूजा दिल्ली के झंडेवालान मंदिर से हरी झंडी दिखाई. लेकिन जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा था इस यात्रा को लेकर, ज़मीन पर इसके उलट तस्वीर दिखी और मुश्किल से 100 लोग भी रथ यात्रा में शामिल नहीं हुए. इस तरह से पहले दिन संघ की रथ यात्रा दिल्ली में फ़ीकी ही रही. 

आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, वीएचपी और संत समाज की ओर से लगातार मोदी सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है कि सरकार तुरंत कानून बनाकर राम मंदिर का निर्माण करें. सरकार से मांग की जा रही है कि अध्यादेश लाकर या कानून बनाकर इसका हल निकाला जाए. 

दरअसल, बीते दिनों विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में 'धर्म सभा' का आयोजन करवाया था. इसमें देशभर के संतों ने हिस्सा लिया था. धर्म सभा में अयोध्या में राम मंदिर बनाने की मांग उठाई गई थी. सरकार से मांग की गई थी कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश लाया जाए. इसी दिन शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे भी अयोध्या पहुंचे थे. अयोध्या में उद्धव ठाकरे ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि अगर राम मंदिर नहीं बना तो दोबारा भाजपा सरकार नहीं आएगी.

बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अयोध्या में यथाशीघ्र राम मंदिर के निर्माण के लिए एक अध्यादेश लाने या कानून बनाने की मांग कर रहा है.  इतना ही नहीं, संघ का कहना कि विवादित भूमि मामले की सुनवाई में विलंब करने का उच्चतम न्यायालय का फैसला हिंदू भावनाओं को “आहत” करता है. आरएसएस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने शीर्ष अदालत के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, “उच्चतम न्यायालय ने मामले की सुनवाई अगले साल जनवरी तक के लिए टाल दी है. 

साभार- एनडीटीवी

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