प्रधानमंत्री मोदी रैली में नहीं जुटा पा रहे भीड़, आगरा में फेल हुई रैली

Published on: January 11, 2019
साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में बड़ी संख्या में समर्थक जुटते थे। लेकिन इस बार पार्टी को भीड़ जुटाना मुश्किल हो रहा है। बुधवार को आगरा में हुई रैली से पहले गरीबों की झोपड़ियों को उजाड़ने को लेकर जहां एक और उनकी आलोचना  हो  रही है वहीं इस रैली में काफी कम संख्या में लोग दिखे। इस रैली में मोदी- मोदी के नारे भी नहीं सुनाई दिए। बता दें कि इससे पहले साल 2013 में प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रुप में आगरा पहुंचे थे तब  यहां ऐतिहासिक भीड़ मौजूद थी।  उनको सुनने के लिए छतों पर भी लोगों का हुजूम उमड़ा था। कुछ ऐसे ही हालात नोटबंदी के दौरान हुए थे। उस समय नवंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां जनसभा को संबोधित किया था।



प्रधानमंत्री की रैली में भारी भीड़ का दावा करने वाले भाजपाईयों की पोल उस समय खुल गई, जब प्रशासन ने इस कार्यक्रम में एसडीएम को जिम्मेदारी सौंपी। हर एसडीएम ने प्रधानस्तर से 50—50 लाभार्थियों में पीएम के रैलीस्थल में जाने के लिए जिम्मेदारी सौंपी। नवंबर 2013 और 2016 की रैलियों में मोदी को लेकर जो दीवानगी देखने को मिली थी, बुधवार को ऐसे नजारे कम ही देखने को मिले। कोठी मीनाबाजार के मैदान की ओर जाने वाली सड़कों पर इन दो रैलियों में हजारों की संख्या की भीड़ निकली थी। लेकिन, आज की रैली में ये नजारा देखने को नहीं मिला।

पीएम की रैली में हाथरस में पहुंचे समर्थकों ने मीडिया से कहा कि सभी योजनाएं गांवों तक पहुंच रही हैं। वहीं सवर्ण आरक्षण पर एक बुजर्ग कार्यकर्ता का कहना था कि पहले दो जनरल कास्ट के लोगों की गवाही के बाद कार्रवाई होती थी लेकिन, अब ये भाजपा सरकार द्वारा इस नियम को बदल देने से परेशानी हो रही है। देखा जाए तो उनका कहना था कि एससी एसटी एक्ट की फांस अभी तक सवर्णों में है। सवर्ण आरक्षण के बिल का मुद्दा अभी तक गांव देहात तक नहीं पहुंच सका है। वहीं भाजपाई इस रैली को सफल बता रहे हैं।

एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष अल्हाज मुहम्मद इदरीस अली ने इस रैली पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी की कोठी मीना बाजार रैली आगरा की जनता ने अपना जवाब दे दिया है। अब हमारे अंदर झुठ सुने की ताकत नहीं है। यही वजह है आज आगरा की जनता ने रैली में न जाकर अपना जवाब दे दिया। साल 2019 के आगरा की दो लोक सभा में से एक भी सीट आगरा की जनता भारतीय जनता पार्टी से वापस लेकर नई पार्टी को मौका देगी। आरोप लगाए कि कोठी मीना बाजार में जो पब्लिक है वह रुपये देकर बुलाई गई। आगरा शहर की वोटर के आधार पर बात करें कम से कम 10 लाख के करीब वोटर हैं अगर उनमें से पांच लाख वोटर भारतीय जनता पार्टी का था, वह भी आज नज़र नहीं आया।

शहर का अगर एक लाख भारतीय जनता पार्टी वोटर अगर कोठी मीना बाजार पहुंचता तो कोठी मीना बाजार में कदम रखने की जगह नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि आज में आगरा की अवाम का तहदिल से शुक्रिया अदा करता हूं, आज उन्होंने लोकतंत्र को जिन्दा रखा। आज रैली में पब्लिक का कोठी मीना बाजार में न पहुंचे, लोकतन्त्र के 2019 लोक सभा चुनाव से पहले की जीत का हम स्वागत करते हैं।

बाकी ख़बरें