न्याय की उम्मीद छोड़ चुके हैं बलात्कार पीड़िता डेल्टा मेघवाल के पिता

Published on: January 25, 2017
नई दिल्ली। इस साल 29 मार्च को डेल्टा मेघवाल के बलात्कार-ह्त्या को एक साल पुरे हो जायेंगे। इस घटना के बाद से ही उसके भाई और पिता महेंद्र मेघवाल कोर्ट और पुलिस के चक्कर काट रहे हैं, पर न्याय अबतक नहीं मिला। हताश-निराश महेन्द्र मेघवाल कहते हैं की उन्होंने न्याय मिलने की उम्मीद छोड़ दी है। गडरारोड (त्रिमोही) निवासी कुमारी डेल्टा मेघवाल की बीकानेर के नोखा जैन आदर्श कन्या शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान के छात्रावास में 29 मार्च 2016 को हुई मौत के मामले में कई सवाल आज भी बरकरार हैं।

Delta Meghwal
 
इस मामले में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आये थे। जैन आदर्श कन्या शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान के छात्रावास में बीएसटीसी द्रितीय वर्ष की होनहार छात्रा कुमारी डेल्टा ने सुसाइड नहीं किया था बल्कि उसके साथ पहले कॉलेज के पीटीआई ने बलात्कार किया और उसके बाद उसको मार कर कुण्डी में डाला गया है। मृतका डेल्टा के परिजनों के मुताबिक डेल्टा मेघवाल बीकानेर के नोखा स्थित जैन आदर्श कन्या शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान के छात्रावास में बीएसटीसी द्रितीय वर्ष की छात्रा थी और होली के त्यौहार पर बीकानेर से बाड़मेर अपने पैतृक गांव आई थी।
 
होली का त्यौहार परिवार के साथ बिताने के बाद 27 मार्च को वापस अपने पिता के साथ बीकानेर रवाना हुई और बीकानेर पहुंचने के बाद रात अपने पिता के साथ रेलवे प्लेटफॉर्म पर बिताई और 28 मार्च को कुमारी डेल्टा को उसके पिता छात्रावास में छोड़कर वापस बाड़मेर रवाना हो गए थे। लेकिन बदकिस्मती से डेल्टा के पिता जैसे ही बीकानेर से वापस बाड़मेर अपने गांव पहुंचे तो उनके पास कुमारी डेल्टा का फोन आया की मुझे मेरी जान को खतरा है और मुझे बचा लो इस तरह की बात अपनी बेटी की जुबान से सुनने के बाद डेल्टा के पिता कुछ सम्भल पाते उससे पहले सुचना आ गई की उसकी बेटी की मौत हो गई है और उसका शव टांके में मिला है। कुमारी डेल्टा के पिता का आरोप है की उनके बीकानेर पहुँचने से पहले छात्रावास प्रशासन ने उसकी बेटी की लाश को मृत पशु ढोने वाले ट्रैक्टर में डाल कर मोर्चरी तक लाया गया।
 
राजस्थान की मुख़्यमंत्री वसुंधरा राजे डेल्टा मेघवाल की प्रतिभा की कायल थी-
अब इस दुनिया से अलविदा हो चुकी कुमारी डेल्टा मेघवाल इतनी होनहार थी की उसकी पेंटिंग की हुई रेगिस्तान के जहाज शीर्षक तस्वीर को मुख्यमंत्री ने अपने कार्यालय में भी लगाया था और बाकायदा मुख्य्मंत्री वसुंधरा राजे ने कुमारी डेल्टा को पत्र लिखकर पेंटिंग की सराहना की थी और जिला स्तर पर भी सम्मानित करवाया था। इतना ही नहीं कुमारी डेल्टा के हुनर को देखते हुए कई बार उपखण्ड मुख्यालय पर भी प्रशासन सम्मानित कर चुका है। कुमारी डेल्टा के पिता के अनुसार वो एक शिक्षक है उसके चलते हुए कुमारी डेल्टा को गांव से दूर कर पढ़ने के लिए भेजा था लेकिन जब यह घटना घटित हुई है उसके बाद कुमारी डेल्टा के पिता का कहना है की कोई भी बाप अपनी बेटी को दसवीं से आगे नहीं पढ़ाए क्योंकि बेटियां अब सुरक्षित नहीं है।
 


 
कुमारी डेल्टा मेघवाल की मौत के मामले में पुलिस ने पीटीआई विजेन्द्र सिंह को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था वहीं हॉस्टल वार्डन प्रिया शुक्ला को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मामले में मृतका के परिजनों द्वारा दी गई रिपोर्ट में पीटीआई विजेन्द्र सिंह, छात्रावास की वार्डन प्रिया शुक्ला, संचालक ईश्वर चंद्र वैद को दोषी ठहराया गया था क्योकि इन्होंने मिलकर ही महिलाओं की छात्रावास में पुरुष पीटीआई को कमरा दे रखा था जो नियमों के खिलाफ है।

 

 
इतना ही नहीं इस मामले में मृतका के पिता के अनुसार छात्रावास में केवल चार छात्राएं थी जिसका फायदा उठाते हुए छात्रावास की वार्डन प्रिया शुक्ला ने कुमारी डेल्टा को पीटीआई विजेंद्रसिंह के कमरे में सफाई करने के लिए भेजा और उसके बाद वार्डन के सहयोग से कुमारी डेल्टा को हवस का शिकार बनाया गया और विरोध करने पर उसकी हत्या की गई है।

 

 
फिलवक्त मामला न्यायालय में लंबित है आरोपियों पर आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 395, धारा 5 और POCSO (यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण अधिनियम) के 6 और धारा 110 और अनुसूचित जाति के 6/अनुसूचित जनजाति (पीओए) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। पिता महेन्द्र मेघवाल मुक़दमे की बात करते हुए फफक पड़ते हैं, कहते हैं मैं बेटी को आत्मनिर्भर बनाना चाहता था। बहुत सारे सपने थे बेटी के लेकर सब टूट गए। डेल्टा अब फाइल  में रखे पन्नो में तब्दील हो गयी है जो इस टेबल से उस टेबल न्याय की उम्मीद में दौड़ रही है।

Courtesy: Janta Ka Reporter
 

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