मार्च 2019 तक बंद हो सकते हैं देश के आधे से ज्यादा ATM

Written by Sabrangindia Staff | Published on: November 22, 2018
मार्च 2019 तक देशभर के आधे एटीएम (automated teller machines) बंद हो सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो उपभोक्ताओं को कैश निकालने में भारी समस्या का सामना करना पड़ सकता है. यह चेतावनी उद्योग संगठन कन्फेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (CATMi) ने दी है. 



कैटमी ने बुधवार को चेतावनी देते हुए कहा कि एटीएम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड के साथ ही नकदी प्रबंधन योजनाओं के हालिया मानकों के चलते मार्च 2019 तक संचालन के अभाव में 50 फीसदी एटीएम बंद हो जाएंगे.

कैटमी के स्पोक्सपर्सन ने कहा कि भारत में इस समय तकरीबन 2.38 लाख एटीएम मशीनें हैं. सर्विस प्रोवाइडरों को देश के करीब 1.13 लाख ATMs को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा सकता है. इनमें से एक लाख ऑफ-साइट और 15,000 से ज्यादा वाइट लेबल एटीएम हैं। इंडस्ट्री बॉडी ने एक बयान में कहा कि ATMs के बंद होने से हजारों नौकरियों और सरकार के वित्तीय समावेशन के प्रयासों पर असर पड़ेगा. 

उन्होने कहा कि एटीएम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने के लिए दिशानिर्देश, नकदी प्रबंधन मानकों की हालिया शर्तें और कैश लोडिंग की कैसेट स्वैप पद्धति के कारण एटीएम का संचालन आसान नहीं होगा और इस कारण इसे बंद करना पड़ सकता है. उद्योग संगठन ने कहा कि ज्यादातर ATMs ग्रामीण इलाकों के बंद होंगे. ऐसे में साफ है कि इसका असर सरकारी सब्सिडी का लाभ पाने वाले लोगों पर भी पड़ेगा जो मशीनों का इस्तेमाल पैसे निकालने के लिए करते हैं. 

बयान में कहा गया कि इस कदम से उद्योग में भारी बेकारी भी आएगी, जो पूरी अर्थव्यवस्था में वित्तीय सेवाओं के लिए हानिकारक होगी. दरअसल, कैटमी का कहना है कि नए कैश लॉजिस्टिक्स और कैसेट स्वैप प्रणाली के कारण इंडस्ट्री पर 3,000 करोड़ का खर्च आएगा. बयान में कहा गया कि एटीएम इंडस्ट्री जिसमें मैनेज्ड सर्विस प्रोवाइडर, ब्राउन-लेबल एटीएम डिप्लॉयर्स और वाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर्स अब भी नोटबंदी के झटके से उबर रहे हैं.

बयान कहा गया है, 'अतिरिक्त अनुपालन जरूरतों (जिसमें ज्यादा खर्च आएगा) के कारण अब हालात और भी खराब हो गए हैं. इतना खर्च करना सर्विस प्रोवाइडरों के लिए वित्तीय संकट जैसा है और ऐसे में उन्हें मजबूर होकर एटीएम मशीनों को बंद करना पड़ सकता है.' 

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