नगालैंड: उपमुख्यमंत्री के धमकाए जाने के एक हफ्ते बाद पत्रकार पर गोली चली

Written by sabrang india | Published on: September 2, 2025
नगालैंड के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता वाई. पैटन ने गत सप्ताह हॉर्नबिल टीवी के रिपोर्टर दीप सैकिया को एक जनसभा में सरेआम डांटा और धमकाया था। अब मणिपुर के सेनापति जिले में उन पर गोली चलाई गई है। उनकी हालत स्थिर है, लेकिन गोली अभी भी उनके शरीर में फंसी हुई है।


साभार : द वायर

नगालैंड के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता वाई. पैटन द्वारा एक स्थानीय टीवी चैनल के पत्रकार दीप सैकिया को जनसभा के दौरान धमकी देने की घटना के महज एक सप्ताह बाद, मणिपुर के सेनापति जिले के एक नगा गांव में एक पत्रकार पर गोली चलाने की घटना सामने आई है।

पहले कांग्रेस में रहे पैटन नगालैंड और मणिपुर के नगा इलाकों में एक प्रभावशाली राजनेता हैं, साथ ही वे राज्य के गृह मंत्री और सीमा मामलों के मंत्री भी हैं।

मालूम हो कि असम की सीमा से सटे नगालैंड के एक गांव में 23 अगस्त को आयोजित एक जनसभा में पैटन ने पत्रकार दीप सैकिया को देखते ही उनका नाम लेकर उन्हें डांटा और धमकाया था।

द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा नेता ने रिपोर्टर को हॉर्नबिल टीवी के लिए एक न्यूज रिपोर्ट में नगा ग्रामीणों को शामिल करने के लिए सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई थी, जिसमें ग्रामीणों ने कैमरे पर कहा था कि न तो पैटन और न ही स्थानीय विधायक अचुमेम्बो किकोन, लगभग एक महीने तक उनसे मिलने आए, जबकि असम सरकार राज्य की सीमा पर स्थित रेंगमा वन अभ्यारण्य में बेदखली अभियान चला रही थी।

इस वन अभ्यारण्य का एक हिस्सा विवादित भूमि पर स्थित है, जिस पर नगालैंड का दावा है और सीमा विवाद का मामला वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

सैकिया की रिपोर्ट में दिखाए गए ग्रामीणों के अनुसार, पैटन ने सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा केवल 24 जुलाई को किया था और उसके बाद से एक बार भी नहीं गए, जबकि ग्रामीण असम सरकार के बेदखली अभियान को लेकर बेहद चिंतित थे। रिपोर्ट में शामिल ग्रामीणों ने यह भी बताया कि विधायक भी गायब हैं। वोखा के डिप्टी कमिश्नर विनीत कुमार ने क्षेत्र का दौरा केवल 21-22 अगस्त को ही किया था।

हॉर्नबिल टीवी द्वारा 24 अगस्त को प्रसारित वोखा जिले के लिपहानयान गांव में आयोजित जनसभा के एक वीडियो क्लिप में पैटन को यह कहते हुए भी देखा जा सकता है कि उन्होंने ‘कुछ लोगों’ से पत्रकार दीप सैकिया को नगा इलाकों से भगाने के लिए कहा था, लेकिन वे अभी तक ऐसा नहीं कर पाए हैं। सैकिया असम के निवासी हैं। पैटन ने उनसे ‘उनके सामने न बैठने’ के लिए भी कहा था और कहा कि उनसे पूछे गए किसी भी सवाल को वह ‘बर्दाश्त नहीं करेंगे।’

भाजपा नेता ने संवाददाता से क्षेत्र के पूर्व विधायक एम. किकोन का सीमा मुद्दे पर साक्षात्कार लेने पर भी सवाल उठाया। किकोन हाल ही में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता छोड़ने से पहले पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता थे। भंडारी विधानसभा क्षेत्र में किकोन को नगा पीपुल्स फ्रंट के अचुमेम्बो किकोन ने हराया था, और स्थानीय स्तर पर उन्हें पैटन का काफी करीबी माना जाता है।

इसके कुछ ही दिनों बाद, 30 अगस्त को सैकिया को मणिपुर के सेनापति जिले के एक नगा गांव में गोली मार दी गई। सैकिया फूलों की एक प्रदर्शनी की कवर कर रहे थे। स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार, नगा-बहुल जिले के लाई गांव में जिस युवक ने रिपोर्टर के पैर और बगल में गोली मारी, उसे ग्रामीणों ने पकड़ लिया है।

ईस्टर्न मिरर के अनुसार, तुंगजॉय थाने के प्रभारी टिमोथी रोनामाई ने पुष्टि की है कि युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने आगे कहा, “हालांकि, आगे की जानकारी उपलब्ध नहीं है क्योंकि जांच अभी भी जारी है।”

खबर में रोनामाई के हवाले से कहा गया है, “सैकिया की हालत स्थिर है, उनकी बगल में गोली अभी भी फंसी हुई है।”

हॉर्नबिल टीवी ने एक बयान जारी कर सैकिया पर ड्यूटी के दौरान हुए ‘चौंकाने वाले और निंदनीय’ हमले की कड़ी निंदा की है।

हॉर्नबिल टीवी के संपादक जुथोनो मेक्रो ने कहा, “सैकिया पर गोली चलाना न केवल उन पर हमला है, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी एक सीधा हमला है।”

यह कहते हुए कि मीडिया पेशेवरों के खिलाफ हिंसा ऐसे समाज में बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए जो न्याय, पारदर्शिता और जवाबदेही को महत्व देता है, मेक्रो ने हमलावर और उसके किसी भी साथी के खिलाफ सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की।

मोकोकचुंग टाइम्स ने भी ‘नाराजगी’ जाहिर करते हुए इस घटना की कड़ी निंदा की और इसके खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की। साथ ही, उसने दोहराया कि किसी पत्रकार पर हमला प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है।

अखबार ने कहा, “ऐसी घटनाएं इस क्षेत्र में पत्रकारों के सामने बढ़ते खतरों को उजागर करती हैं और हम राज्य, नागरिक समाज एवं नागरिकों से प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए मिलकर काम करने का आग्रह करते हैं।”

इससे पहले कोहिमा प्रेस क्लब और मोकोकचुंग प्रेस क्लब ने पैटन द्वारा पत्रकार को दी गई धमकियों की कड़ी निंदा की थी।

31 अगस्त को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी एक बयान जारी कर पैटन को चेतावनी दी थी कि, “इस तथ्य का सम्मान करें कि पत्रकारों का काम केवल मंत्रियों की बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना और उनके जनसंपर्क अधिकारी की तरह काम करना नहीं है, बल्कि आम नागरिकों को भी एक मंच प्रदान करना है ताकि वे सरकार और/या उसके वरिष्ठ मंत्रियों के खिलाफ अपनी चिंताएं और शिकायतें व्यक्त कर सकें, खासकर जब वे अपने घरों में सुरक्षित महसूस नहीं करते हों।”

पीसीआई के बयान में आगे कहा गया, “प्रेस क्लब ऑफ इंडिया रिपोर्टर के साथ खड़ा है, और नगालैंड के उपमुख्यमंत्री को चेतावनी देता है कि वे इस तरह के व्यवहार पर तुरंत रोक लगाएं, क्योंकि इससे एक पत्रकार को अपना पेशा पूरी तरह से करने से रोका जा सकता है। ऐसे कृत्य प्रेस की स्वतंत्रता का उल्लंघन हैं; यह संविधान के अनुच्छेद 19 के भी खिलाफ है, जो प्रत्येक नागरिक को काम करने के अधिकार की गारंटी देता है।”

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