अयोध्या। अयोध्या में विवादित राम जन्म भूमि के क्लेश के बीच रमजान के पवित्र महीने में हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रमाण पेश किया गया। विवादित स्थल के पास ही स्थित सरयू कुंज मंदिर में रोजा इफ्तार पार्टी कराई गई। सभी धर्म के लोगों ने इस इफ्तार पार्टी में हिस्सा लिया।
खबरों के अनुसार श्री सीता राम मंदिर के परिसर में मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ साधु-संत और सिख समाज के लोगों ने भी इफ्तार पार्टी में हिस्सा लिया। इफ्तार पार्टी के बाद मंदिर के पास बने एक अहाते में मगरिब की नमाज अदा की गई। नमाज की इमामत जलाल सिद्दीकी द्वारा की गई।
ANI से बातचीत के दौरान मंदिर के पुजारी युगल किशोर ने बताया कि मंदिर परिसर में तीसरी बार इफ्तार पार्टी आयोजित कराई गई है। पुजारी ने कहा “आगे भी हम इफ्तार पार्टी आयोजित कराते रहेंगे। इससे कौमी एकता को मजबूत किया जा सकता है। हमें हर त्योहार को एक साथ मिलकर बड़े उत्साह से मनाना चाहिए।
इफ्तार पार्टी में शामिल मुजम्मिल फिजा ने कहा कि “मैं हर साल नवरात्रि अपने हिंदू भाइयों के साथ मनाता हूँ। समाज के एक खास एजेंडा वाले लोग बस नहीं चाहते हैं कि हम सब एक साथ आएं और हर त्योहार को साथ मिलकर बनाएं।“
राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद के नाम पर देश में हिन्दू-मुस्लिम समुदायों के बीच समय समय पर विद्वेष पैदा करने का प्रयास किया जाता है। ऐसे में मंदिर में आयोजित यह इफ्तार पार्टी सांप्रदायिक नेताओं पर करार तमाचा है।
खबरों के अनुसार श्री सीता राम मंदिर के परिसर में मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ साधु-संत और सिख समाज के लोगों ने भी इफ्तार पार्टी में हिस्सा लिया। इफ्तार पार्टी के बाद मंदिर के पास बने एक अहाते में मगरिब की नमाज अदा की गई। नमाज की इमामत जलाल सिद्दीकी द्वारा की गई।
ANI से बातचीत के दौरान मंदिर के पुजारी युगल किशोर ने बताया कि मंदिर परिसर में तीसरी बार इफ्तार पार्टी आयोजित कराई गई है। पुजारी ने कहा “आगे भी हम इफ्तार पार्टी आयोजित कराते रहेंगे। इससे कौमी एकता को मजबूत किया जा सकता है। हमें हर त्योहार को एक साथ मिलकर बड़े उत्साह से मनाना चाहिए।
इफ्तार पार्टी में शामिल मुजम्मिल फिजा ने कहा कि “मैं हर साल नवरात्रि अपने हिंदू भाइयों के साथ मनाता हूँ। समाज के एक खास एजेंडा वाले लोग बस नहीं चाहते हैं कि हम सब एक साथ आएं और हर त्योहार को साथ मिलकर बनाएं।“
राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद के नाम पर देश में हिन्दू-मुस्लिम समुदायों के बीच समय समय पर विद्वेष पैदा करने का प्रयास किया जाता है। ऐसे में मंदिर में आयोजित यह इफ्तार पार्टी सांप्रदायिक नेताओं पर करार तमाचा है।