रोजी रोटी अधिकार अभियान की मांग- घोषणापत्र में भोजन का अधिकार सुनिश्चित करें सभी राजनैतिक दल

Written by sabrang india | Published on: February 13, 2019
नई दिल्ली। ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index) में 119 देशों की सूची में भारत का 103वां स्थान है। पिछले साल भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) में 100वें स्थान पर था। गौर करने वाली बात यह है कि साल 2014 में केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार बनने के बाद से ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में लगातार गिरावट आई है। भारत में पिछले तीन साल में दिसंबर 2018 तक 65 लोगों मौत हो चुकी है। ऐसे में राइट टू फूड कैंपेन ने मांग की है कि सभी पार्टियां अपने घोषणापत्र में भोजन का अधिकार सुनिश्चित करें।

राइट टू फूड कैंपेन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि हम सभी राजनैतिक दलों से मांग करते हैं कि सब के भोजन का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए वे 2019 के चुनाव के घोषणा पत्र में निम्न मुद्दों पर ध्यान दें. यह याद रखने की आवश्यकता है कि देश के कई राज्यों से भूख से मौतों की लगातार खबरें आ रही हैं. साथ ही, कृषि संकट पर ध्यान आकर्षित करने के लिए किसान भारी संख्या में सड़क पर उतर रहे हैं.


हालांकि देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू है, पर हाल की भूख से मौतें यह संकेत देती हैं कि इस कानून की सोच और इसका कार्यान्वयन बहुत सीमित है. यह कानून इतना भी सुनिश्चित नहीं कर पा रहा कि कोई भी व्यक्ति भोजन के अभाव में भूखा न रहे. इस कानून में संशोधन की आवश्यकता है, जिससे इसका दायरा बढ़ सके, यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे (कानून में एक “स्टार्वेशन प्रोटोकॉल” भी शामिल हो) और लोगों के पोषण में सुधार लाने के लिए प्रावधान हो (जैसे जन वितरण प्रणाली में दाल और तेल शामिल करना, स्कूलों और आंगनवाड़ियों में मिलने वाले भोजन में अंडे शामिल होना आदि.)

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