अभिव्यक्ति के अधिकार का मतलब हेट स्पीच को बढ़ावा देने का लाइसेंस मिलना नहीं- एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया

Written by sabrang india | Published on: October 27, 2020
नई दिल्ली। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने रिपब्लिक टीवी के पत्रकारों के खिलाफ दर्ज की जा रही एफआईआर के बारे में कड़ा बयान जारी किया है। गिल्ड ने रिपब्लिक टीवी और उसके पत्रकारों को फटकार लगाते हुए कहा कि अभिव्यक्ति के अधिकार का मतलब हेट स्पीच को बढ़ावा देने का लाइसेंस मिलना नहीं है। चैनल को 'जिम्मेदार बर्ताव' शुरू करना चाहिए। पत्रकारों को निशाना बनाना बंद किया जाना चाहिए। 



एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि रिपब्लिक टीवी के पत्रकारों के खिलाफ सैकड़ों एफआईआर देखकर दुख होता है। उन्होंने कहा, मनमानी सत्तात कभी भी काम करने वाले पत्रकारों के हित में नहीं रही है। मुंबई पुलिस और टीवी चैनल के बीच ये विवाद अभूतपूर्व है लेकिन मीडिया की स्वतंत्रता और कानून के भीतर इसे रहने के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है। 

एडिटर्स गिल्ड ने फिल्म अभिनेता सुशांत राजपूत के मामले की रिपोर्टिंग को लेकर भी रिपब्लिक टीवी को फटकार लगाते हुए कहा कि टीआरपी घोटाले के अलावा सुशांत सिंह राजपूत की मौत के दौरान रिपब्लिक टीवी का आचरण भी मीडिया की विश्वसनीयता और रिपोर्टिंग की सीमाओं के मुद्दों को उठाता है। बयान में बॉम्बे हाईकोर्ट की उस टिप्पणी का भी जिक्र किया गया है, जिसमें कोर्ट ने सुशांत की मौत की रिपोर्टिंग को लेकर चैनल से सवाल किया था कि 'क्या ये खोजी पत्रकारिता का हिस्सा है? लोगों से ये पूछना कि किसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए?

एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि चैनल को जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करना चाहिए। गिल्ड ने कहा, 'अब समय आ गया है कि चैनल जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करे और अपने पत्रकारों की सुरक्षा को खतरे में न डाले, और न ही मीडिया की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाए।'

एडिटर्स गिल्ड ने पुलिस से भी अपील की कि वो सुनिश्चित करे कि जांच से पत्रकारों को नुकसान न पहुंचे और ये जांच मीडिया के अधिकारों को दबाने का एक जरिया न बन जाए। 

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